लापरवाही बरतने वाले थानाध्यक्ष व  क्षेत्राधिकारी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी-डीजीपी

हरिद्वार सोना लूट कांड के बदमाश बने पहेली

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष का हमला जारी है। हरिद्वार में सोना व्यापारी की दुकान में डकैती डालने वाले बदमाश पुलिस के कब्जे में नहीं आये। इधर, डीजीपी ने एक बार फिर सख्त निर्देश जारी किए हैं।

बुधवार को पुलिस महानिदेशककी अध्यक्षता में समस्त परिक्षेत्र/जनपद प्रभारियों, पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ/ रेलवेज के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से अपराध एवं कानून व्यवस्था, महिलाओं एवं बाल अपराध,यातायात व्यवस्था, साइबर क्राइम तथा ड्रग्स की रोकथाम के सम्बन्ध में समीक्षा गोष्ठी आयोजित की गयी ।

अभिनव कुमार, पुलिस महानिदेशक ने कहा कि ड्रग्स फ्री स्टेट की परिकल्पना को साकार करते हुए कानून एवं शान्ति व्यवस्था, यातायात व्यवस्था से सम्बन्धित समस्याओं का विश्लेषण कर इसका निराकरण किया जाये। गम्भीर आपराधिक घटनाओं पर पुलिस द्वारा सख्त कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया।

पुलिस महानिदेशक ने आवश्यक दिशा-निर्देश दिये –

1- अपराध नियन्त्रण एवं कानून व्यवस्थाः-

• आपराधिक घटनाओं के घटित होने पर पुलिस द्वारा तत्काल  अभियोग पंजीकृत करते हुए घटनाओं का शीघ्र अनावरण करें  शिथिलता/लापरवाही बरतने वाले थानाध्यक्ष व सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों के एसीआर में प्रतिकूल प्रविष्टि भी शामिल होगी। गम्भीर अपराधों, चोरी, वाहन चोरी, चेन लूट, डकैती इत्यादि घटनाओं का अनावरण 90% प्रतिशत  व चोरी व लूटी गयी सम्पत्ति की बरामदगी 70%  से अधिक होनी चाहिए।

• विगत 03 वर्षों से वाहन चोरी के अभियुक्त जेलों में निरूद्ध है उनकी जानकारी लेकर नियमित रूप से मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाये। वाहन चोरी की घटनाओं पर विशेष ध्यान देते हुए प्रभावित क्षेत्रों को चिन्हित किया जाये।

• सीसीटीवी कैमरों की कवरेज बढायी जाये तथा अलग से कंट्रोल रूम से नियंत्रित कर वाहन चोरी, गृह भेदन जैसी आपराधिक घटनाओं के अनावरण किया जाये साथ ही कानून एवं शान्ति व्यवस्था एवं यातायात प्रबन्धन हेतु फुटेज का सदुपयोग किया जाये ।

• जनपदों के विगत 03 वर्षों के गम्भीर अपराधों, हत्या, लूट, डकैती, वाहन चोरी इत्यादि अपराधों की समीक्षा करते हुए जनपद प्रभारियों के आपराधिक आंकडों का विश्लेषण करने कर अपराधों के अनावरण, सम्पत्ति की बरामदगी एवं निरोधात्मक कार्यवाही करने हेतु प्लान आफ एक्शन तैयार करने हेतु निर्देश दिये ।

• राष्ट्रीय राजमार्ग पर जलूस, धऱना / प्रदर्शन करने से आम जनता को होने वाली समस्या के दृष्टिगत प्रदर्शन कारियों के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत करें व पूर्व में ऐसे पंजीकृत अभियोगों की समीक्षा भी की जाये ।

• संवेदनशील एवं गम्भीर अपराधों में समय से  मीडिया को ब्रीफ कर  पुलिस द्वारा कृत कार्यवाही की जानकारी दी जाये साथ ही मासिक अपराध गोष्टी के उपरान्त  मीडिया को ब्रीफ किया जाएगा।

• अन्य प्रकरण जैसे  अंतरजातीय व अंतरधार्मिक विवादों  सम्बन्धी प्रकरणों में समय से अभियोग पंजीकृत कर विधिसम्मत कानूनी कार्यवाही की जाये, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाये कि किसी नि्र्देोष व्यक्ति का उत्पीड़न न होने पाये ।

• राज्य की विभिन्न परियोजनाओं  में बाहर से आने वाले दैनिक मजदूरों की पृष्ठभूमि की जानकारी करते हुए अनिवार्य रूप से सत्यापन कराया जाय।

