केदारनाथ धाम मन्दिर परिसर में कूड़े व चप्पलों का ढेर

केदारनाथ धाम में कूड़े व चप्पलों के ढेर ने खोली सफाई अभियान की पोल

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अविकल थपलियाल

केदारनाथ धाम। केंद्र व राज्य सरकार के स्वच्छ भारत अभियान की प्रसिद्ध केदारनाथ धाम में खुली धज्जियां उड़ रही है।

धाम से ‘अविकल उत्तराखंड’ को ताजी फ़ोटो व वीडियो भेजे है। फ़ोटो में साफ दिख रहा है कि केदारनाथ धाम मन्दिर परिसर में कूड़े का ढेर लगा हुआ है। श्रद्धालु कूड़े के ढेर के इर्द गिर्द से होकर गुजर रहे हैं। प्लास्टिक की पन्नी, बोतलें व अन्य सामग्री साफ दिख रही है।

उल्लेखनीय है कि इस कूड़े को धाम में जला कर प्रदूषण बढ़ाया जाता है। पूर्व में कूड़ा जलाने की वीडियो वायरल हो चुकी है।

कूड़े के अलावा मंदिर परिसर में ही जूते चप्पलों का भी ढेर लगा हुआ है। यह मंजर भी धाम की पवित्रता व श्रद्धा पर गहरी चोट कर रहा है। इन्हीं जूतों-चप्पलों के बीच ही श्रद्धालु मंदिर की परिक्रमा कर रहे हैं। तीर्थयात्री जूते चप्पलों के साथ हो मन्दिर परिसर में टहल रहे हैं। जबकि परिसर में जूतों-चप्पल कड़ाई से प्रतिबंधित किये जाने चाहिए।

केदारनाथ धाम मंदिर के ठीक सामने पड़े कूड़े से यह भी साफ हो गया कि सफाई कार्य में विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार की एक ऐतिहासिक पहल है, जिसे 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य भारत को स्वच्छ और स्वस्थ बनाना है। इस अभियान का मुख्य मकसद स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करना और स्वच्छता के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाना है।

लेकिन इस अभियान को अमलीजामा पहनाने में लापरवाही बरती जा रही है। केदारनाथ प्रांगण में फैली गंदगी की सफाई का जिम्मा बदरी-केदार समिति के हवाले है या जिला प्रशासन के। यह भी अहम सवाल है। फिलहाल, मन्दिर परिसर में कूड़े के ढेर ने लापरवाही तो उजागर कर ही दी।

धाम के पुरोहित मुकेश तांगवान ने कहा कि मंदिर कमेटी को सूचना देने के दो घण्टे बाद भी कूड़े के ढेर को नहीं हटाया गया।

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