एलिवेटेड रोड परियोजना का विरोध
6200 करोड़ को जनहित में लगाने की मांग
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। दून समग्र विकास अभियान के बैनर तले गुरुवार को विभिन्न जन एवं पर्यावरण संगठनों और विपक्षी दलों ने गांधी पार्क में मानव श्रृंखला बनाकर सरकार के समक्ष अपनी आवाज़ बुलंद की। प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट कहा कि जनपक्षीय विकास चाहिए, प्रस्तावित एलिवेटेड रोड नहीं।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि देहरादून की यातायात समस्या का समाधान 6200 करोड़ रुपये की एलिवेटेड रोड परियोजना नहीं, बल्कि 400 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें चलाने, महिलाओं को निशुल्क बस यात्रा सुविधा देने, शहरी मज़दूरों के लिए रोज़गार गारंटी योजना लागू करने, किफायती आवास निर्माण और यातायात व्यवस्था सुधारने से हो सकता है। उनका कहना था कि ये सभी कार्य अगले पाँच से दस वर्षों तक किए जा सकते हैं और इन पर खर्चा भी 6200 करोड़ से कम होगा।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने “जन सुनवाई” के नाम पर जनता को गुमराह करने और डराने की कोशिश की, जिसे उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया। हाल ही में अनुपूरक बजट में इस परियोजना के लिए 925 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो स्वास्थ्य और शिक्षा ढांचे पर खर्च की गई राशि से कई गुना अधिक है। प्रदर्शनकारियों ने इसे उत्तराखंड की जनता के साथ धोखा करार देते हुए परियोजना को रद्द करने और जनपक्षीय विकास पर ठोस कदम उठाने की मांग की।

कार्यक्रम में उत्तराखंड महिला मंच की कमला पंत, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डॉ. एस.एन. सचान, उत्तराखंड इंसानियत मंच के त्रिलोचन भट्ट, डॉ. एन.एन. पांडेय, राघवेंद्र, मैड संस्था से विवेक और आरती, सर्वोदय मंडल के हरबीर सिंह कुशवाहा, चेतना आंदोलन के राजेंद्र शाह, शंकर गोपाल, अशोक कुमार, सुनीता देवी, मुमताज देवी, जनतुल देवी, रमन पंडित, इरफान, मुन्ना, अरुण तांती समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे

