धस्माना बोले – भाजपा सरकारी शिक्षा को खत्म कर रही, निजीकरण को दे रही बढ़ावा
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। प्रदेश की भाजपा सरकार उत्तराखंड में सरकारी शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने पर आमादा है — यह आरोप लगाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने धामी सरकार पर तीखा हमला बोला। कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेशभर में चल रहे 1488 हाई स्कूल और इंटर कॉलेजों को बंद करने जा रही है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग की योजना के अनुसार इन स्कूलों को क्लस्टर विद्यालयों में मर्ज किया जाएगा, जिससे दूर-दराज के छात्र-छात्राओं को 30 किलोमीटर तक की दूरी तय करनी पड़ेगी। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में यह निर्णय विद्यार्थियों के हित में नहीं है। कई स्कूलों की छात्र संख्या 1100 से अधिक है, बावजूद इसके उन्हें बंद करने की तैयारी की जा रही है।

धस्माना ने सवाल उठाया कि सरकार ने विद्यालय बंद करने के मानक क्या तय किए हैं? पुस्तकों की आपूर्ति तीन माह बीतने के बाद भी नहीं हो सकी है, लेकिन विभाग स्कूल बंद करने की रणनीति पर चल पड़ा है। उन्होंने इसे एक सुनियोजित साजिश बताया।
जनपदवार आंकड़े:
जनपद क्लस्टर स्कूल समायोजित विद्यालय
पौड़ी 79 215
टिहरी 78 181
अल्मोड़ा 67 183
पिथौरागढ़ 56 138
रुद्रप्रयाग 21 56
अन्य — —
कुल 559 1488
धस्माना ने कहा कि जब 1488 स्कूल बंद होंगे तो हजारों शिक्षकों, प्रधानाचार्यों, लिपिकों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद समाप्त हो जाएंगे। यदि प्रति विद्यालय 10 शिक्षक भी माने जाएं तो लगभग 15,000 पद समाप्त होंगे। इससे बेरोजगारी और बढ़ेगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार सरकारी स्कूल बंद कर निजी विद्यालयों और संस्थानों को बढ़ावा देना चाहती है। पहले भी कुछ विद्यालय विद्या भारती जैसे संगठनों को देने की कोशिश हुई थी, जिसे जनता और कांग्रेस के दबाव पर सरकार को वापस लेना पड़ा था।
रिक्त पदों और महाविद्यालयों की बदहाली पर भी उठाए सवाल
धस्माना बोले – नियुक्तियों पर रोक, निजी विश्वविद्यालयों को फायदा पहुंचाने की साजिश
धस्माना ने कहा कि शिक्षा की गिरती गुणवत्ता और स्कूलों में घटती छात्र संख्या की जिम्मेदार खुद सरकार है। उन्होंने सवाल किया कि प्रदेश के इंटर कॉलेजों व हाई स्कूलों में कितने प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक, प्रवक्ता व एलटी के पद खाली हैं?
उन्होंने सरकार के आंकड़ों के हवाले से बताया:
प्रधानाचार्य: 1385 में से 1150 पद रिक्त
प्रधानाध्यापक: 950 में से 810 पद रिक्त
प्रवक्ता: 3307 पद रिक्त
एलटी: 2500 पद रिक्त
उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में पद खाली होने पर शिक्षा का स्तर गिरना स्वाभाविक है और यही कारण है कि अभिभावक बच्चों को स्कूल से निकालने और पलायन करने को मजबूर हैं।
धस्माना ने यह भी आरोप लगाया कि सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज जैसे डीएवी, डीबीएस, एमकेपी और एलपीजी कॉलेज मसूरी में नियुक्तियों पर रोक लगाकर सरकार उन्हें बंद होने के कगार पर पहुंचा रही है ताकि छात्र निजी विश्वविद्यालयों की ओर रुख करें और उनके संचालन में लगे धन्नासेठों को लाभ हो।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस साजिश का डटकर विरोध करेगी — सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करेगी।

