पीपीपी मोड के 12 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का अनुबंध निरस्त होगा

डीएम ने अक्षांश/चित्रांश जेवीके प्रा.लि. पर ठोका भारी जुर्माना

डॉक्टर नदारद, दवाएं अधूरी, सफाई बदहाल

देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में बुधवार सुबह जिला प्रशासन की चार टीमों ने पीपीपी मोड पर संचालित 12 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (अर्बन पीएचसी) पर एक साथ औचक छापेमारी कर गंभीर अनियमितताओं का भंडाफोड़ किया।

जांच के दौरान कई केंद्रों पर डॉक्टर अनुपस्थित मिले, एएनएम, नर्स और लैब टेक्नीशियन की भूतिया एंट्री दर्ज पाई गई।
कई स्थानों पर सफाई और सुरक्षा व्यवस्था बेहद खराब थी, दवाओं की उपलब्धता अधूरी थी।
बैठने, पेयजल या जनरेटर जैसी मूलभूत सुविधाएं तक नहीं थीं। कोल्ड चेन उपकरण व जनरेटर के अभाव में टीकाकरण जैसी संवेदनशील सेवाएं भी प्रभावित हो रही थीं।

जिलाधिकारी ने अक्षांश/चित्रांश जेवीके प्रा.लि. पर भारी अर्थदंड लगाने के निर्देश दिए हैं और अनुबंध निरस्त कर पुनः नवीनीकरण न करने की संस्तुति मुख्य सचिव को भेजी गई है।

मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, एसडीएम सदर हरी गिरी, एसडीएम अपूर्वा सिंह और डिप्टी कलेक्टर मुख्यालय ने अलग-अलग क्षेत्रों में केंद्रों का निरीक्षण किया।
निरीक्षण में चूना भट्टा, अधोईवाला, कारगी, रीठामंडी, बकरालवाला, माजरा, बीएस कॉलोनी, दीप नगर, सीमाद्वार आदि पीएचसी में भारी अनियमितताएं मिलीं।

प्रमुख कमियां:

डॉक्टर व स्टाफ की अनुपस्थिति

टीकाकरण रजिस्टर, बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन में लापरवाही

खराब लैब व्यवस्थाएं और उपकरण

खराब आरओ, टॉयलेट और गंदगी से भरा परिसर

जनरेटर और फ्रीजर की अनुपस्थिति से कोल्ड स्टोरेज खतरे में

जिलाधिकारी ने तीन माह की बायोमेट्रिक उपस्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं और स्पष्ट किया है कि अनुबंध के अनुसार मानक सेवाएं न देने वाली कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई तय है।

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