दीपावली व जाड़ों में वन व वन्यजीवों की सुरक्षा के बाबत एडवाइजरी जारी

देखें एडवाइजरी- दीपावली पर उल्लुओं के शिकार पर वन विभाग अलर्ट

अविकल उत्तराखंड 

देहरादून। दीपावली पर्व एवं शीत ऋतु के दौरान वनों एवं वन्यजीवों की सुरक्षा के सम्बन्ध में विभाग ने विशेष दिशा निर्देश जारी किए हैं।

देखें,प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक की ओर से जारी एडवाइजरी

प्रदेश में शीत ऋतु का आगमन होने को है तथा कुछ ही दिनों में दीपावली का त्योहार भी आने वाला है। दीपावली के त्योहार के समय अतिरिक्त सर्तकता रखे जाने की आवश्यकता है। इस दौरान अंधविश्वास के चलते उल्लूओं के अवैध शिकार की आशंका रहती है। आप विदित ही है कि उल्लूओं की विभिन्न प्रजातियां वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 यथा संशोधित 2022 के तहत पूर्णतः संरक्षित है व इनके शिकार अथवा शिकार का प्रयास उक्त अधिनियम के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।

साथ ही शीत ऋतु में प्रायः अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात होने पर अनेक वन्यजीव प्रजातियाँ निचली ऊंचाई वाले क्षेत्रों व घाटियों में आ जाते हैं। इन्हीं कारणों से अधिक ऊंचाई एवं हिमपात वाले क्षेत्रों में अवैध शिकार की घटनाओं के होने की सम्भावना बढ़ जाती है।

अतः दीपावली पर्व एवं शीत ऋतु के दौरान वनों एवं वन्यजीवों की सुरक्षा हेतु प्रभावी कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। आपके द्वारा की जा रही कार्यवाही में निम्नलिखित बिन्दुओं को भी सम्मिलित कर लिया जायेः-

1. वन कर्मचारियों द्वारा छोटी दूरी गश्त, लम्बी दूरी गश्त तथा वाहनों द्वारा गश्त करायी जाये तथा ऊंचाई वाले क्षेत्रों के पैदल मार्गों व खालों (Passes) पर विशेष निगाह रखें।

2. प्रदेश की सीमा से लगे वन प्रभाग अवैध शिकार हेतु अधिक संवेदनशील है। अतः उन वन प्रभागों में पड़ौसी राज्य के वन विभाग से उचित समन्वय स्थापित कर कार्यवाही की जाये।

3. वन्यजीवों के शिकार की रोकथाम हेतु प्रभावी आसूचना तंत्र विकसित करें। इसके लिये यथासम्भव जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर एल०आईयू० से भी सहायता ली जा सकती है।

4. सीमान्त क्षेत्रों में स्थित वन प्रभागों के प्रभागीय वनाधिकारी इन क्षेत्रों में तैनात सुरक्षा बलों से भी समन्वय बनाये रखें व उन्हें भी शीत ऋतु में वन्यजीव अपराधों के सम्बन्ध में उनसे अपेक्षित सहयोग प्राप्त करें।

5. ऊंचाई वाले क्षेत्रों में राशन की दुकानों पर नजर रखें। यदि कोई अधिक मात्रा में राशन की खरीद कर रहा हो तो उसकी गतिविधियों पर निगाह रखें। प्रायः शिकारी दल वर्ष के इस समय अधिक मात्रा में राशन संग्रहण कर के शिकार पर निकलते हैं।

. संवेदनशील क्षेत्रों में वन्यजीवों का अनुश्रवण करने के साथ-साथ नदी-नालों, बटिया, रौखड़ आदि क्षेत्रों में शिकारियों के प्रवेश की निगरानी हेतु विभिन्न प्रकार के कैमरा ट्रैप लगाये जा सकते है।

7. अपने नियंत्रणाधीन क्षेत्रों के पोस्ट ऑफिस / पार्सल भेजने वाले ऑफिस / रेलवे स्टेशनों आदि संस्थानों में भी ठोस निगरानी रखे जाने हेतु उनके नियंत्रक अधिकारी को अवगत करायें कि वर्तमान में वन्यजीवों के छोटे-छोटे अंग जैसे-उल्लू के अंगो, पैंगोलिन के शल्क, चिडिया के पंख, नेवले के फर एवं भालू के पित्त, आदि अंगो की पार्सलों के माध्यम से वन्यजीव तस्करी होने की संभावना हो सकती है।

8. वन विभाग के बैरियरों / चैक पोस्ट पर अलर्ट जारी करें कि उक्त स्थानों से आने-जाने वाले प्रत्येक वाहनों की भली-भांति चैकिंग करें।

अतः आपको निर्देशित किया जाता है कि सुनिश्चित करें कि ऐसी कोई अपराधिक गतिविधि आपके क्षेत्रों में न होने पाये। इस क्रम में अपने अधीनस्थ फील्ड स्टाफ को कड़े निर्देश भी जारी करें।

Total Hits/users- 30,52,000

TOTAL PAGEVIEWS- 79,15,245

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *