माणा हादसा- बचाये गए 46 मजदूरों को परिजनों को सौंपने की कवायद शुरू

देखें, प्रभावितों की आपबीती, मृतक व लापता मजदूरों की सूची

सीएम ने कहा, सड़क और संचार कनेक्टिविटी बहाल करें

घायल व मृतक श्रमिकों को उचित मुआवजा देंगे-सीएम

मृतकों का पोस्टमार्टम कर शव घर भेजने की व्यवस्था करें

मुख्यमंत्री धामी ने राज्य आपदा परिचालन केंद्र पहुंचकर आपदा प्रबंधन के कार्यों का लिया अपडेट

50 मजदूर बचाये गए

46 सलामत लोगों को समुचित उपचार के लिए हायर सेंटर रेफर करने तथा आपदा में मृतक 4 लोगों को सभी औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए उनके परिजनों को सुपुर्द के दिए निर्देश

मिसिंग 4 लोगों के सर्च अभियान में लाई जा रही है तेजी, रडार और थर्मल इमेजिंग कैमरे जैसे अत्याधुनिक उपकरणों की ली जा रही है मदद

आपदा से 5 ब्लॉक की बाधित हो चुकी विद्युत आपूर्ति को किया जा चुका है बहाल

आगामी 3 मार्च को मौसम के हायर अलर्ट को देखते हुए ऊंचाई वाले स्थानों पर रहने वाले लोगों को सूचित करने तथा जिला प्रशासन को आवश्यकतानुसार पूर्व तैयारी के दिए निर्देश

बदरीनाथ/ देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रविवार की सुबह एक बार फिर प् राज्य आपदा परिचालन केंद्र पहुंचे और चमोली में हुई आपदा के सर्च एवं रेस्क्यू अभियान का अपडेट लिया।

उन्होंने घटनास्थल पर सर्च और रेस्क्यू अभियान में लगे हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि रेस्क्यू किए गए सलामत 46 लोगों को समुचित चिकित्सा के लिए हायर सेंटर रेफर करें। मृतकों को समुचित औपचारिकता पूर्ण करते हुए उनके परिजनों को सुपुर्द करने को कहा।


मुख्यमंत्री ने अब तक मिसिंग चार लोगों के सर्च और रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए। रेस्क्यू अभियान में रडार और थर्मल इमेजिंग जैसे अत्याधुनिक उपकरणों की भी मदद ली जा रही है। सेना, ITBP, वायु सेना, SDRF, BRO, आपदा प्रबंधन विभाग, जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, लोक निर्माण विभाग, पूर्ति विभाग इत्यादि सभी विभाग बेहतर समन्वय से अपना सहयोग दे रहे हैं।

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मुख्यमंत्री ने स्थानीय जिला प्रशासन और संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि जहां – जहां सड़क और संचार कनेक्टिविटी बाधित हो चुकी है उसको तत्काल बहाल किया जाए।
तीन मार्च को मौसम विभाग के हायर अलर्ट को देखते हुए ऊंचाई वाले स्थानों पर रहने वाले लोगों को इसकी पहले से ही जानकारी देने तथा स्थानीय स्तर पर सभी तरह की पूर्व तैयारी करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन पांच ब्लॉक में विद्युत सप्लाई बाधित हो गई थी वहां पर विधुत आपूर्ति को पुनः बहाल किया जा चुका है। लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया कि जहां पर भी सड़क कनेक्टिविटी बाधित हैं उसको तत्काल बहाल करें। पूर्ति विभाग को निर्देशित किया गया कि जो गांव सड़क एक्टिविटी से अभी तक जुड़ नहीं पाए हैं वहां पर पर्याप्त मात्रा में रसद की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

घायल व मृतक श्रमिकों को उचित मुआवजा देंगे-सीएम

मृतकों का पोस्टमार्टम कर शव घर भेजने की व्यवस्था करें

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने माणा में हिमस्खलन की चपेट में आए लापता चार श्रमिकों की तलाश के लिए युद्धस्तर पर खोज और बचाव अभियान संचालित करने तथा मौसम विभाग द्वारा तीन मार्च से मौसम के दोबारा खराब होने की चेतावनी के दृष्टिगत रविवार को हर हाल में लापता श्रमिकों को ट्रेस करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने सुरक्षित रेस्क्यू किए गए 46 श्रमिकों के उपचार की समुचित व्यवस्था करने तथा उनकी जरूरतों का पूरा ख्याल रखने के निर्देश दिए हैं।

रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और रेस्क्यू अभियान की विस्तृत समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से खोज एवं बचाव अभियान की जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम विभाग द्वारा तीन मार्च से दोबारा मौसम के खराब होने का एलर्ट जारी किया है। इसलिए आज ही रविवार को लापता श्रमिकों की तलाश के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं।

इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी चमोली को निर्देश दिए कि मृतक श्रमिकों का पोस्टमार्टम कर उनके शवों को शीघ्रताशीघ्र उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने घायल श्रमिकों तथा मृतक श्रमिकों को आपदा प्रबन्धन विभाग के प्रावधानों के अनुसार समुचित मुआवजा राशि मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत और बचाव दलों द्वारा सराहनीय कार्य किया गया, जिसके फलस्वरूप 46 श्रमिकों को सुरक्षित बचाया जा सका। उन्होंने बताया कि लापता श्रमिकों की खोजबीन के लिए लगभग 200 लोग कार्य कर रहे हैं। आपदा प्रबंधन सेना, आईटीबीपी, बी0आर0ओ0, एन0डी0आर0एफ, एस0डी0आर0एफ, जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, वायु सेना, यूकाडा, अग्निशमन विभाग, खाद्य विभाग द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी और मार्च में हिमस्खलन की संभावना बढ़ जाती है, ऐसे में आपदा प्रबन्धन विभाग के माध्यम से एडवाइजरी जारी कर दी गई है। जो भी श्रमिक उच्च हिमालयी क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजने के निर्देश दिए गए हैं। जिन क्षेत्रों में भारी बर्फबारी के कारण विद्युत व्यवस्था तथा संचार व्यवस्था बाधित है, उन्हें दुरुस्त करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। पांच ब्लाकों में विद्युत व्यवस्था बहाल कर दी गई है।

इस अवसर पर उपाध्यक्ष राज्य सलाहकार समिति आपदा प्रबंधन विनय कुमार रुहेला, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, आई0जी0 एस0डी0आर0एफ0, रिद्धिम अग्रवाल, अपर मुख्य कार्यकारी, अधिकारी क्रियान्वयन, डी.आई0जी0 राज कुमार नेगी, वित्त नियंत्रक अभिषेक आनंद, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, यूएसडीएमए मोहम्मद ओबैदुल्लाह अंसारी, डा0 बिमलेश जोशी आदि उपस्थित रहे।

46 सुरक्षित श्रमिक ज्योतिर्मठ लाए गए

बदरीनाथ/माणा से सभी 50 श्रमिकों (46 सुरक्षित तथा 04 मृतक) को ज्योतिर्मठ लाया जा चुका है। मृतक श्रमिकों का पोस्टमार्टम कराये जाने की कार्यवाही गतिमान है, जिसके बाद उनके शवों को उनके घर भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सभी के साथ समुचित समन्वय किया जा रहा है।

लगातार राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के माध्यम से नियमित तौर पर पूरे घटनाक्रम पर नजर रखी जा रही है तथा सभी विभागों के आपसी समन्वय से युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है। बता दें कि पूर्व में श्रमिकों की संख्या 55 बताई गई थी। एक श्रमिक के घर फोन कर संपर्क किया गया तो पता चला कि पहले ही एक श्रमिक बिना बताए अपने घर चला गया था। इस प्रकार प्रभावित/फंसे श्रमिकों की कुल वास्तवित संख्या 54 है।

आधुनिक उपकरणों से की जा रही खोज

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि लापता श्रमिकों की तलाश के लिए सर्च एवं रेस्क्यू के लिए आधुनिक उपकरणों की मदद ली जा रही है।

दो मार्च को GPR (Ground Penetrating Radar) जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंची, जिसे एम0आई0-17 हैलीकाप्टर द्वारा घटनास्थल के लिए रवाना किया गया। इसके अतिरिक्त एन0डी0आर0एफ0 द्वारा थर्मल-इमेजिंग कैमरा, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा, RRSAW (ROTARY RESCUE SAW), एवलांच रॉड, डॉग स्क्वाड को घटना स्थल पर भेजा जा चुका है तथा इनके माध्यम से व्यापक स्तर पर रेस्क्यू अभियान संचालित किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर एसडीआरएफ तथा यूएसडीएमए द्वारा थर्मल-इमेजिंग कैमरा, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा भी मौके पर भेज दिया गया है तथा इनके द्वारा भी लापता चार श्रमिकों खोज की जा रही है।

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