कर्नल कोठियाल बतौर दायित्वधारी नहीं लेंगे सरकारी सुविधाएं

हर साल मिलने थे 26 लाख रुपये

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। ‘उत्तराखंड राज्य पूर्व सैनिक कल्याण सलाहकार परिषद’ के अध्यक्ष कर्नल अजय कोठियाल ने परिषद के अध्यक्ष के तौर पर उन्हें मिलने वाली सभी सरकारी सुविधाएं न लेने का निर्णय लिया है। उन्होंने खुद की सुविधाओं पर हर साल खर्च होने वाली लगभग 26 लाख रूपये की राशि को पूर्व सैनिकों के कल्याण में खर्च करने का सुझाव दिया है। इसे लेकर कर्नल कोठियाल द्वारा सैनिक कल्याण निदेशालय को भेजा एक पत्र सोशल मीडिया में वॉयरल हो रहा है। पत्र में कर्नल ने लिखा हैं कि परिषद के अध्यक्ष की सुख सुविधाओं पर हर साल खर्च होने वाले बजट को पूर्व सैनिकों के कल्याण पर खर्च किया जाए। उन्होंने पत्र में लिखा है कि सुविधाओं के लिए नहीं बल्कि समाज सेवा के भाव से राजनीति में हैं।


इस पत्र में कर्नल कोठियाल ने परिषद के कार्यों और पूर्व सैनिको की समस्याओं के त्वरित निदान को एक निदेशालय परिसर में ही एक दफ्तर स्थापित करने का भी सुझाव दिया है, ताकि पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों की समस्याओं का तत्काल समाधान हो सके।


दायित्वधारी के रूप में मिलने वाली सरकारी सुविधाओं का त्याग करने वाले कर्नल कोठियाल राज्य गठन के बाद से अब तक इकलौते राजनेता हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने करीब ढाई माह पहले विभिन्न परिषदों, समितियों में दर्जन भर से ज्यादा दायित्वधारियों की नियुक्ति की थी। इसी क्रम में कर्नल अजय कोठियाल को सैनिक बाहुल्य प्रदेश में ‘पूर्व सैनिक कल्याण सलाहकार परिषद’ के अध्यक्ष का दायित्व सौंपा था। इस बीच दायित्व धारी जहां सरकारी वाहन से लेकर दफ्तर और अन्य सुख-सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं वहीं, कर्नल कोठियाल ने खुद ही सैनिक कल्याण निदेशालय पत्र लिख कर सुख-सुविधाएं न लेने का निर्णय लिया है। पत्र में कर्नल कोठियाल ने लिखा है कि उनके लिए फौज से मिलने वाली पेंशन के साथ ही कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र विजेता के तौर पर भी धनराशि मिलती है जो उनकी व्यक्तिगत जरूरतों की पूर्ति के लिए पर्याप्त है। ऐसे में उन्होंने निदेशालय से आग्रह किया कि उक्त बजट को पूर्व सैनिकों के कल्याण को संचालित योजनाओं में खर्च किया जाए। कर्नल कोठियाल ने लिखा कि वह 28 सालों तक सेना के महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं और उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों और यहां रहने वाले लोगों की समस्याओं से वाकिफ हैं। उन्होंने लिखा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें पूर्व सैनिकों के हित में काम करने की जो जिम्मेदारी दी है, उसे वे पूरी प्रतिबद्धता से निभाएंगे। उन्होंने लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड में पांचवें धाम के रूप में सैन्य धाम की परिकल्पना को मूर्त रूप देने के लिए वे काम करते रहेंगे।

दायित्वधारियों की सुख-सुविधाओं पर होता है इतना खर्च
मानदेय – 45,000
वाहन के लिए- 80,000
यात्रा भत्ता हेतु – 40,000
आवास कम कार्यालय के लिए – 25,000
टेलीफोन/ मोबाइल के लिए – 2,000
कार्मिकों के मानदेय के लिए – 27,000
कुल योग – 2,19,000 प्रतिमाह
कुल योग सालाना – 26,28,000 रूपये

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