कल्पवृक्ष एवं माया देवी विवि ने शुरू किया DCP 2025

डिजिटल उत्तराखंड की दिशा में ऐतिहासिक कदम

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। माया देवी विश्वविद्यालय में कल्पवृक्ष सस्टेनेबल डेवलपमेंट सोसायटी द्वारा आयोजित डिजिटल कैटलिस्ट प्रोग्राम 2025 का भव्य उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम उत्तराखंड राज्य के विभिन्न जिलों से चयनित 100 मेधावी विद्यार्थियों को डिजिटल और नेतृत्वात्मक कौशल में प्रशिक्षित कर उन्हें ग्रामीण टेक्नोलॉजी लीडर्स के रूप में तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत भाषण से हुई, जिसे कल्पवृक्ष संस्था के संस्थापक अभिनव नेगी ने प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि यह 14 दिवसीय आवासीय कार्यक्रम विद्यार्थियों को Python प्रोग्रामिंग, डेटा विश्लेषण, मोबाइल ऐप विकास, AI टूल्स, चेंजमेकर स्किल्स, और गीता आधारित ध्यान व भारतीय ज्ञान परंपरा (IKS) के विषयों में प्रशिक्षण प्रदान करेगा। यह प्रशिक्षण ISKCON उत्तराखंड के सहयोग से दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी साझा किया कि इस वर्ष चयनित विद्यार्थियों में 54% छात्राएँ हैं, और चयन में सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि के छात्रों को प्राथमिकता दी गई है।

इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आशीष सेमवाल ने विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए तकनीकी शिक्षा को आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की कुंजी बताया।

प्रो-कुलपति प्रो. संदीप विजय ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में विद्यार्थियों को ‘अनसुने को सुनने’ और ‘अनदेखे को देखने’ की सीख दी और कहा कि युवा पीढ़ी में नवाचार की अद्भुत क्षमता है, जिसे इस कार्यक्रम के माध्यम से दिशा दी जा रही है।

डॉ. राजेश नैथानी, निदेशक, अप्रोप्रियेट टेक्नोलॉजीज इंडिया व पूर्व सलाहकार – मुख्यमंत्री उत्तराखंड एवं भारत सरकार के शिक्षा मंत्री के ओएसडी ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए यह घोषणा की कि माया देवी विश्वविद्यालय इन प्रतिभागियों के लिए विशेष छात्रवृत्ति योजना प्रारंभ करेगा।

देवेश बिजलवाण, संस्थापक बर्ग टेक्नोलॉजीज ने विद्यार्थियों को तीन महत्वपूर्ण सुझाव दिए – अंग्रेज़ी पर ध्यान दें, नियमित रूप से पुस्तकें पढ़ें और मोबाइल को सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि कौशल विकास का माध्यम बनाएं।

डॉ. सचिन चौधरी, उपाध्यक्ष, कल्पवृक्ष संस्था ने कहा कि “तकनीक ने कभी नौकरियाँ छीनी नहीं हैं, बल्कि सृजित की हैं।” उन्होंने बताया कि AI और डिजिटल इंडस्ट्री में अरबों डॉलर के अवसर हैं और उत्तराखंड के युवा इसमें नेतृत्व कर सकते हैं।

इस कार्यक्रम में कल्पवृक्ष टीम से प्रदीप नेगी (महासचिव), देव उपाध्याय (सह-संस्थापक), अंकित रावत (लीड डिज़ाइनर), पल्लवी बिष्ट, कनहैया पांडेय और मनीष कुमार (ट्रेनर्स) भी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को केवल तकनीकी दक्षता देना नहीं, बल्कि उन्हें चेंजमेकर के रूप में तैयार करना है, ताकि वे अपने गाँवों की समस्याओं के लिए नवाचार पर आधारित समाधान विकसित कर सकें।

माया देवी विश्वविद्यालय और कल्पवृक्ष संस्था ने संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम के माध्यम से एक ऐसे डिजिटल उत्तराखंड की नींव रखी है जो विकसित भारत 2047 के संकल्प में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *