महिला आयोग, बाल आयोग और भाजपा महिला मोर्चा पर कांग्रेस का हमला
महिला सुरक्षा पर कांग्रेस का प्रदेशव्यापी अभियान
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। उत्तराखंड में महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने आज राज्य की महिला सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड महिला अपराधों के मामले में हिमालयी राज्यों में पहले स्थान पर पहुंच चुका है, लेकिन राज्य महिला आयोग, बाल आयोग और भाजपा महिला मोर्चा जैसी संस्थाएं पूरी तरह से खामोश हैं।
धस्माना ने भाजपा महिला मोर्चा की हरिद्वार जिला इकाई की पूर्व अध्यक्ष अनामिका शर्मा के खिलाफ सामने आए नाबालिग बेटी से दुराचार जैसे गंभीर प्रकरण का हवाला देते हुए कहा कि—
“क्या इन तीनों संगठनों में से कोई भी पीड़ित बच्ची से मिलने हरिद्वार गया? क्या उन्होंने कोई संज्ञान लिया या कार्रवाई की? या ये संस्थाएं केवल सांप्रदायिक और डेमोग्राफिक मुद्दों पर सक्रिय रहने के लिए हैं?”

उन्होंने आरोप लगाया कि अंकिता भंडारी हत्याकांड से लेकर अनामिका शर्मा प्रकरण तक, महिला सुरक्षा से जुड़े गंभीर मामलों में ये तीनों संगठन और इनकी महिला अध्यक्षाएं लगातार मौन रही हैं।
धस्माना ने कहा कि जब छोटे-छोटे विवादों में स्कूलों तक पहुंच कर प्रदर्शन करने वाले ये संगठन आज एक नाबालिग बच्ची को न्याय दिलाने के लिए आगे नहीं आ रहे, तो यह उनके चरित्र और प्राथमिकताओं को उजागर करता है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा, बलात्कार और हत्या जैसे मामलों में चुप नहीं बैठेगी, और इसके खिलाफ प्रदेशव्यापी विरोध अभियान चलाया जाएगा।
धस्माना ने कहा, “इन संगठनों की चुप्पी साबित करती है कि इनकी निष्ठा महिलाओं की अस्मत और अधिकारों से अधिक अपनी पार्टी के हितों से जुड़ी है। कांग्रेस यह अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगी।”

