डीएम की पहल से सीमांत चमोली जिले में स्वरोजगार में आयी तेजी
अविकल उत्तराखंड
चमोली। उत्तराखंड के चमोली जनपद के प्रशासनिक फैसले से ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की राह खुलती दिखाई दे रही है। सीमांत जिले के डीएम संदीप तिवारी के ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे दौरे से स्थानीय जनता को स्वरोजगार के क्षेत्र में बेहतर होने की उम्मीद बंधी है।
मैठाणा: आदर्श गांव की ओर
कार्यभार ग्रहण करने के बाद डीएम संदीप तिवारी ने दशौली ब्लॉक के मैठाणा गांव की आवश्यकताओं को समझा, बल्कि रोजगार, पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए ठोस कदम भी उठाए। मौजूदा समय में गांव में बंजर भूमि का उपयोग कर कीवी उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को आर्थिक रूप से सशक्त बनने का अवसर मिल रहा है। इसके अलावा, उच्च स्तरीय स्टेडियम, हाट बाजार, पर्यटक आवास तथा ऐतिहासिक स्थलों के रखरखाव और सौंदर्यीकरण का कार्य भी तेजी से प्रगति पर है।
संस्कृति और परंपरा को सहेजने की पहल
गांव के प्राचीन लक्ष्मीनारायण मंदिर को पारंपरिक शैली में संवारने का कार्य भी युद्ध स्तर पर चल रहा है। पत्थरों से सुसज्जित इस मंदिर को और भव्य बनाने के लिए स्थानीय शिल्पकला का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। हालांकि, मुख्य द्वार पर सीमेंट और टाइल्स का उपयोग न हो, इस संबंध में जिलाधिकारी से अनुरोध रहेगा कि द्वार का निर्माण पारंपरिक पत्थरों और तुन या शीशम की लकड़ी से किया जाए। इससे मंदिर का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व और अधिक बढ़ेगा।

गांव लौट रहे प्रवासी, बदल रहा परिदृश्य
गांव में जारी विकास कार्य ने प्रवासी ग्रामीणों को भी अपनी जड़ों की ओर लौटने के लिए प्रेरित किया है। जनपद चमोली के भिन्न – भिन्न गांवों में प्रवासी परिवार ने अपने पैतृक भवन को संवारने का कार्य कर रहे हैं जो कि आने वाले दिनों के लिए अच्छे संकेत भी हैं।
आने वाले महीनों में दिखेगा अभूतपूर्व बदलाव :
अगले 5 से 7 महीनों में मैठाणा गांव एक नए स्वरूप में दिखेगा। आर्थिक समृद्धि, सांस्कृतिक जागरूकता और पर्यटन विकास की दृष्टि से यह बदलाव न केवल गांववासियों के लिए बल्कि पूरे जनपद के लिए एक मिसाल बनेगा।
चमोली में DM संदीप तिवारी की अनोखी पहल
8 KM पैदल चलकर ग्रामीणों के बीच पहुंचे डीएम

डीएम संदीप तिवारी 8 किमी पैदल चढ़ाई कर डुमक और कलगोट पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं और सड़क निर्माण के नए सर्वे का निरीक्षण किया। 8.87 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा गया।
चमोली में बनेगी अंतरिक्ष प्रयोगशाला
जिले में एयरोस्पेस लैब स्थापित होगी, जिससे छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान की आधुनिक शिक्षा मिलेगी। बोइंग एयरोस्पेस और PMO के सहयोग से इस योजना पर काम जारी है।
मैठाणा को मॉडल विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा
यहां कीवी उत्पादन का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनने जा रहा है। ट्रेलिस सिस्टम और इंटरक्रॉपिंग से किसानों को दोहरा लाभ मिलेगा। ऐतिहासिक लक्ष्मी नारायण मंदिर का सौंदर्यीकरण भी जारी है।
कोठियालसैंण व जोशीमठ को सब्जी उत्पादन का हब बनाया जाएगा
डीएम ने जिले को सब्जी उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए हाईटेक नर्सरी स्थापित करने और 25-25 हेक्टेयर में खेती शुरू करने के निर्देश दिए। किसानों को प्रशिक्षण देकर सब्जी उत्पादन से जोड़ा जाएगा।
मॉडल विलेज के रूप में मशरूम उत्पादन का विस्तार
आदिबद्री, मालसी, खेती गांवों में मशरूम उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। यहां ऑर्गेनिक मशरूम की मांग बढ़ी है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है। बाहरी किसान भी सीखने आ रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि सभी अधिकारी इसी ऊर्जा और समर्पण के साथ कार्य करें, तो समस्याओं का समाधान जल्द संभव होगा (इनपुट्स-शशि भूषण)
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