अंकिता हत्याकांड – महिला संगठनों ने उठाई सीबीआई जांच की मांग

राष्ट्रीय महिला संगठनों ने संयुक्त बयान जारी कर प्रदर्शन की चेतावनी दी

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर देशभर के महिला संगठनों ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने उत्तराखंड सरकार और पुलिस पर राजनीतिक प्रभाव में काम करने और मामले को कमजोर करने का आरोप लगाया है। राष्ट्रीय महिला संगठनों ने संयुक्त बयान जारी कर निष्पक्ष, वैज्ञानिक और समयबद्ध सीबीआई जांच की मांग की है।

महिला संगठनों का आरोप है कि ऋषिकेश के निकट गंगा भोगपुर वनन्तरा रिसॉर्ट में काम करने वाली अंकिता की हत्या एक सुनियोजित साजिश के तहत की गई थी। रिसॉर्ट । हत्या से पहले अंकिता ने अपने दोस्त को व्हाट्सएप चैट में बताया था कि वीआईपी अतिथि द्वारा मांगी गई ‘विशेष सेवाओं को नकारने के बाद वह डरी हुई थी और वहां से निकलना चाहती थी। पुलिस ने अब तक इस कथित वीआईपी अतिथि की पहचान उजागर नहीं की है।

संगठनों ने सवाल उठाया कि जिस रिसॉर्ट में यह वारदात हुई, उसे बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया, जिससे कई अहम सबूत मिट गए।
पुलिस चार्जशीट में भी कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को नजरअंदाज किया गया है। महिला संगठनों ने इसे राजनीतिक प्रभाव का नतीजा बताते हुए कहा कि अतीत में भी ऐसे कई मामलों में सत्ता से जुड़े प्रभावशाली लोग महिलाओं के खिलाफ हिंसा कर बचते रहे हैं। परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई जांच की मांग की थी, लेकिन अदालत ने याचिका खारिज कर दी। इसके बाद महिला संगठनों ने उत्तराखंड और केंद्र सरकार से अपील की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए सीबीआई को जिम्मेदारी सौंपी जाए।

संयुक्त बयान जारी करने वाले संगठनों में ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक विमेन एसोसिएशन , नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन विमेन, ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव विमेन एसोसिएशन , ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन, ऑल इंडिया कोऑर्डिनेशन प्रोग्रेसिव ऑर्गेनाइजेशन ऑफ विमेन , प्रगतिशील महिला संगठन और स्त्री जागृति मंच शामिल हैं।

महिला संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही इस मामले में निष्पक्ष जांच के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो देशभर में विरोध प्रदर्शन तेज किया जाएगा।
गौरतलब है कि अंकिता हत्याकांड का केस कोटद्वार की अदालत में चल रहा है। इस हत्याकांड में पुलकित आर्य समेत तीन लोग जेल में है। हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने अंकिता हत्याकांड की सीबीआई जांच सम्बन्धी याचिका खारिज कर दी थी।

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