भिक्षावृत्ति से किताबों तक: योग, संगीत और तकनीक से लौट रही मुस्कान
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। भिक्षावृत्ति और बाल मजदूरी से मुक्त कराए गए बच्चे अब शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। साधुराम इंटर कॉलेज परिसर में बनाए गए राज्य के पहले आधुनिक इन्टेंसिव केयर शेल्टर ने इन बच्चों के लिए उम्मीद की नई किरण जगाई है।
यहां बच्चों को न केवल औपचारिक शिक्षा दी जा रही है, बल्कि योग, संगीत, नाटक, खेल, कम्प्यूटर और अन्य गतिविधियों के माध्यम से उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा रहा है। निजी स्कूल जैसी सुविधाओं वाले इस शेल्टर में बच्चों के लिए क्लासरूम, कम्प्यूटर लैब, म्यूजिक रूम, खेल उपकरण और पौष्टिक भोजन की व्यवस्था की गई है।
विशेषज्ञ शिक्षक और स्वयंसेवी बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी ज्ञान और रचनात्मक गतिविधियों में निपुण बना रहे हैं। बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच भी कराई जा रही है ताकि उनका शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर हो सके।

डीएम के इस अभिनव प्रयास से सड़कों पर भटकते बच्चे अब शिक्षा के मंदिर में लौटकर ज्ञान की उड़ान भर रहे हैं। यह पहल न केवल जिले बल्कि पूरे राज्य के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बन रही है।

