विद्यालयी शिक्षा पाठ्यचर्चा के केंद्र में हो व्यावसायिक शिक्षा

राज्य पाठ्यचर्चा दस्तावेज का प्रस्तुतिकरण

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का दस्तावेज विभागीय स्टीयरिंग कमेटी से अनुमोदित होने के बाद विद्यालयी शिक्षा की अध्यक्षता में विभाग के उच्च अधिकारियों के सम्मुख प्रस्तुत किया गया । अपर निदेशक एससीईआरटी द्वारा सदन के सम्मुख विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का प्रस्तुतीकरण किया गया।

साथ ही रूपरेखा के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए इसके क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों से भी अवगत कराया गया।
राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का अनुमोदन करते हुए मंत्री द्वारा निर्देश दिए गए कि इस दस्तावेज को जारी करने से पूर्व इसे मुख्यमंत्री उत्तराखंड, राज्यपाल , मुख्य सचिव , शिक्षा विभाग के निदेशकों व सेवानिवृत निदेशकों के अवलोकनार्थ उपलब्ध कराया जाए ।

उनके महत्वपूर्ण सुझावों को दस्तावेज में समाहित किया जाए। उक्त दस्तावेज को व्यापक रूप में देखते हुए इसमें शारीरिक शिक्षा, योग शिक्षा, नैतिक शिक्षा, खेल और व्यावसायिक शिक्षा को मुख्य रूप से समाहित किया जाए । और बच्चों को केंद्र में रखा जाए। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी द्वारा निर्देशित किया गया कि राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा में दिया गया स्थानीय संदर्भ अच्छा प्रयास है।

इसके साथ ही इसमें हमारी महान विभूतियों से सम्बंधित जीवनी, कहानी,नाटक आदि समाहित करके हमारे पूर्वजों के गौरवशाली इतिहास को भी सम्मिलित किया जाए।

बैठक में निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बंदना गर्ब्याल, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा अजय कुमार नौडियाल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ०मुकुल कुमार सती, संयुक्त निदेशक महानिदेशालय पद्मेंद्र कुमार सकलानी, निदेशक संस्कृत शिक्षा डॉ०आनंद भारद्वाज, उपनिदेशक शैलेश कुमार श्रीवास्तव, सहा० निदेशक डॉ० कृष्णानंद बिजलवाण, एन ई पी प्रकोष्ठ के समन्वयक रवि दर्शन तोपाल, मनोज किशोर बहुगुणा, डॉ०कामाक्षा मिश्रा सहित समस्त संकाय सदस्य उपस्थित रहे।

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