देखें, स्टूडेंट्स की मांग पर सरकार ने हरिद्वार राजकीय मेडिकल कालेज के बाबत क्या फैसले किये
सोमवार से हरिद्वार मेडिकल कालेज में चलेंगी कक्षाएं
पीपीपी मोड प्रोजेक्ट को इनवेस्टमेन्ट समिट में दिसम्बर 2023 में रखा गया था
मार्च 2024 में ओपन ई-निविदा के माध्यम से टेण्डर किया गया था
अविकल थपलियाल
हरिद्वार/देहरादून। निकाय चुनाव के शोर के ठीक बीच हरिद्वार राजकीय मेडिकल कालेज को पीपीपी मोड में दिए जाने से उपजी आशंकाओं को थामते हुए धामी सरकार ने आंदोलनरत मेडिकल छात्रों के साथ बैठक की।
सीएम धामी के निर्देश के बाद बीते 10 जनवरी को चिकित्सा शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ आशुतोष सयाना, मेडिकल कालेज के प्राचार्य, जिला प्रशासन के अधिकारी व पहले बैच के मेडिकल स्टूडेंट्स के मध्य हुई वार्ता में गतिरोध के समाधान की पहल की गई।
राजकीय मेडिकल कालेज को पीपीपी मोड में शारदा एजुकेशनल ट्रस्ट को दिए जाने से उपजी भ्रांतियों को दूर करते हुए रविवार को बैठक के मिनट्स फाइनल कर मेडिकल छात्रों को सरकार के फैसले से अवगत कराया गया।
शासन से मिले लिखित आश्वासन के बाद आंदोलित छात्र छात्राओं ने कक्षा बहिष्कार का फैसला वापस लिया। सोमवार से नियमित तौर पर कक्षाएं चलेंगी।

मेडिकल स्टूडेंट्स की आशंकाओं का शासन ने किया समाधान
निदेशक महोदय द्वारा की गई बैठक में यह भी अवगत कराया गया है कि वर्तमान में तुरंत छात्रों के साथ संवाद करने, उनकी समस्याओं का समाधान करने हेतु निदेशालय स्तर से मॉनीटरिंग कमेटी का गठन किया जायेगा। संस्थान के सुचारू संचालन होने तक छात्र हित में संस्थान पर होने वाली गतिविधियों का विश्लेषण करती रहेगी एवं छात्रों को सपोर्ट करती रहेगी।
> सर्वप्रथम पी०पी०पी० मोड प्रोजेक्ट को इनवेस्टमेन्ट समिट में दिसम्बर 2023 में रखा गया था, एवं मार्च 2024 में ओपन ई-निविदा के माध्यम से टॅण्डर किया गया था, जिसका विवरण न्यूज पेपर के माध्यम से भी दिया गया था।
> ई-निविदा हेतु विस्तारित चर्चा के पश्चात उच्चतम मानकों को टेण्डर प्रक्रिया में रखा गया जैसे NABL/NABH मानको को प्राथमिकता देते हुये उच्च कोटि की सेवाएँ हेतु निविदा शर्ते तैयार की गई थी।
> निदेशक महोदय द्वारा अवगत कराया गया है कि पी०पी०पी० मोड पर संचालित होने पर भी संस्थान का नाम राजकीय मेडिकल कॉलेज, हरिद्वार रहेगा एवं राजकीय मेडिकल विश्वविद्यालय हे०न०ब० चि०शि०वि०वि० से ही सम्बद्ध रहेगा एवं इसी विश्वविद्यालय के अन्तर्गत ही परीक्षा सम्पन्न कराई जायेगी।
> प्रवेश से सम्बन्धित सारी प्रक्रिया वर्तमान सत्र के अनुसार 85 प्रतिशत राज्य कोटे व 15 प्रतिशत केन्द्रीय कोटे की तरह NMC मानकानुसार होगी।
> अध्ययनरत बैच के समस्त शैक्षणिक शुल्क, हिडेन चार्जस, किसी प्रकार का जुर्माना, परीक्षा शुल्क, सप्लिमेंटरी परीक्षा शुल्क, ल्क, हॉस्टल शुल्क, मैस शुल्क, स्पोटर्स शुल्क एवं अन्य करीकुलर आदि शुल्क अन्तिम वर्ष तक उत्तराखण्ड के अन्य राजकीय मेडिकल कॉलेज की भांति ही रहेगें।
