पौड़ी में भाजपा की बागी उम्मीदवारों ने बढ़ाई धड़कनें

चुनावी मुद्दा- पौड़ी के विराट हिमालय समान विराट यक्ष प्रश्न !

कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल नेता ने पत्नी को बागी लड़वा दिया

बागियों ने चुनावी मुकाबले को बनाया दिलचस्प, उलटफेर की संभावना

अविकल थपलियाल

पौड़ी। नगर पालिका अध्यक्ष की सीट महिला आरक्षित होने के बाद भाजपा गहरे संकट में हैं। भाजपा प्रत्याशी सुषमा रावत को अपने ही दल के चार बागियों से जूझना पड़ रहा है। कुल छह महिला उम्मीदवार पौड़ी की ठंड में जीत के लिए दिन रात एक किये हुए हैं। पार्टी नेतृत्व अभी तक इन बागियों को बैठा नहीं पाया है। इन बागियों ने कमिश्नर मुख्यालय पौड़ी पालिका चुनाव को दिलचस्प बना दिया। कांग्रेस ने यशोदा नेगी को चुनावी मैदान में उतारा है।

दूसरी ओर, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस छोड़ भाजपा में आये पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष केशर सिंह नेगी ने अपनी पत्नी हिमानी नेगी को निर्दलीय पौड़ी के अखाड़े में उतार दिया है। गौरतलब है कि केशर सिंह नेगी को भाजपा में आने के बाद कोरा आश्वासन ही मिला। इसके बाद केशर सिंह ने भाजपा में शामिल कराने वाले भाजपा नेताओं के प्रति नाराजगी जताते व अपना दमखम दिखाते हुए पत्नी हिमानी नेगी को चुनाव लड़वा दिया।

गौरतलब है कि केशर सिंह नेगी 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर भाजपा प्रत्याशी सतपाल महाराज के खिलाफ चौबट्टाखाल से चुनाव लड़ चुके हैं। हिमानी नेगी के नामांकन जुलूस के बाद भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के कान खड़े हो गए हैं। हालांकि, कांग्रेस प्रत्याशी को पार्टी के बागियों का सामना नहीं करना पड़ा। सिर्फ भाजपा को ही बागियों का खतरा सता रहा है। पौड़ी सीट पर उलटफेर की भी संभावना जताई जा रही है।

भाजपा प्रत्याशी सुषमा रावत को बागी हिमानी नेगी, प्रियंका पंत थपलियाल,कुसुम चमोली व बीरा भंडारी की दावेदारी से गम्भीर खतरा बना हुआ है। निर्दलीय थपलियाल व चमोली के नाम वापस नहीं लेने के बाद भाजपा के पक्ष में जाने वाले ब्राह्मण मतों के भी छिटकने की पूरी संभावना जताई जा रही है। मौजूदा चुनाव में पौड़ी पालिका सीट के 11 वार्ड में लगभग 15 हजार मतदाता है। 2018 में भाजपा के टिकट पर यशपाल बेनाम पालिका अध्यक्ष का चुनाव जीते थे।

निवर्तमान पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम का कहना है कि पालिका चुनाव के कुछ गंभीर मुद्दे मतदाताओं पर निर्णायक असर डालेंगे। मुख्य जंग भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशियों के बीच ही रहेगी।

फिलहाल, पौड़ी के सर्द मौसम में आग ताप रहे मतदाता कई क्षेत्रीय मुद्दों पर जमकर भड़ास निकालने से नहीं चूक रहे है। राज्य गठन के 25 साल में पौड़ी के सामने दर्शनीय विराट हिमालय की मनमोहक चोटियां पर्यटकों को कितना आकर्षित कर पायी है? गिरते पारे के बीच अंगीठी में चड़ चड़ कर जलती लकड़ियों की आवाज के बीच पौड़ी के मतदाता भी सवालों को कुरेदते नजर आए…

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