पंचायत चुनावों में धांधली, गोलीबारी और अपहरण पर कांग्रेस ने उठाई आवाज
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। सोमवार 18 अगस्त को हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई से पहले उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस ने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह से निर्वाचन आयुक्त को हटाने की मांग की।
कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल को हाल ही में सम्पन्न पंचायत चुनावों में हुई धांधली, गुंडागर्दी, गोलीबारी और अपहरण की घटनाओं की जानकारी दी तथा राज्य निर्वाचन आयुक्त को बर्खास्त करने और कानून-व्यवस्था पर सरकार को कड़े निर्देश देने की मांग की।
प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने जानबूझकर पंचायत चुनाव सात माह की देरी से करवाए, ताकि निकाय मतदाता भी ग्रामीण क्षेत्रों में भाग ले सकें।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आरोप लगाया कि राज्य निर्वाचन आयोग सरकार की कठपुतली की तरह काम करता रहा और उच्च न्यायालय के आदेशों तक की अवहेलना की।
उन्होंने कहा कि आरक्षण में भी नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं। नैनीताल, बेतालघाट और रुद्रप्रयाग की घटनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि प्रशासन मूकदर्शक बना रहा और अपराधियों ने खुलेआम जिला पंचायत सदस्यों का अपहरण व गोलीबारी की।
पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भी नियम विरुद्ध आरक्षण किया गया।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि जब जनता की अपेक्षाओं के खिलाफ सरकार काम कर रही है तो विपक्ष राज्यपाल की ओर देखता है।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि उनके सभी बिंदुओं पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और सरकार को उचित संदेश भेजा जाएगा। साथ ही भविष्य में विपक्षी दलों को समय देने में कोई बाधा नहीं होगी।
प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह, सह प्रभारी सुरेंद्र शर्मा, विधायक काजी निजामुद्दीन, विधायक ममता राकेश, विधायक विक्रम सिंह, विधायक फुरकान अहमद, विधायक रवि बहादुर, विधायक अनुपमा रावत, पूर्व विधायक राजकुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अभिषेक सिंह, श्रीमती ज्योति रौतेला, श्री मदन लाल, सरदार अमरजीत सिंह और डॉ. जसविंदर सिंह गोगी शामिल रहे।
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