कॉर्बेट टाइगर रिजर्व निदेशक का घेराव करेंगे ग्रामीण

पांच मार्च को कोतवाली के समक्ष होगा प्रदर्शन

अविकल उत्तराखंड

रामनगर। संयुक्त संघर्ष समिति की महापंचायत में जंगली जानवरों से सुरक्षा में लापरवाही बरतने वाले कॉर्बेट रिजर्व के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और टाइगर हमले में मारे गए प्रेम राम की विधवा को नौकरी देने की मांग को लेकर 5 मार्च को कोतवाली के समक्ष प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया। साथ ही, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व निदेशक का घेराव कर पार्क प्रशासन पर दबाव बनाने की रणनीति तय की गई।

ग्राम सांवल्दे पूर्वी में आयोजित इस महापंचायत में रामनगर तहसील के विभिन्न गांवों से आए सैकड़ों ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। बैठक में टाइगर और अन्य जंगली जानवरों से सुरक्षा को लेकर संघर्ष तेज करने का संकल्प लिया गया। महापंचायत में यह चेतावनी दी गई कि यदि पार्क प्रशासन द्वारा फरवरी माह में दर्ज किए गए 55 ग्रामीणों के खिलाफ कथित फर्जी मुकदमों में किसी भी ग्रामीण को गिरफ्तार किया गया तो बड़ी संख्या में ग्रामीण भी अपनी गिरफ्तारियां देंगे।

मुआवजे और सुरक्षा की मांग

महापंचायत में घायल गणेश का सरकारी खर्च पर इलाज कराने, मृतक प्रेम राम की पत्नी को नौकरी देने, ग्रामीणों पर लगाए गए फर्जी मुकदमे वापस लेने, कॉर्बेट नेशनल पार्क की धारण क्षमता से अधिक टाइगर व हिंसक जानवरों को अन्यत्र शिफ्ट करने, मृतकों के परिजनों को 25 लाख और घायलों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने जैसी मांगें उठाई गईं।

जनप्रतिनिधियों को चेतावनी

महापंचायत में मौजूद वक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि इन मांगों पर जल्द समाधान नहीं निकाला गया तो जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

सभा का संचालन तारा बेलबाल और महेश जोशी ने संयुक्त रूप से किया। इस दौरान समिति के संयोजक ललित उप्रेती, महिला एकता मंच की ललिता रावत, भाकपा-माले हल्द्वानी के कैलाश पांडे, एडवोकेट पूरन पांडे, त्रिशांत सिमलई, नवीन अधिकारी, उपपा नेता प्रभात ध्यानी, इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित रुहेला, समाजवादी लोक मंच के मुनीष कुमार, किसान नेता आनंद सिंह, पीसी जोशी, सोबिया, केसर राणा, भुवन आर्य सहित अन्य वक्ताओं ने सभा को संबोधित किया।

कवि गिरीश चंद्र बौड़ाई की कविताओं और आइसा छात्रों के गीतों ने जनता में जोश भर दिया।

इस महापंचायत में प्रेमराम, पुष्कर दुर्गापाल, निशांत पपनै, गिरीश आर्य, बालम थापा, सुखबिंदर सिंह, गीता आर्य, विमला देवी, माया नेगी समेत दर्जनों गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने भागीदारी की।

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