• ईनामी/ वांछित अपराधियों की धरपकड हेतु चलाये गये 01 माह के विशेष अभियान की समीक्षा करते हुए, सभी जनपद प्रभारियों को स्वयं संज्ञान लेते हुए अभियान को सफल बनाने हेतु प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये साथ ही अभियान की मुख्यालय स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा करने के निर्देश दिये गये।

• आगामी नगर निकाय व विधानसभा उपचुनाव के दृष्टिगत कार्यवाही, मिश्रित आबादी क्षेत्रों में संदिग्ध लोगों का सत्यापन की कार्यवाही, जलूस धऱना/ प्रदर्शन के दौरान निर्धारित एसओपी के अनुसार क्राउड मैनेजमेंट की कार्यवाही की जाये ।

2- महिला एवं बाल अपराधः-

• पोक्सो एक्ट /महिला एवं बच्चों के विरूद्ध होने वाले अपराधों पर तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए गए, पोक्सो एक्ट में अभियुक्त की गिरफ्तारी, पीडिता के मा0 न्यायालय के समक्ष बयान, पीडिता की मनोवैज्ञानिक एक्सपर्ट द्वारा काउंसलिग, पीडिता व उसके परिवार सम्बन्धित अपर पुलिस अधीक्षक/ क्षेत्राधिकारी स्तर के अधिकारी द्वारा व्यक्तिगत रूप से संवाद किया जाएगा। साथ ही सभी स्कूलों और काॉलेजों में पोक्सो एक्ट के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एक एजूकेशन माॉडल तैयार किया जायेगा जिससे छात्र-छात्राओं को इन कानूनो की जानकारी दी जा सके एवं महिलाओं की सुरक्षा और सहायता के लिए हैल्पलाइन नम्बरों का प्रचार-प्रसार किया जाए ।

3- साईबर अपराधः-

• साइबर क्राइम देश में सबसे बड़ा उभरता हुआ क्राइम है। सभी जनपद प्रभारी इसे प्राथमिकता पर लें। आई0टी0 एक्ट के अन्तर्गत विवेचनाओं को तेजी से निपटाने के लिए प्रशिक्षित निरीक्षकों को नियुक्त किया जाये तथा साईबर अपराध के सम्बन्ध में व्यापक स्तर पर जनजागरूकता कार्यक्रम चलाए जाए ।

4- ड्रग्स एवं मादक पदार्थो की रोकथामः-

• उत्तराखण्ड राज्य को ड्रग्स मुक्त राज्य बनाने के लिए  बडे ड्रग्स पैडलरों तथा सोर्स ऑफ ड्रग्स को चिन्हित कर उनके विरूध कार्यवाही की जाये साथ ही एनसीबी से सेटेलाइट डाटा लेकर अवैध अफ़ीम/चरस की खेती को नष्ट करने की कार्यवाही को अमल में लाया जाए, सिन्थैटिक ड्रग्स द्वारा युवाओं को अभ्यस्त बनाने का प्रयास न हो इस सन्दर्भ में बरामद ड्रग्स में सिन्थैटिक ड्रग्स की मात्रा को विधि विज्ञान प्रयोगशाला से परीक्षण कराकर  तदनुसार एनडीपीएस एक्ट के अनुसार कार्यवाही की जाए ।

5- यातायात प्रबन्धनः-

• यातायात के संबंध में डीजीपी महोदय द्वारा यातायात निदेशक अरूण मोहन जोशी को यातायात प्रबंधन हेतु मैनपावर का आंकलन करने हेतु निर्देशित  किया जिससे  यातायात ड्यूटी में अधिक से अधिक   कार्मिकों की नियुक्ति की  जा सके।  हॉट-स्पॉट अथवा दुर्घटना जनित स्थानों पर उनकी नियुक्ति करने के निर्देश दिये व मुख्य हाईवेज पर कट एवं इन पर गलत साइड से वाहन ले जाने के बारे में आवश्यक कार्यवाही करने हेतु बताया गया ।

इस दौरान ए0पी0 अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, अभिसूचना, पुलिस महानिरीक्षक अभिसूचना, श्रीमती विम्मी सचदेवा, पुलिस महानिरीक्षक मुख्यालय, कृष्ण कुमार वी0के0,  के0एस0 नागन्याल, पुलिस महानिरीक्षक गढवाल परिक्षेत्र, अरूण मोहन जोशी, निदेशक यातायात, सेंथिल अबुदई कृष्ण राज एस,पुलिस उपमहानिरीक्षक, प्रो0एण्ड मार्ड0,  सुश्री पी0रेणुका देवी पुलिस उपमहानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारी गण मौजूद रहे ।

Total Hits/users- 30,52,000

TOTAL PAGEVIEWS- 79,15,245

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *