उत्तरांचल स्टेट प्राइमरी टीचर्स एसोसिएशन ने शासन से की समायोजन रोकने की मांग
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। उत्तराखंड शासन द्वारा कक्षा 1 में प्रवेश की समय-सीमा जून माह तक बढ़ाने के निर्णय का उत्तरांचल स्टेट प्राइमरी टीचर्स एसोसिएशन ने स्वागत करते हुए इसे सराहनीय पहल बताया है। एसोसिएशन का कहना है कि इस फैसले से कई स्कूलों में नए सत्र में नामांकन बढ़ेगा, खासकर दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में जहां प्रवेश प्रक्रिया विलंब से शुरू होती है।
हालांकि, एसोसिएशन ने इस बीच कुछ जनपदों में विशेषकर नैनीताल में छात्र संख्या पांच या उससे कम होने पर दो अध्यापकों में से एक का समायोजन किए जाने पर आपत्ति जताई है। एसोसिएशन का कहना है कि शासन के आदेश से पहले ऐसे कई विद्यालयों में शिक्षक समायोजन कर दिया गया, जो आरटीई अधिनियम की भावना के विपरीत है। अधिनियम के अनुसार, किसी भी प्राथमिक विद्यालय में कम से कम दो अध्यापकों की तैनाती अनिवार्य है।
संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि शिक्षक संख्या कम होने से न केवल शैक्षिक व्यवस्था प्रभावित होती है, बल्कि अभिभावक भी ऐसे विद्यालयों में अपने बच्चों को भेजने से हिचकते हैं। कई स्थानों पर तो शिक्षक मात्र एक ही रह गया है, जिससे शिक्षण कार्य के साथ-साथ प्रशासनिक और अन्य जिम्मेदारियों का निर्वहन भी कठिन हो गया है।
एसोसिएशन ने राज्य सरकार से मांग की है कि सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि जहां दो अध्यापक कार्यरत थे, वहां समायोजन पर रोक लगाई जाए और शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अनुसार न्यूनतम दो अध्यापकों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

