बीते चार साल में उत्तराखण्ड में एस.सी.-एस.टी. मुकदमो में हुई बढ़ोत्तरी

उत्तराखंड पुलिस ने 34 में चार्जशीट तथा 2 में लगायी फाइनल रिपोर्ट

देखें आंकड़े

वर्ष 2023 में एस.सी./एस.टी. एक्ट के दर्ज हुये 63 मुकदमे

वर्ष 2022 में 28, वर्ष 2021 में 22 तथा वर्ष 2020 में दर्ज हुये 21 मुकदमे

अविकल उत्तराखण्ड

काशीपुर। उत्तराखंड में जातिगत उत्पीड़न व भेदभाव बढ़ रहा है। यह पुलिस मुख्यालय द्वारा उपलब्ध कराये गये एस.सी./एस.टी एक्ट के अपराधों की बढ़ोत्तरी से लगता है। उत्तराखंड में जहां वर्ष 2020 में एस सी/एस टी एक्ट के 21 मुकदमें दर्ज हुये है, वह 2021 में बढ़कर 22 तथा 2022 में बढ़कर 28 तथा 2023 में तिगुने से अधिक 64 हो गये हैं। यह खुलासा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ है।

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) ने उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से वर्ष 2023 में दर्ज अपराधों सम्बन्धी विवरणों की सूचना चाही थी।

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इसके उत्तर में पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड की लोक सूचना अधिकारी/अपर पुलिस अधीक्षक (कार्मिक), शाहजहां जावेद खान ने अपने पत्रांक 53 के साथ पुलिस उपाधीक्षक सी.सी.टी.एन.एस. विवेक सिंह कुटियाल द्वारा उपलब्ध कराये गये एससी/एसटी एक्ट सम्बंधी अपराध के विवरण की सत्यापित फोटो प्रति उपलब्ध करायी है।

वर्ष 2023 के एस.सी/एस.टी एक्ट सम्बन्धी अपराध विवरण के अनुसार 01 जनवरी से 31 दिसम्बर 2023 तक उत्तराखंड में कुल 64 अपराध दर्ज हुये। इसमें से 2 केस कार्यवाही योग्य नहीं पाये गये जिसमें फाइनल रिपोर्ट लगायी गयी तथा 34 में अपराध होना पाया गया तथा अभियुक्तों को दण्ड दिलाने हेतु चार्जशीट न्यायालय को प्रेषित की गयी, इनमें वर्ष में 17 व्यक्तियों को गिरफ्तार भी किया गया। यह सभी अपराध प्रदेश के 9 जिलों मंें दर्ज हुये हैं। चम्पावत, रूद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल तथा उत्तरकाशी जिले में एस.सी/एस.टी अधिनियम का वर्ष 2023 में कोई अपराध दर्ज नहीं हुआ है।

पुलिस मुख्यालय के लोक सूचना अधिकारी द्वारा पूर्व में उपलब्ध कराये 2020-22 के तुलनात्मक विवरण के अनुसार वर्ष 2020 में प्रदेश के 4 जिलों में 21 मुकदमें दर्ज हुये, 2021 में प्रदेश के 4 जिलों में 22 मुकदमें तथा वर्ष 2022 में प्रदेश में 5 जिलों में 28 मुकदमें एस.सी/एस.टी एक्ट के दर्ज हुये थे।

जिलावार तुलना करने पर अल्मोड़ा जिले में वर्ष 2023 में 1 मुकदमा दर्ज हुआ जबकि वर्ष 2022 में भी 1 मुकदमा दर्ज हुआ है जबकि 2020 तथा 2021 में कोई ऐसा मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। बागेश्वर जिले में वर्ष 2023 में 5 मुकदमें दर्ज हुये है जबकि 2020 से 2022 में कोई मुदकमा दर्ज नहीं हुआ है। चमोली में वर्ष 2023 में 1 मुकदमा दर्ज हुआ जबकि 2020-22 में कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।

चम्पावत तथा उत्तरकाशी में 2020 से 2023 तक 4 वर्षाें में एस.सी./एस.टी. एक्ट का कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। रूद्रप्रयाग जिले में वर्ष 2023, 2021 व 2020 में कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है लेकिन 2022 में 2 मुकदमें दर्ज हुये है। टिहरी गढ़वाल में वर्ष 2023 में तो कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है लेकिन 2022 तथा 2020 में 5-5 तथा 2021 में 3 मुकदमें दर्ज हुये है।

वर्ष 2023 में देहरादून जिले में सर्वाधिक 23 मुकदमंे एस.सी/एस.टी एक्ट के दर्ज हुये जबकि 2022 में 17, वर्ष 2021 में 9 तथा 2020 में 11 मुकदमें दर्ज हुये थे।

वर्ष 2023 में दूसरे स्थान पर उधमसिंह नगर जिले में 19 मुकदमें दर्ज हुये हैं जबकि 2020 से 2022 तक इस जिले में एससी/एस.टी एक्ट का कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था।

वर्ष 2023 में तीसरे स्थान पर हरिद्वार जिले में 9 मुकदमें दर्ज हुये है जबकि 2020 से 2022 तक इस जिले में भी एससी/एस.टी एक्ट का कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था।

वर्ष 2023 में नैनीताल जिले में 2 मुकदमें दर्ज हुये है जबकि वर्ष 2020 से 2022 तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ।
पौड़ी गढ़वाल में वर्ष 2023 में 1 मुकदमा दर्ज हुआ है जबकि 2020 व 2021 में 4-4 तथा 2022 में 2 मुकदमें दर्ज हुये हैं।
पिथौरागढ़ जिले में वर्ष 2023 में 3 मुकदमें दर्ज हुये ंहंेै जबकि 2020 से 2022 तक एससी/एस.टी एक्ट का कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।

उत्तराखंड में 2023 में जिन एससी/एस.टी मुकदमों में फाइनल रिपोर्ट लगी है वह सभी 2 हरिद्वार जिले के हैं। जबकि चार्जशीट वाले 34 मुकदमों में 14 उधमसिंह नगर जिले, 9 देहरादून, 3-3 हरिद्वार व बागेश्वर, 2 पिथौरागढ़ तथा 1-1 मुकदमा अल्मोड़ा, नैनीताल तथा पिथौरागढ़ जिले का है।

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