‘लोगों को बेघर न किया जाये, संवैधानिक मूल्यों का हनन न हो’

संविधान दिवस पर आहूत जनसभा में गरीबों को हक दिलाने की उठी आवाज

अविकल उत्तराखंड 

देहरादून। संविधान दिवस के अवसर पर राजीव नगर कंडोली में आयोजित जनसभा में सौ से ज्यादा आम लोगों के साथ विपक्षी दलों एवं जन संगठनों के प्रतिनिधि इकट्ठे हो कर आवाज़ उठाई कि सरकार लोगों के घरों को और संविधान के मूल्यों को खतरे में डाल रही है।

“नफरत नहीं रोज़गार दो”, “उठेंगे भारत के वास्ते, न्याय समता इंसानियत के नाते” के नारों के साथ सभा मे प्रतिभाग़ करते हुए लोगों ने संविधान की उद्देशिका पर संकल्प लिया।

लोगों ने कहा कि जब सरकार को पता है कि गलत नीतियों की वजह से मज़दूरों और गरीबों को किसी भी नियमित कॉलोनी में किराये पर भी घर नहीं मिलेगा, उनको बार बार उजाड़ना अत्याचार है। उन्होंने मांग उठाया कि हाल में आया अध्यादेश सिर्फ विधान सभा सत्र तक वैध होगा, इसे “अधिनियम” बनाया जाये।

विनाशकारी “एलिवेटेड रोड” प्रोजेक्ट को रद्द किया जाना चाहिए और गरीबों के लिए व्यवस्था पर सरकार को अपनी चुप्पी को तोड़नी चाहिए। सभा को संबोधित करते हुए प्रतिनिधियों ने कहा कि संविधान हर नागरिक को इज्जत और आज़ादी से जीने का हक़ देता है, और सरकार उन मूल्यों पर लगातार हनन कर रही है।

ऐतिहासिक किसान आंदोलन को सलाम करते हुए और संयुक्त किसान मोर्चा एवं केंद्रीय ट्रेड यूनियन के आज के देशभर में दिए गए आह्वान को भी समर्थन करते हुए प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे संविधान के उद्देश्य के लक्ष्यों को और लोगों के हक़ों के लिए लड़ते रहेंगे।

सभा में कुसुम लता, शंकर गोपाल, राजेंद्र शाह, मुमताज, रमन पंडित, क्रांति देवी, जनतुल, चांदनी, शामिल रहे। चेतना आंदोलन, आम आदमी पार्टी, सीटू, एटक, सीपीआई, सपा और अन्य संगठनों ने कार्यक्रम का समर्थन किया।

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