> इस सन्दर्भ में निदेशक महोदय द्वारा छात्र-छात्राओं को यह भी अवगत कराया गया है कि शासन द्वारा राजकीय मेडिकल कॉलेज हरिद्वार को Medicity के रूप में विकसित किये जाने की योजना संचालित की जा रही है, जिसमें पी०पी०पी० मोड के अन्तर्गत संचालित संस्था द्वारा 02 वर्षों के अन्दर पी०जी० कोर्स, सुपर स्पेशलिस्ट सेवाएं पैरामेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज एवं हॉलिस्टिक सेंटर को भी स्थापित किया जायेगा, जो कि इस प्रकार का उत्तराखण्ड का पहला प्रोजेक्ट होगा। यह राज्य का प्रथम मेडिकल कॉलेज होगा, जिसमें एक ही कैम्पस मे मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय की सुविधा होगी।
> निदेशक महोदय द्वारा छात्र-छात्राओं को यह भी अवगत कराया गया है कि चिकित्सालय में पी०पी०पी० मोड द्वारा संचालित संस्था द्वारा अतिशीघ्र ही सीटी स्केन मशीन एवं एम०आर०आई मशीन को स्थापित किया जायेगा। चिकित्सालय में अन्य राजकीय मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की तरह ही उपचार शुल्क की दरें स्थापित की जायेगी एवं आयुष्मान कार्ड की सुविधा उपलब्ध होगी, हरिद्वार एवं आस-पास क्षेत्र के रोगियों का इलाज कॉलेज से सम्बद्ध चिकित्सालय में होगा।
देखें बैठक का कार्यवृत्त
दिनांक – 12/01/2025
दिनांक 10 जनवरी, 2025 को अपराहन 3:00 बजे निदेशक महोदय, डॉ० आशुतोष सयाना, चिकित्सा शिक्षा निदेशालय, उत्तराखण्ड की अध्यक्षता में जिलाधिकारी कार्यालय रोशनाबाद, हरिद्वार में बैठक आहूत की गई, जिसमें निम्नलिखित अधिकारियों / संकाय सदस्यों/विधार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया :-
उक्त बैठक में निम्न बिन्दु पर चर्चा की गई:-
> सर्वप्रथम उप जिलाधिकारी महोदय द्वारा छात्र/छात्राओं की विगत 02 दिवसों में हुई समस्या से सम्बन्धित वार्ता के बारे में समस्त अधिकारीयों/ संकाय सदस्यों को अवगत कराया गया।
> तत्तपश्चात उप जिलाधिकारी महोदय द्वारा छात्र-छात्राओं से अनुरोध किया गया कि अपनी समस्ओं से सभागार में उपस्थित अधिकारीयों को अवगत कराये।
> इस क्रम में छात्र/छात्राओं द्वारा अवगत कराया गया है कि एम०बी०बी०एस० प्रवेश प्रक्रिया के दौरान पी०पी०पी० मोड़ सम्बन्धित कोई जानकारी नहीं दी गई थी।

> छात्र-छात्राओं द्वारा यह भी जानकारी चाही गई पी०पी०पी० मोड में संचालित होने पर संस्थान का नाम क्या रहेगा एवं सम्पूर्ण एम०बी०बी०एस पाठ्यक्रम अवधि में कुल शिक्षण शुल्क क्या रहेगे एवं कोर्स के दौरान विभिन्न प्रकार के जुर्मानों के तौर पर शुल्क क्या रहेगा। छात्र-छात्राओं द्वारा संस्थान के नाम से सम्बन्धित एवं उपाधि दिये जाने वाले विश्वविद्यालय के सम्बन्ध में जानकारी चाही।
उक्त बिन्दुओं पर निदेशक, चिकित्सा शिक्षा उत्तराखण्ड महोदय द्वारा सभागार में उपलब्ध विधार्थियों की समस्या को सुनकर निम्नानुसार अवगत कराया गया:-
दोषी पाये जाने की अवस्था में प्रशासन / संस्थान द्वारा प्रशासनिक कार्यवाही भी की जा सकती है।
> निदेशक महोदय द्वारा की गई बैठक में यह भी अवगत कराया गया है कि भविष्य में संस्थान के सुचारू संचालन एवं निरन्तर निगरानी हेतु निदेशालय स्तर से Monitoring कमेटी का गठन किया जायेगा जो कि छात्र हित में संस्थान पर होने वाली गतिविधियों का विश्लेषण करती रहेगी।
> एस०पी० सिटी पंकज गैरोला जी द्वारा पुनः यह अनुरोध एवं सचेत किया गया कि किसी भी प्रकार की बहकावे में आकर गलत गतिविधियों में न पड़े व अपनी पढाई पर ध्यान दें ताकि एक अच्छे चिकित्सक बन सके।
