धराली व पौड़ी आपदा पीड़ितों को समुचित मुआवज़ा देने की मांग
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता कर राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन को पूरी तरह नाकाम बताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां गठन के समय ही आपदा प्रबंधन मंत्रालय बनाया गया, मगर आज भी कोई प्रभावी तंत्र खड़ा नहीं हो पाया है। विभाग उपनल और अस्थायी कर्मचारियों के भरोसे चल रहा है।
डॉ. रावत ने कहा कि उत्तरकाशी के धराली और पौड़ी जनपद समेत कई क्षेत्रों में हाल की भीषण आपदाओं में सरकार की लापरवाही उजागर हुई है। मुख्यमंत्री के पास पहले से कई विभाग हैं, ऐसे में आपदा प्रबंधन का जिम्मा किसी अन्य मंत्री को दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूपीए शासन में आपदा बजट 100 प्रतिशत केंद्र सरकार देती थी, जबकि अब केवल 90 प्रतिशत केंद्र और 10 प्रतिशत राज्य का योगदान है। वर्तमान बजट 1012 करोड़ रुपये बेहद कम है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि धराली आपदा के लिए 40 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं, लेकिन अन्य जिलों को नज़रअंदाज़ कर दिया गया है। मृतकों के परिजनों को चार लाख और घायलों को दो लाख की सहायता राशि नाकाफी है, इसे बढ़ाकर क्रमशः 25 लाख और 10 लाख किया जाना चाहिए। विकलांगता पर मिलने वाली क्षतिपूर्ति भी बेहद कम है, इसे बढ़ाया जाए और सभी घायलों का इलाज राज्य सरकार मुफ्त कराए।
उन्होंने आरोप लगाया कि जिनके घर बह गए उन्हें केवल 2500 रुपये देकर सरकार ने मजाक उड़ाया है। किसानों को फसल और पशुधन हानि पर उचित मुआवज़ा दिया जाए। होटल-रिजॉर्ट व्यवसायियों को भी केदारनाथ आपदा की तर्ज पर बाजार मूल्य पर क्षतिपूर्ति दी जाए। साथ ही, केंद्र से दीर्घकालिक आपदा प्रबंधन के लिए विशेष पैकेज की मांग की।
गैरसैण सत्र को लेकर डॉ. रावत ने सरकार पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि पूरा राज्य आपदा की चपेट में है, जबकि मंत्री हेलीकॉप्टर से गैरसैण पहुंच रहे हैं और विधायक सड़क मार्ग से जोखिम उठाकर।
पत्रकार वार्ता में महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला, प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह, शीशपाल सिंह बिष्ट, सोशल मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह, वीरेंद्र पोखरियाल, विनोद चौहान और एनएसयूआई अध्यक्ष विकास नेगी मौजूद रहे।

