बात बिगड़ती देख सीएम धामी के कड़े स्टैंड के बाद मंत्री का माफीनामा आया सामने
देखें माफीनामा, मंत्री प्रेमचन्द के फुंके गए पुतले
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। शुक्रवार को उत्तराखंड की विधानसभा में भाजपा मंत्री प्रेमचंद के बयान पर बिगड़ी स्थिति को संभालने के लिए सीएम धामी को स्वंय आगे आना पड़ा। उधर, ऋषिकेश में मास्टर जी के नेतृत्व में जनता ने मंत्री प्रेम के कैम्प कार्यालय में उग्र प्रदर्शन किया।
इधर, सदन और सत्ता के गलियारों में सड़क पर उतरी जनता के आक्रोश से भाजपा खेमे में उपजी चिंता की लकीरें बजट और भू कानून की उपलब्धि पर पलीता लगाने के लिए काफी थी।
शनिवार को शुरू हुए सदन में मंत्री प्रेमचन्द के बयान को लेकर हमले जारी थे। सत्तारूढ़ भाजपा बेंच में असहज माहौल बना हुआ था। मंत्री प्रेमचन्द ने सदन में हाथ जोड़कर अपनी गलती कुबूल की। लेकिन यह पर्याप्त नहीं था।
देखें माफीनामा
सीएम धामी और उनकी टीम शुक्रवार की रात व शनिवार की सुबह से ही देहरादून, ऋषिकेश, हल्द्वानी समेत अन्य स्थानों पर मंत्री प्रेमचन्द के खिलाफ लग रहे नारे और पुतला दहन की पल पल का अपडेट ले रही थी।
इधर , सदन में सामान्य कामकाज भी जारी था। लेकिन संसदीय कार्य मंत्री के शुक्रवार को दिए विस्फोटक बयान के बाद भड़का पहाड़ी समुदाय अपने गुस्से को खुलेआम जाहिर कर रहा था।
सोशल मीडिया में लगातार लाइव प्रसारण होने व विपक्ष के हमलावर रुख को देखते हुए सीएम धामी ने संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचन्द से गुफ्तगू की। इसके बाद कठघरे में खड़े मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने वीडियो बयान जारी कर खेद प्रकट किया।

वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने खेद प्रकट करते हुए कहा कि उत्तराखंड में रह रहे सभी लोग उनके परिवार है, और परिवार के लोगों के समक्ष अनजाने में कही गई बात के लिए खेद प्रकट करने में उन्हें संकोच नहीं है। सदन के भीतर उनके द्वारा कही गई बात को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मेरे बयान को कुछ लोग ग़लत तरीक़े से तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। मैंने कहा था कि सारे उत्तराखंड में देश के सभी हिस्सों के लोग रहते हैं। हम सभी उत्तराखंड के हैं और उत्तराखंड हमारा है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हमारे हृदय में समाया है। मैंने सारे उत्तराखंड की बात की थी। कहा कि मेरा उद्देश्य और कथन का आशय यह था कि उत्तराखंड एक गुलदस्ता है जिसमें हर तरह के रंग बिरंगे फूल इसकी खूबसूरती हैं। मेरे बयान को ग़लत तरीक़े से पेश किया गया।
उन्होंने कहा कि मेरी बात से कई लोगों की भावनाएँ आहत हो गई हैं, ऐसा मुझे महसूस हो रहा है। मेरी वजह से किसी को पीड़ा पहुँचे यह मेरा स्वभाव नहीं है। इसलिए जाने अनजाने जिस किसी को भी पीड़ा पहुंचीं हैं,उसके लिए मैं हृदय से खेद व्यक्त करता हूँ।
उन्होंने कहा कि हम सब एक परिवार हैं और परिवार में छोटों का स्नेह और बड़ों का आशीर्वाद मेरे ऊपर बने रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि परिवार के सदस्यों के सामने खेद प्रकट करने में उन्हें कोई संकोच नहीं है।
धामी सरकार के मंत्री प्रेमचन्द के माफीनामे के बाद बेशक सदन के अंदर मामले का पटाक्षेप हो गया हो। लेकिन दून में आंदोलनकारी मंच ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। आन्दोलनकारी प्रदीप कुकरेती के नेतृत्व में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया।
