अविकल उत्तराखंड
देहरादून। केन्द्रीय विद्यालय ओएनजीसी की प्रतिभाशाली छात्रा प्राप्ति इस्टवाल ने सीबीएसई की बारहवीं की परीक्षा में 97.6 प्रतिशत अंक प्राप्त कर विद्यालय में प्रथम स्थान हासिल किया और अपने माता-पिता एवं शिक्षकों का नाम गौरवान्वित किया।
प्राप्ति न केवल पढ़ाई में अव्वल रही, बल्कि इसी वर्ष भारतेन्दु संगीत महाविद्यालय से “संगीत विशारद” की उपाधि भी प्रथम श्रेणी में प्राप्त की, जिससे उसकी बहुआयामी प्रतिभा का प्रमाण मिलता है।
अपनी सफलता के बारे में प्राप्ति का कहना है कि “जितना भी पढ़ो, मन लगाकर पढ़ो। नियमित रिवीजन बहुत ज़रूरी है, ताकि पिछली चीजें भूल न जाएं।” वह भविष्य में सिविल सेवक बनकर समाज की सेवा करना चाहती हैं।
प्राप्ति के पिता, सुदेश इस्टवाल, वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले छह महीनों से एक गंभीर लिवर संबंधी बीमारी से जूझ रहे हैं, जो एक दुर्घटना के कारण उत्पन्न हुई। वहीं, उनकी माता विगत ग्यारह वर्षों से एक दुर्गम क्षेत्र में सहायक अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं।
इन पारिवारिक कठिनाइयों और अपने पिता व छोटी बहन की देखभाल के बीच भी प्राप्ति ने जिस समर्पण और अनुशासन से यह उपलब्धि हासिल की है, वह न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह सिद्ध करता है कि परिस्थितियाँ चाहे जैसी भी हों, यदि संकल्प दृढ़ हो तो सफलता निश्चित है।