> निदेशक महोदय द्वारा की गई बैठक में यह भी अवगत कराया गया है कि वर्तमान में तुरंत छात्रों के साथ संवाद करने, उनकी समस्याओं का समाधान करने हेतु निदेशालय स्तर से मॉनीटरिंग कमेटी का गठन किया जायेगा। संस्थान के सुचारू संचालन होने तक छात्र हित में संस्थान पर होने वाली गतिविधियों का विश्लेषण करती रहेगी एवं छात्रों को सपोर्ट करती रहेगी।
> सर्वप्रथम पी०पी०पी० मोड प्रोजेक्ट को इनवेस्टमेन्ट समिट में दिसम्बर 2023 में रखा गया था, एवं मार्च 2024 में ओपन ई-निविदा के माध्यम से टॅण्डर किया गया था, जिसका विवरण न्यूज पेपर के माध्यम से भी दिया गया था।

> ई-निविदा हेतु विस्तारित चर्चा के पश्चात उच्चतम मानकों को टेण्डर प्रक्रिया में रखा गया जैसे NABL/NABH मानको को प्राथमिकता देते हुये उच्च कोटि की सेवाएँ हेतु निविदा शर्ते तैयार की गई थी।
> निदेशक महोदय द्वारा अवगत कराया गया है कि पी०पी०पी० मोड पर संचालित होने पर भी संस्थान का नाम राजकीय मेडिकल कॉलेज, हरिद्वार रहेगा एवं राजकीय मेडिकल विश्वविद्यालय हे०न०ब० चि०शि०वि०वि० से ही सम्बद्ध रहेगा एवं इसी विश्वविद्यालय के अन्तर्गत ही परीक्षा सम्पन्न कराई जायेगी।
> प्रवेश से सम्बन्धित सारी प्रक्रिया वर्तमान सत्र के अनुसार 85 प्रतिशत राज्य कोटे व 15 प्रतिशत केन्द्रीय कोटे की तरह NMC मानकानुसार होगी।
> अध्ययनरत बैच के समस्त शैक्षणिक शुल्क, हिडेन चार्जस, किसी प्रकार का जुर्माना, परीक्षा शुल्क, सप्लिमेंटरी परीक्षा शुल्क, ल्क, हॉस्टल शुल्क, मैस शुल्क, स्पोटर्स शुल्क एवं अन्य करीकुलर आदि शुल्क अन्तिम वर्ष तक उत्तराखण्ड के अन्य राजकीय मेडिकल कॉलेज की भांति ही रहेगें।
> इस सन्दर्भ में निदेशक महोदय द्वारा छात्र-छात्राओं को यह भी अवगत कराया गया है कि शासन द्वारा राजकीय मेडिकल कॉलेज हरिद्वार को Medicity के रूप में विकसित किये जाने की योजना संचालित की जा रही है, जिसमें पी०पी०पी० मोड के अन्तर्गत संचालित संस्था द्वारा 02 वर्षों के अन्दर पी०जी० कोर्स, सुपर स्पेशलिस्ट सेवाएं पैरामेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज एवं हॉलिस्टिक सेंटर को भी स्थापित किया जायेगा, जो कि इस प्रकार का उत्तराखण्ड का पहला प्रोजेक्ट होगा। यह राज्य का प्रथम मेडिकल कॉलेज होगा, जिसमें एक ही कैम्पस मे मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय की सुविधा होगी।

> निदेशक महोदय द्वारा छात्र-छात्राओं को यह भी अवगत कराया गया है कि चिकित्सालय में पी०पी०पी० मोड द्वारा संचालित संस्था द्वारा अतिशीघ्र ही सीटी स्केन मशीन एवं एम०आर०आई मशीन को स्थापित किया जायेगा। चिकित्सालय में अन्य राजकीय मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की तरह ही उपचार शुल्क की दरें स्थापित की जायेगी एवं आयुष्मान कार्ड की सुविधा उपलब्ध होगी, हरिद्वार एवं आस-पास क्षेत्र के रोगियों का इलाज कॉलेज से सम्बद्ध चिकित्सालय में होगा।
> निदेशक महोदय द्वारा छात्र-छात्राओं को अपनी पढाई पर ध्यान केंद्रित करने हेतु कहा गया एवं भविष्य में अपना लक्ष्य एम०डी०/एम०एस० रखे एवं छात्र-छात्राओं को अतिशीघ्र अपनी कक्षाओं को शुरू करने हेतु निर्देशित किया गया। एवं किसी भी प्रकार की असामाजिक तत्वों के बहकावे में आकर गलत गतिविधियों में न पड़े हेतु भी सचेत किया।
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निकाय चुनाव के मौसम में हरिद्वार मेडिकल कालेज के ट्रिपल पी करण से राजनीति गरमाई

