कांग्रेस नेता हरक के परिवार व करीबियों पर फिर बढ़ रहा जांच का शिकंजा

हरक के तीखे तेवर देख भाजपा ने ली ‘अंगड़ाई’, मौसम हुआ बेईमान

कई महीनों की चुप्पी के बाद ईडी ने हरक कुटुंब को किया ग्रिल, पूछे कई सवाल

अविकल थपलियाल

देहरादून। निकाय चुनाव की धमक के बीच उत्तराखण्ड के आसमान को काले बादलों ने घेर लिया है। मौसम खराब हो गया। और पूर्व मंत्री हरक के परिजनों और करीबियों को एक बार फिर ईडी के सवालों से जूझना पड़ रहा है। कांग्रेस नेता हरक सिंह के लिए बीतते 2024 बादलों की गड़गड़ाहट और कड़कती बिजली ने खतरा बढ़ा दिया है।

लोकसभा चुनाव में पौड़ी लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी के पक्ष में मतदान की अपील के सात महीने बाद ईडी ने पूर्व मंत्री हरक सिंह की करीबी व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा को फिर करवट में लिया है।

यही नहीं, बीते दो दिन में हरक सिंह की पत्नी दीप्ति रावत, पुत्र तुषित रावत से भी ईडी लम्बी पूछताछ कर चुकी है। लोकसभा चुनाव के दौरान ईडी ने पूछताछ के बाद अप्रैल के प्रथम सप्ताह में अपनी कार्रवाई को ‘विराम’ दे दिया था।

उंस समय हरक सिंह की पुत्रवधु अनुकृति गुसाईं तो कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गयी थी। ईडी के भारी दबाव के बाद अनुकृति व लक्ष्मी राणा ने भाजपा प्रत्याशी बलूनी के समर्थन में वीडियो बयान जारी कर भाजपा को जिताने की अपील की थी। जबकि हरक सिंह भी राजनीतिक दबाव के चलते प्रदेश की लोकसभा सीटों पर लड़ रहे कांग्रेस प्रत्यशियों के प्रचार से दूर रहते हुए अन्य राज्यों में अपनी सेवाएं दी।

इसके बाद ईडी ने भी अपनी कार्रवाई को आराम देते हुए हरक सिंह को कई महीने की मोहलत दे डाली। लोकसभा चुनाव में चुप्पी साधने के बाद हरक सिंह ने बदरीनाथ, मंगलौर व केदारनाथ उपचुनाव में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हुए भाजपा के केंद्रीय – प्रदेशस्तरीय नेताओं और ईडी पर तीखे कटाक्ष किये।

हरक के व्यंग्यबाणों का नतीजा यह रहा कि उनके करीबियों की बन्द फ़ाइल फिर से खोल दी गयी। और कुछ दिन पहले हरक के मंत्री रहते हुए कर्मकार कल्याण बोर्ड की अहम कुर्सी पर विराजमान रहीं दमयंती रावत को शासन ने अनियमितता के आरोप में एक बार फिर निलंबित कर दिया।

इस घटना के कुछ दिन के अंदर ही ईडी ने हरक सिंह व करीबियों को पाखरो टाइगर रिज़र्व में पेड़ कटान व अवैध निर्माण के मुद्दे पर फिर तलब किया। यही नहीं, एक जमीन के फर्जीवाड़े में हरक के परिजनों और करीबियों से भी पूछताछ कर डाली।

इधर, हरक सिंघने राजनीतिक व्यस्तता के हवाला देते हुए ईडी के सामने नहीं आये। लेकिन पूर्व की तरह हरक सिंह को एक बार फिर ईडी के सामने जवाब देने होंगे।

पूर्व में ईडी की छापेमारी में 1.10 करोड़ रुपये, 40 लाख रुपये का 1.3 किलो सोना, 10 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा जब्त की गई है। कार्रवाई में कई बैंक लाकर्स, डिजिटल डिवाइस को सीज किया गया है और अचल संपत्ति के बड़ी संख्या में दस्तावेज जब्त किए गए हैं।

इधर, कुछ दिन पूर्व आयकर विभाग पूर्व सीएम हरीश रावत के करीबी कारोबारी राजीव जैन के घर व कार्यालय में दो दिन तक रेड मारकर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज अपने साथ ले गयी है।

कांग्रेस का कहना है कि चुनाव के समय ही ईडी व आयकर विभाग विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई करती है।

बहरहाल, निकाय चुनाव की रणनीति के बीच कांग्रेस और भाजपा सरकारों में मंत्री रहे हरक सिंह रावत को घेरने की बिसात बिछाई जा चुकी है। ईडी व आयकर विभाग के बढ़ते शिकंजे से पूर्व मंत्री के परिजन और करीबियों को एक और बिगड़े मौसम के थपेड़े झेलने पड़ सकते हैं (अविकल थपलियाल)

पढ़े, क्या है जमीन व अन्य फर्जीवाड़ा

पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के करीबी बीरेंद्र सिंह कंडारी और नरेंद्र कुमार बालिया ने हरक सिंह रावत के साथ आपराधिक साजिश करते हुए एक जमीन की दो पवार आफ अटानी पंजीकृत कराई। हालांकि, कोर्ट ने संबंधित भूमि के विक्रय विलेख रद कर दिए थे।

बावजूद इसके, भूमि को अवैध रूप से हरक सिंह रावत की पत्नी दीप्ति रावत और उनकी करीबी लक्ष्मी राणा को बेचा जाना दिखाया गया। जिस भूमि पर श्रीमती पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के तहत दून इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस का निर्माण किया गया।

इस इंस्टीट्यूट का संचालन तुषित रावत के ही पास है। ईडी ने हरक सिंह रावत से जुड़े कार्बेट टाइगर सफारी के घपले के साथ जमीन फर्जीवाड़े के इस प्रकरण पर भी जांच शुरू की थी। माना जा रहा है कि ईडी के हाथ जमीन खरीद मामले में अहम दस्तावेज लगे हैं। लिहाजा, इस मामले में तुषित से तमाम सवाल पूछे गए। इस आधार पर ईडी अफसर मनी लॉडिंग के आरोप पुष्ट करने में जुटी है।

पूर्व में कई ठिकानों पर हो चुकी है छापेमारी

ईडी ने फरवरी 2024 में दोनों मामलों में उत्तराखंड समेत हरियाणा व दिल्ली में 17 ठिकानों पर एक साथ शुरू की थी। जिसमें ईडी की 17 टीमों ने पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के देहरादून में डिफेंस कालोनी स्थित आवास, उनके बेटे के सहसपुर के शंकरपुर स्थित दून इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज समेत उनसे जुड़े करीबी अधिकारियों उत्तराखंड के वरिष्ठ आइएफएस अधिकारी सुशांत पटनायक व पेड़ कटान में आरोपित सेवानिवृत्त प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) किशन चंद के हरिद्वार के आवास पर जांच की थी।

साथ ही हरक सिंह रावत के निजी स सचिव रहे बीरेंद्र कंडारी के दून स्थित च आवास, उनके करीबी नरेंद्र वालिया के ऋषिकेश में गंगानगर स्थित अपार्टमेंट, हरिद्वार रोड पर छिदरवाला स्थित लक्ष्मी राणा के अमरावती पेट्रोल पंप, काशीपुर में भाजपा के जिला मंत्री अमित सिंह के आलू फार्म स्थित आवास पर भी जांच की गई। इसके अलावा हरक सिंह के श्रीनगर गढ़वाल में श्रीकोट स्थित गहड़ के पैतृक आवास व करीबियों के अन्य ठिकानों को कवर किया गया था। (साभार – जाग.)

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