मंत्री प्रेमचन्द की विधानसभा ऋषिकेश में लोगों ने पुतला दहन किया। मंत्री प्रेमचन्द के कैम्प कार्यालय में भारी पुलिस बल की मौजूदगी में लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया। और पुतले की लाठियों और जूते से पीटा। हाथ में कन्टर बजाते चल रहे लोगों ने शवयात्रा निकाली। ऐसे ही अन्य शहरों व कस्बों में मंत्री प्रेमचन्द के विरोध की खबरें सामने आ रही है।
अखिल गढ़वाल सभा ने मंत्री के बयान पर जताई आपत्ति
सीएम से हस्तक्षेप की मांग
देहरादून। अखिल गढ़वाल सभा की बैठक में उत्तराखंड सरकार के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा की कार्रवाई में विधानसभा पटल पर उनके द्वारा पहाड़ के लोगों को आपत्तिजनक शब्दों से अपमानित किया गया. सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना ने कहा कि विधानसभा के पटल में पक्ष और विपक्ष के गणमान्य लोगों के सम्मुख पूरे पहाड़ी समाज के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया जिससे पूरा पहाड़ी समाज आहत हुआ है।
विधानसभा की कार्रवाई में जहां मंत्री को राज्यहित से जुड़ी कार्यों हेतु सरकार की योजनाओं से अवगत कराना था वहां उन मुद्दों को छोड़कर विधानसभा अध्यक्ष के सम्मुख पूरे पहाड़ के लोगों के लिए अब शब्द कहे।

साथ ही उनके हाव भाव से उत्तराखंड के सभी जनमानस आहत है. सभा के महासचिव गजेंद्र भंडारी ने कहा कि इससे पूर्व भी मंत्री का कई बार ऐसी घटनाओं में नाम जुडा हैं जिससे पहाड़ी समाज आहत हुआ है।
भंडारी ने कहा कि एक तरफ देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड पहाड़ी क्षेत्र से विशेष लगाव है वहीं दूसरी तरफ मंत्री द्वारा पहाड़ के लोगों के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाना खेद जनक एवं पीड़ा दायक है. सभा की उपाध्यक्ष श्रीमती निर्मला बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है और जिसको बनाने में पहाड़ के लोगों की अग्रणी भूमिका रही है और वही आज सरकार के वरिष्ठ मंत्री द्वारा पूरे पहाड़ी समाज को गाली देना शर्मनाक एवं निंदनीय है जब तक ऐसे बड बोले जनप्रतिनिधि, मंत्री पद से सुशोभित रहेंगे तो पहाड़ का और उत्तराखंड राज्य का विकास असंभव है. बैठक में सर्वसम्मति यह निर्णय लिया गया कि पहाड़ी समाज को काबीना मंत्री द्वारा कहे गए अपशब्दों के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उक्त प्रकरण में हस्तक्षेप करने का निवेदन किया गया । और मांग की गई कि ऐसे जनप्रतिनिधि को मंत्रिमंडल के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी से भी बर्खास्त किया जाए तभी ऐसे बडबोले जनप्रतिनिधियों पर लगाम लग सकती है और समाज में एक अच्छा मैसेज जाएगा और आपसी भाईचारा बढ़ेगा.
इस अवसर पर सभा अध्यक्ष रोशन धस्माना, महासचिव गजेंद्र भंडारी, उपाध्यक्ष श्रीमती निर्मला बिष्ट, कोषाध्यक्ष वीरेंद्र असवाल, सह सचिव संतोष गैरोला, संगठन सचिव डॉक्टर सूर्य प्रकाश भट्ट, प्रबंध सचिव विरेंद्र असवाल, नथा सिंह पवार, दिनेश सकलानी, अरुण ढोंडियाल, मुकेश सुन्द्रियाल, दयाराम सेमवाल, धीरेंद्र सिंह असवाल, दयाल सिंह भंडारी, संजय डिमरी, हेमलता नेगी, आदि उपस्थित थे.
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सदन में सफाई के बाद भी भाजपा मंत्री प्रेमचन्द का विरोध जारी

