महिला सशक्तिकरण निदेशक ने की विभागीय योजनाओं की समीक्षा की
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास की निदेशक रंजना राजगुरु ने मुख्यालय में विभागीय कार्मिकों की पहली समीक्षा बैठक की। उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से अपेक्षा जताई कि विभागीय योजनाओं का संचालन अनुशासन और संवेदनशीलता के साथ किया जाए।
निदेशक ने कहा कि मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन के आदेशानुसार समस्त कार्मिक समय पर कार्यालय में उपस्थित होकर अपनी ऑनलाइन उपस्थिति अनिवार्य रूप से दर्ज करें। साथ ही, अधिकारीगण किसी भी पत्रावली को उच्च स्तर पर भेजने से पूर्व उसका भलीभांति परीक्षण करें।
उन्होंने कहा कि यदि कोई नागरिक किसी कार्यवश मुख्यालय आता है, तो उसकी बात को गंभीरता से सुना जाए और नियमानुसार शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
ऑगनबाड़ी सेवाओं की गुणवत्ता और निगरानी पर निर्देश
बैठक में निर्देशित किया गया कि जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनिश्चित करें कि ऑगनबाड़ी केन्द्रों पर वितरित किया जाने वाला अनुपूरक पोषाहार और अन्य सामग्री उच्च गुणवत्ता की हो। खराब गुणवत्ता की सामग्री पाई जाने पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा, जिलाधिकारियों और मुख्य विकास अधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देश दिए गए कि वे निम्न बिंदुओं पर नियमित अनुश्रवण करें और शीघ्र वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाए:
सभी अर्ह गर्भवती, धात्री महिलाएं और बच्चे ऑगनबाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत हों ताकि पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं की ट्रैकिंग की जा सके।
चल रही ऑगनबाड़ी कर्मियों की चयन प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर नवचयनित कर्मियों को योगदान कराया जाए।
निर्माणाधीन ऑगनबाड़ी केन्द्रों की गुणवत्ता का निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए।
ड्रॉपआउट किशोरियों को चिन्हित कर उनका स्कूलों में नामांकन कराया जाए।
ऑगनबाड़ी केन्द्रों के उन्नयन में कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के तहत सहयोग लिया जाए।

