बेदखली की कार्रवाई पर मजदूरों ने जताया विरोध

सरकार के आश्वासन और योजनाओं पर सवाल

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। गुरुवार को जाखन चौक पर आयोजित जनसभा में वक्ताओं ने कहा कि सरकार बड़े अतिक्रमणकारियों को बचाने में लगे हैं, जबकि गरीब मजदूरों को बेदखल करने की कोशिश की जा रही है।

सभा में वक्ताओं ने आरोप लगाया कि कोर्ट के आदेशों की आड़ में सिर्फ कमजोर और गरीब वर्ग को निशाना बनाया जा रहा है। रसूखदारों द्वारा नदियों में खुलेआम मलबा डाला गया और अवैध निर्माण किए गए, लेकिन उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। वहीं, बिंदाल नदी किनारे बसे गरीब मजदूरों को उजाड़ने की कोशिश की जा रही है।

जाखन क्षेत्र में जिन घरों पर तोड़फोड़ की तलवार लटक रही है, उनमें से कई घर 2016 से पहले के हैं। 2024 में भी इसी तरह रिस्पना नदी किनारे बस्तियों को अवैध बताकर कार्रवाई की गई थी, लेकिन मजदूरों की लड़ाई के बाद प्रशासन को स्वीकार करना पड़ा कि 525 में से 400 से अधिक घर वैध हैं।

  1. सरकार के आश्वासन और योजनाओं पर सवाल
    सभा में यह भी याद दिलाया गया कि 17 जनवरी को मुख्यमंत्री ने स्वयं आश्वासन दिया था कि एक भी मजदूर बस्ती नहीं तोड़ी जाएगी। लेकिन उस आश्वासन के दो सप्ताह के भीतर ही पहले एलिवेटेड रोड के नाम पर और अब कोर्ट के आदेशों के बाद बस्ती तोड़ी जा रही है।

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