मोर्चा ने अफसरों की उदासीनता पर जताई नाराज़गी
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण प्रकरण को लेकर जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएनवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन से मुलाकात कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में करीब डेढ़ से दो वर्षों से लंबित चल रही 3702 आंदोलनकारियों की पत्रावलियों पर शीघ्र कार्रवाई की मांग की गई।
नेगी ने कहा कि इन आवेदकों में अनेक ऐसे हैं जो पूर्ण रूप से पात्र हैं, बावजूद इसके अधिकारियों द्वारा अनावश्यक आपत्तियां लगाकर फाइलों को लटकाया जा रहा है। उन्होंने अफसरों पर गैर-जिम्मेदार और अकर्मण्य रवैया अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि यदि दस्तावेजों पर संदेह था, तो संबंधित विभागों से पुष्टि की जा सकती थी, लेकिन ऐसा करने की बजाय मामलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
उन्होंने यह भी बताया कि शासन स्तर पर पत्रावली को उच्च आदेशों के तहत “फ्रीज” कर दिया गया है, जबकि संबंधित अधिकारी हर साल संभावित 20 करोड़ रुपये खर्च का हवाला देकर प्रक्रिया को और लटकाने का प्रयास कर रहे हैं।
नेगी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिन आंदोलनकारियों के संघर्ष से राज्य का गठन हुआ, उन्हीं को आज हाशिए पर धकेला जा रहा है। उन्होंने अफसरों को चेताते हुए कहा कि यदि उत्तराखंड राज्य न बना होता, तो वे आज इन पदों पर नहीं होते।

