फार्मा कंपनियों पर भी रखी जाएगी कड़ी निगरानी
गैर-पंजीकृत केंद्रों पर होगी सख्त कार्रवाई
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। “देवभूमि ड्रग फ्री अभियान” के तहत उत्तराखंड में नशे के खिलाफ व्यापक अभियान की योजना तैयार की गई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (STF) नवनीत सिंह भुल्लर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में स्टेट मेंटल हेल्थ अथॉरिटी (SMHA), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB), खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) और एसटीएफ की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) के अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्यभर में संचालित नशा मुक्ति केंद्रों का संयुक्त निरीक्षण किया जाएगा। SMHA की टीम के साथ ANTF और स्थानीय पुलिस सहयोग करेगी। निरीक्षण के दौरान SOP के अनुपालन, भर्ती मरीजों की स्थिति और इलाज की गुणवत्ता की जांच की जाएगी। इसके लिए SMHA के साथ एक लैब टेक्नीशियन भी तैनात रहेगा, जो यूरीन सैंपल जांच के ज़रिए केंद्रों की कार्यप्रणाली का मूल्यांकन करेगा।
SMHA के अनुसार वर्तमान में राज्य में 136 पंजीकृत नशा मुक्ति केंद्र हैं, जबकि पुलिस के अनुसार यह संख्या 200 से अधिक है। ऐसे अपंजीकृत केंद्रों की पहचान कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में यह भी तय किया गया कि प्रीकर्सर केमिकल और साइकोट्रोपिक ड्रग्स के उपयोग से संबंधित फार्मा कंपनियों का भी संयुक्त निरीक्षण किया जाएगा। ANTF, NCB और FDA की टीमें इन कंपनियों के भंडारण और उत्पादन गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखेंगी।
सभी विभागों के समन्वय से राज्य में ड्रग्स की सप्लाई और डिमांड चैन को तोड़ने हेतु निर्णायक कार्रवाई की योजना बनाई गई है।

