केदारनाथ उपचुनाव- भाजपा दावेदार पर दांव खेल सकती है कांग्रेस

कांग्रेस के अंदर भाजपा के दावेदारों पर मंथन शुरू

हरदा ने केदारनाथ उपचुनाव के बहाने भाजपा के खेला की खोली कलई

अविकल थपलियाल

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ उपचुनाव में भाजपा व कांग्रेस   अभी तक उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई। दोनों जी दल रक दूसरे की सूची को उलट पलट रहे हैं।
बदरीनाथ व मंगलौर की जीत से उत्साहित कांग्रेस अपनी पार्टी के दावेदारों के अलावा भाजपा के ‘बागियों’ को भी परख सकती है।

दोनों दलों के पैनल हाईकमान तक पहुंचा दिए गए हैं। केदारनाथ उपचुनाव का परिणाम भाजपा की अंदरूनी राजनीति को काफी हद तक प्रभावित करेगा।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि उपचुनाव के सभी विकल्पों पर विचार चल रहा है। कांग्रेस पार्टी भाजपा के टिकट से वंचित प्रमुख दावेदार को अपना प्रत्याशी बना सकती है।
इस कड़ी में पूर्व विधायक शैलारानी की पुत्री ऐश्वर्या रावत का नाम पहले नंबर पर है। ऐसा कर कांग्रेस पार्टी शैलारानी रावत के निधन से केदारनाथ क्षेत्र में उपजी सहानुभूति लहर व भाजपा से मिली उपेक्षा को मुख्य मुद्दा बना सकती है।

गौरतलब है कि कांग्रेस की विधायक रही शैलारानी रावत 2016 की बगावत के बाद भाजपा में शामिल हो गयी थी।

कांग्रेस का यह दांव भाजपा के अंदर खलबली मचाने के लिए काफी है। चूंकि भाजपा में दावेदारों की सूची लम्बी होती जा रही है। इस कड़ी में पूर्व सीएम तीरथ रावत व पूर्व सीडीएस विपिन रावत के परिजनों का नाम भी जुड़ गया है। ऐसे में स्थानीय व बाहरी उम्मीदवार का सवाल भी खूब उछल रहा है। पूर्व में निर्दलीय चुनाव लड़े कुलदीप रावत इस बार भी पूरी तैयारी के साथ मैदान में डटे है। जबकि भाजपा की पूर्व विधायक आशा नौटियाल को पार्टी कैडर का सपोर्ट मिल रहा है।
कर्नल अजय कोठियाल समेत कई अन्य नाम भी केदारनाथ के रण में उतरने को बेताब है। कुल मिलाकर भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की सीट केदारनाथ में प्रत्याशी चयन टेढ़ी खीर माना जा रहा है।

भाजपा के ‘खेला’  को हरदा ने खोला

इधर, कांग्रेस के नेता भी तड़का मारने से नहीं चूक रहे हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत सार्वजनिक तौर पर भाजपा की मौजूदा अंदरूनी राजनीति पर खुलेआम टिप्पणी कर ही रहे हैं। पूर्व सीएम का कहना है कि भाजपा का एक गुट केदारनाथ उपचुनाव को मौका मानकर खेल पलटने की कोशिश में है। भाजपा का यह गुट अस्थिरता की योजना बना रहा है जबकि दूसरा गुट बचाने की भूमिका में है।

पूर्व सीएम का यह इशारा भाजपा खेमे में हलचल मचाने के लिए काफी मुफीद माना जा रहा है।

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