मुख्य सचिव की कुर्सी पर आईएएस आनंद का दावा बरकरार
केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर रिलीव करेगी सरकार ! सीएम पर टिकीं निगाहें
अविकल थपलियाल
नई दिल्ली/देहरादून। बेशक राज्य के अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन का दो दिन पूर्व केंद्र में प्रतिनियुक्ति का रास्ता साफ हो गया हो। लेकिन राज्य के नये मुख्य सचिव की कुर्सी पर उनकी सम्भावित ताजपोशी का मसला बरकरार है।
1992 बैच के आईएएस आनन्द वर्द्धन मौजूदा मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के सेवा विस्तार खत्म होने के बाद शासन के हेड के नैचुरल दावेदार माने जा रहे है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को अगर एक और सेवा विस्तार नहीं मिलता है तो सरकार के पास नये मुख्य सचिव के लिए बेहद सीमित च्वाईस बच जाती है। गौरतलब है कि सितंबर 2024 में राधा रतूड़ी को छह महीने का सेवा विस्तार मिला था। यह अवधि 31 मार्च को समाप्त हो रही है।
ऐसे में सीएम धामी को 2027 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए शासन के मुखिया को चुनने में विशेष सावधानी बरतनी होगी।
2025-26 के एक लाख करोड़ के सालाना बजट के तय समय में बेहतर उपयोग में लाना विशेष चुनौती रहेगी। यही नहीं, केंद्र व राज्य सरकार के बड़े प्रोजेक्ट व जारी विकास योजनाओं को चुनावी साल में जनता तक पहुंचाने के लिए भी भगीरथ प्रयास करना होगा।
मुख्य सचिव की सीएम से टयूनिंग का भी इस अहम फैसले में मुख्य भूमिका रहेगी।

इन सभी तथ्यों और विपक्ष की कड़ी चुनौती को देखते हुए शासन के मुखिया की जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है। हालांकि, सीएम धामी मुख्य सचिव की कुर्सी के लिए सभी संभावित विकल्पों पर गौर फरमा रहे हैं। लेकिन अगर राधा रतूड़ी को एक और सेवा विस्तार नहीं मिल रहा तो अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन की दावेदारी मजबूत देखी जा रही है।
राज्य में अन्य वरिष्ठ आईएएस के नाम भी चर्चा में हैं। प्रमुख सचिव स्तर के आईएएस अधिकारियों को सीधे मुख्य सचिव बनाने में तकनीकी अड़चनें भी सामने खड़ी हैं।
बहरहाल, 6 मार्च के केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के आदेश के बाद राज्य सरकार अपर मुख्य सचिव को कब तक रिलीव करती है। इससे भी काफी कुछ साफ हो जाएगा।


