अभी तक 4415 करोड़ रूपये का पूंजीगत व्यय
शासन में पूंजीगत व्यय की प्रगति की समीक्षा
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। अपर मुख्य सचिव वित्त आनन्द बर्द्धन ने बुधवार को सचिवालय में पूंजीगत व्यय की प्रगति की समीक्षा की । समीक्षा बैठक में वर्तमान वित्तीय वर्ष में पूंजीगत परिव्यय की वृद्धि, स्पेशल असिस्टेंस्स टू स्टेटस फाॅर कैपिटल इन्वेस्टमेंट (एस0ए0एस0सी0आई0) तथा बजट भाषण में निर्दिष्ट सैचुरेशन बिन्दुओं पर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की समीक्षा की गई।
अपर मुख्य सचिव द्वारा द्वारा पूंजीगत विकास के लक्ष्यों को समयबद्व रूप से हासिल किये जाने पर बल दिया। यह अवगत कराया गया कि गत वर्ष की तुलना में 10%ग्रोथ के साथ समयबद्व व्यय किये जाने पर भारत सरकार इंसेंटिवाइज (प्रोत्साहन) करती है।
राज्य सरकार प्राथमिकता के साथ इंसेटिव प्राप्त करने के लिए गंभीर है। गत वर्ष में अच्छी पूंजीगत प्रगति के दृष्टिगत 206 करोड़ रूपये भारत सरकार से इंसेटिव के रूप में स्वीकृत किये हैं। इसी क्रम में दिसम्बर तक अपेक्षित प्रगति करने पर इंसेंटिव प्राप्त किये जाने की आशा है। इस हेतु उपस्थिति सभी विभागों के अधिकारियों को शीर्ष प्राथमिकता के साथ लक्ष्य प्राप्ति के निर्देश अपर मुख्य सचिव द्वारा दिये गये।
बैठक में बजट भाषण में निर्दिष्ट विभागीय लक्ष्य/बचनबद्वता के अनुरूप कार्यवाही करते हुए आगामी बजट भाषण में उनकी compliance अंकित करने के भी निर्देश अपर मुख्य सचिव द्वारा दिये गये।
विभिन्न केन्द्र पोषित योजनाओं के अन्तर्गत बेहतर प्रदर्शन करने के लिए निर्देशित किया गया ताकि योजनाओं के लक्ष्यों की प्राप्ति के साथ-साथ केन्द्र सरकार से समुचित अनुदान भी प्राप्त किया जा सके।
बाह्य सहायतित परियोजनाओं की वित्तीय,भौतिक प्रगति के साथ साथ रिमबर्समेंट की समीक्षा हेतु पृथक से बैठक करने के निर्देश भी दिये गये।
पूंजीगत परियोजनाओं की पी0एम0 गतिशक्ति के माध्यम से अनुश्रवण हेतु आई0टी0डी0ए0 व योजना विभाग से आवश्यक कार्यवाही करने को निर्देशित किया गया।
समीक्षा के क्रम में स्पष्ट हुआ कि आज की तिथि तक मात्र लगभग 4415 करोड़ रूपये का पूंजीगत व्यय हुआ है ।आगामी दिसम्बर माह तक इसे बढ़ाकर 7000 करोड़ रूपये करने का लक्ष्य दिया गया।
इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सचिव लोक निर्माण विभाग द्वारा लगभग 300 करोड़ रूपये अतिरिक्त व्यय करते हुए दिसम्बर तक 1000 करोड़ का पूंजीगत व्यय करने, सचिव सिंचाई द्वारा लगभग 400 करोड़ रूपये का अतिरिक्त व्यय करते हुए दिसम्बर माह तक कुल 900 करोड़ के लक्ष्य को प्राप्त करने का आश्वासन दिया गया।
सचिव ग्राम्य विकास द्वारा अवगत कराया गया कि अभी तक पी0एम0जी0एस0वाई0 योजना के अन्तर्गत भारत सरकार से दो किस्तें प्राप्त हो गई हैं और दिसम्बर माह तक एक अतिरिक्त किस्त प्राप्त करने का प्रयास किया जाएगा।
इसी प्रकार अन्य विभाग जैसे ऊर्जा, शहरी विकास, आवास, पेयजल, तकनीकी शिक्षा, वन, गृह विभाग, परिवहन, पर्यटन, समाज कल्याण, नागरिक उड्डयन, आपदा प्रबन्धन आदि से संबंधित उपस्थित सचिव/अधिकारियों द्वारा पूंजीगत व्यय में तेजी लाने का आश्वासन दिया गया।
ऊर्जा सहित अन्य विभागों को मेगा प्रोजेक्ट के लिए Expenditure Plan वित्त विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये।
पूंजीगत परिव्यय में वृद्वि करने के लिए नियोजन विभाग को ईएफसी को प्राथमिकता के साथ सम्पांदित करने के निर्देश दिये गये।
बैठक में सचिव पेयजल व गृह शैलेश बगोली, सचिव ग्राम्य विकास श्रीमती राधिका झा, सचिव वित्त दिलीप जावलकर,सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, सचिव लोक निर्माण विभाग पंकज पाण्डेय, सचिव सिंचाई राजेश कुमार, सचिव वित्त डाॅ. वी. षणमुगम, सचिव वित्त, राज्य सप्पति व आपदा प्रबन्धन विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव सी रविशंकर, धीराज सिंह गर्ब्याल, श्रीमती सोनिका, डाॅ इकबाल अहमद, डाॅ विजय कुमार जोगदण्डे, एन के जोशी, अतर सिंह, सुश्री रंजना राजगुरू, श्रीमती अपूर्वा पाण्डेय, नितिन भदोरिया, श्रीमती पूजा गर्ब्याल, मनमोहन मैनाली सहित विभिन्न विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।
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