उमेश-चैंपियन जंग पर हाईकोर्ट की तल्खी के बाद कांग्रेस हमलावर

निर्दल विधायक की सुरक्षा व सरकारी आवास के किराए में मेहरबानी की हो जॉच-कांग्रेस

पुलिस ने जांच में तथ्य छुपाए,कोर्ट की यह गम्भीर टिप्पणी-कांग्रेस

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। विधायक उमेश- चैंपियन जंग पर नैनीताल हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी के बाद कांग्रेस ने भी हमला बोल दिया।और सरकार से वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा का आधार बताने की भी मांग की है।

कांग्रेस की दो महिला प्रवक्ताओं गरिमा और प्रतिमा ने पुलिस की जॉच व मेहरबानी पर कड़े सवाल उठाए।

उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि आखिर सरकार की कौन सी कमजोर नस निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के पास है जिसके चलते अपने ही पूर्व विधायक को जेल और निर्दलीय विधायक को बेल पर खुला घूमने की छूट दी जा रही है। गरिमा ने कहा दाल में काला नहीं पूरी दाल ही काली नजर आ रही है ।

दूसरी ओर, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ प्रतिमा सिंह ने एक बयान जारी करते हुए बताया कि जिस तरह से हाई कोर्ट ने सरकार से उमेश पर मेहरबानी का जवाब मांगा है ,उससे साफ हो गया है कि भाजपा सिर्फ और सिर्फ ऐसे लोगों को समर्थन देती है जो देवभूमि को शर्मसार करने का कार्य करती हैं।

उन्होंने कहा कि जनता की गाढ़ी कमाई के पैसों से दबंग माननीयों को भारी भरकम सुरक्षा प्रदान करना कई सवाल खड़े करता है।

प्रवक्ता प्रतिमा सिंह ने कहा कि नैनीताल उच्च न्यायालय की कड़ी टिप्पणी के बाद सरकार को जवाब देना होगा कि रुड़की सिंचाई विभाग के गंग नहर वाले बंगले को विवादित विधायक को कैसे और क्यों सस्ते किराये में दिया।

उन्होंने कहा कि सरकार को जवाब देना होगा कि 75 हजार से एक लाख प्रति माह के किराए वाले गंग नहर बंगले को महज 1600 रुपए प्रति माह में विधायक उमेश को किसने आवंटित किया। इसकी जांच की जाय।

कहा कि एक तरफ सरकार मलिन बस्तियों को ध्वस्त करने पर आमादा है गरीबों के घर उजाड़ने को तैयार है वहीं उमेश कुमार पर इतना करम क्यों किया गया।

डॉ प्रतिमा ने कहा कि आपराधिक इतिहास वाले विधायक को Y+ कैटेगरी की सुरक्षा का क्या आधार है। जबकि कोर्ट ने कहा है कि जनता के सेवक को सुरक्षा की कोई जरूरत ही नहीं होती। सुरक्षा लेकर कई अन्य प्रकार के दबाव बनाए जाते हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि 26 जनवरी को उमेश-चैंपियन जंग के बाद पुलिस प्रशासन ने तथ्यों को छिपाते हुए जॉच की। जिससे भाजपा नेता चैंपियन को जेल हो गयी और उमेश कुमार को बेल।

इसीलिए हाईकोर्ट को कहना पड़ा कि सरकार ने कोई तथ्य छुपाया तो सरकार को सीबीआई जांच के लिए तैयार रहना होगा। शायद ये पहली बार हुआ होगा कि हाई कोर्ट किसी सरकार को कार्यवाही की चेतावनी दे रहा हो।

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