तीन शहरों में कई लोगों के खंगाले दस्तावेज कई करोड़ के गबन का मामला
आठ करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग में सात अफसर व व्यापारी फंसे
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। उत्तराखंड के बहुचर्चित एनएच-74 मुआवजा घोटाले में गुरुवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जोरदार छापेमारी कर एक बार फिर सियासी और अफसरशाही गलियारों में हलचल मचा दी।
पीसीएस अधिकारी डीपी सिंह के देहरादून स्थित राजपुर रोड वाले आलीशान घर सहित सीतापुर, बरेली, हरिद्वार और काशीपुर में ईडी की टीमें एक साथ पहुंचीं। सुबह-सुबह हुई इस कार्रवाई से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।
ईडी ने इस घोटाले में पीसीएस अफसर डीपी सिंह, पूर्व एसडीएम भगत सिंह फोनिया, पूर्व तहसीलदार मदन मोहन पाडलिया, एक निजी कंपनी फाइबरमार्क्स पेपर्स प्राइवेट लिमिटेड और उसके अधिकारियों जसदीप सिंह गोराया व हरजिंदर सिंह सहित सात लोगों के खिलाफ नया मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज किया है। इन सभी पर लगभग 8 करोड़ रुपये के अवैध धन शोधन (Proceeds of Crime) का आरोप है।
ईडी ने पहले ही इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है, जिसमें बताया गया है कि आरोपी अफसरों और व्यापारियों ने जमीन अधिग्रहण की आड़ में सरकारी खजाने को भारी चूना लगाया। जांच में अब तक करीब 7.99 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की पुष्टि हो चुकी है।
क्या है एनएच-74 घोटाला?
यह घोटाला उत्तराखंड के इतिहास के सबसे बड़े मुआवजा घोटालों में से एक माना जा रहा है। वर्ष 2017 में सामने आए इस घोटाले में राष्ट्रीय राजमार्ग-74 के चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान अपात्र लोगों को मोटी मुआवजा राशि बांटी गई। अनुमान है कि इस हेराफेरी से सरकार को करीब 250 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। हालांकि, वास्तविक धनराशि कहीं अधिक बताई जा रही है।
एसआईटी जांच में अब तक 30 से अधिक लोगों को जेल भेजा जा चुका है। दो आईएएस अधिकारी चंद्रेश यादव व पंकज पांडे भी जांच के दायरे में आए। पहले इन्हें निलंबित किया फिर शासन ने क्लीन चिट दे दी । और वे वर्तमान में अहम पदों पर तैनात हैं।
डीपी सिंह अभी डोईवाला शुगर मिल के अधिशासी निदेशक हैं। और हाल ही में शासन ने आवास विभाग की भी जिम्मेदारी दी है। गौरतलब है कि बीते साल डीपी सिंह को भी शसन ने क्लीन चिट दे दी थी। और हल्द्वानी कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर डीपी सिंह के मामले को खत्म करने का अनुरोध किया था। लेकिन कोर्ट ने शासन की इस अपील को ठुकरा कर तगड़ा झटका दिया था।
ईडी की ताजा कार्रवाई ने इस बंद हो चुके घोटाले की फाइलों को एक बार फिर खोल दिया है और संकेत दिए हैं कि जांच अब और गहराई तक जाएगी। सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में और कई बड़े नामों पर शिकंजा कसा जा सकता है।
जांच में क्या मिला
अफसरों के घरों और कार्यालयों पर एक साथ दबिश
पीसीएस अधिकारी भी ईडी के रडार पर
जब्त किए गए दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच की तैयारी
करोड़ों के लेन-देन से जुड़े डिजिटल साक्ष्य मिले
प्रमुख तथ्य- एनएच-74 घोटाला
मामला: एनएच-74 हाईवे परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण में मुआवजा वितरण का मामला
घोटाला: सैकड़ों करोड़ रुपये की सरकारी धनराशि फर्जी दरों के आधार पर बांटी गई
शक के घेरे में: राजस्व अधिकारी, भू-माफिया और कुछ स्थानीय नेता
अब तक की कार्रवाई: करोड़ों की अवैध संपत्ति जब्त, कई अफसरों से पूछताछ

