‘ सामूहिक गतिविधियों व तकनीक से तनाव पर नियंत्रण संभव’

स्ट्रेस मैनेजमेंट पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

अविकल उत्तराखंड 

देहरादून। राजकीय महाविद्यालय खाड़ी में स्ट्रेस मैनेजमेंट पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्रों को तनाव से निपटने के तरीके के बारे में जागरूक करना और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों द्वारा अपने अनुभव साझा किए गए तथा स्ट्रेस मैनेजमेंट की तकनीकी और समय प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की गई ।उन्होंने बताया कि इन तकनीकियों को दैनिक जीवन में शामिल करके तनाव को काफी हद तक काम किया जा सकता है। तनाव आज के समय में एक आम समस्या बन चुका है और इसका प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है ।

विषय विशेषज्ञ डॉक्टर तनुजा पोखरियाल ने बताया कि हमें अपने तनाव व समस्या के बारे में अपने परिजनों से खुलकर चर्चा करनी चाहिए जिससे समाधान की ओर बढ़ा जा सके उनके द्वारा बताया गया कि किस प्रकार नकारात्मक विचार दबाव और जीवन की अनिश्चितताएं तनाव को जन्म देती हैं उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आत्म जागरूकता और सकारात्मक सोच तनाव को प्रबंध करते हैं।

कार्यशाला की संयोजक डॉक्टर सीमा पांडे द्वारा पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया गया कि योग और ध्यान न केवल शरीर को लचीला और स्वस्थ बनाते हैं बल्कि मन को शांत और स्थिर भी रखता है तनाव से बचने के लिए यह सबसे सरल और प्रभावित तरीका है ,उन्होंने छात्राओं को यह भी कहा कि जितना ज्यादा हम संचार के माध्यम का प्रयोग करेगे उतना ही हम परिवार और समाज से दूर होते जायेगे ।

कार्यशाला की आयोजक डॉक्टर संगीता बिजल्वाण जोशी ने छात्राओं को तनाव से निपटने के लिए समूह गतिविधियों के माध्यम से समस्या समाधान और तनाव निवारण की तकनीकियों को सिखाया उनके द्वारा बताया गया कि किस तरह हम तनाव के शारीरिक मानसिक लक्षणों की पहचान करते हैं तथा उनसे निपटने के लिए रणनीतियां को विकसित करते हैं उनके द्वारा छात्रों को स्वस्थ भोजन ,व्यायाम तथा पसंद के कार्य करने के लिए प्रेरित किया समापन सत्र में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर ए 0के 0सिंह ने कार्यशाला के सफल होने तथा इस कार्यशाला द्वारा तनाव प्रबंधन के महत्व को उजागर किया और सभी को अपने जीवन में संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा दी साथ यह कहा कि समय-समय पर इस तरह के कार्यशालाएं का आयोजित होते रहनी चाहिए जिससे छात्रा छात्राओ को तनाव से निपटने के लिए सशक्त बनाया जा सके और जीवन को एक नई दृष्टि से देखने के लिए प्रेरित किया जा सके ।

कार्यशाला में महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापिका डॉ निरंजना ,डॉ शन्नवर, डॉ मीना डॉ ईरा सिंह डॉअनुराधा कार्यालय अधीक्षक आर एस बिष्ट दीपक ,मनीषा ,आशीष , काजल, सुभाष ,अमन, रितिका राखी, निकिता ,कल्पना, मीनाक्षी प्रीति ,प्रियंका,कोमल, सहित महाविद्यालय के सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

यह पहल मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है जिससे सभी प्रतिभागियों ने बेहद सराहा और इसमें भाग लेने के लिए आभार व्यक्त किया।

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