एक चिराग जो औरों के घरों को रोशन कर खुद बुझ गया
अविकल उत्तराखंड
सतपुली, गढ़वाल। उत्तराखंड की नयारघाटी और सतपुली क्षेत्र के प्रसिद्ध समाजसेवी, उद्योगपति और गरीबों के मसीहा रहे ठाकुर सुंदर सिंह चौहान का निधन आज तड़के 4 बजे एम्स ऋषिकेश में हो गया। उनके निधन से पूरे क्षेत्र में गहरा शोक व्याप्त है।
उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए सतपुली स्थित उनके निवास मलेठी लाया गया, जहां लोगों ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक घाट, टिहरी गढ़वाल में किया गया।

जनसेवा और संघर्ष का पर्याय थे सुंदर सिंह चौहान
दो दिन पूर्व अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था। जीवनभर समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति की सेवा करने वाले सुंदर सिंह चौहान ने कभी सामाजिक सरोकारों से मुंह नहीं मोड़ा। उन्होंने गरीब, बेसहारा और निराश्रितों के लिए वृद्धाश्रम की स्थापना की, जहां विधवाओं की कन्याओं की निशुल्क शादियां भी करवाई जाती थीं। उनका संकल्प 100 कन्याओं की शादी करवाने का था, जिसमें वे निरंतर जुटे रहे।
राज्य निर्माण आंदोलन में उनकी भागीदारी और राजनीतिक प्रयासों के बावजूद वे हमेशा समाजसेवा के पथ पर अडिग रहे। लैंसडौन और चौबटाखाल विधानसभा से चुनाव लड़े, पर हार के बाद भी जनसेवा नहीं छोड़ी।

उनके दो पुत्र त्रिलोक सिंह चौहान और जितेंद्र सिंह चौहान हैं। जितेंद्र सिंह वर्तमान में सतपुली नगर पंचायत अध्यक्ष हैं। दोनों पुत्र अपने पिता की परंपराओं को आत्मसात कर समाज सेवा के कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं।
सुंदर सिंह चौहान पहाड़ों में उद्योग स्थापित करने, गांवों को पुनर्जीवित करने और प्रवासियों को वापस लाने के प्रयासों के लिए भी हमेशा याद किए जाएंगे। उनके प्रयासों से अनेक प्रवासियों ने अपने गांव लौटकर खेती और स्वरोजगार शुरू किया।
उनके निधन पर व्यापार मंडल सतपुली सहित पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, त्रिवेंद्र सिंह रावत, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, पूर्व शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी, पंचायत प्रतिनिधियों और क्षेत्र के समाजसेवियों ने गहरा शोक व्यक्त किया है।

