युवती के पेट से निकला 26.2 किलो का ट्यूमर

उत्तराखंड में अब तक का सबसे बड़ा दर्ज ट्यूमर*

सर्जरी के बाद युवती पूरी तरह स्वस्थ

अविकल उत्तराखंड

डोईवाला- हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट ने युवती के पेट से 26.2 किलो का ट्यूमर निकालकर नया जीवन दिया है। अस्पताल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की डॉ.वंदना राजपूत और उनकी टीम ने यह एतिहासिक सर्जरी की।

हिमालयन अस्पताल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की 23 वर्षों से ज्यादा का अनुभव प्राप्त वरिष्ठ चिकित्सका डॉ.वंदना राजपूत ने बताया कि देहरादून के प्रेमनगर क्षेत्र की 17 वर्षीय अविवाहित युवती पिछले एक वर्ष से पेट में बढ़ते सूजन से पीड़ित थी। पिछले चार महीनों से उसे सांस लेने में कठिनाई और आंतों से संबंधित लक्षण भी महसूस हो रहे थे।
कई अस्पतालों में इलाज करवाने के बावजूद कोई स्पष्ट उपचार नहीं मिल पाया। इसके बाद परिजनों के साथ हिमालयन अस्पताल आए। प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग डॉ. वंदना राजपूत ने जरूरी स्वास्थ्य परीक्षण करवाए। अस्पताल में मौजूद अंतर्राष्ट्रीय स्वास्त्थ्य मानकों के तहत उच्च तकनीक मशीनों के माध्यम से अल्ट्रासाउंड व एमआरआई करवाया गया। जांच में एक विशाल अंडाशयी ट्यूमर का पता चला।
डॉ. वंदना राजपूत ने अस्पताल की विशेषज्ञ टीम के साथ मिलकर सर्जरी की योजना बनाई। सर्जरी से युवती के पेट से 26.2 किलोग्राम वजनी का विशालकय ट्यूमर निकालकर नया जीवन दिया। युवती पूरी तरह स्वस्थ्य है। परिवार ने भावुक होकर चिकित्सकीय टीम के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया।

सर्जरी करने वाली टीम
इस टीम में डॉ. वंदना राजपूत, डॉ.प्रज्ञा खुगशाल, रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. शबाना, डॉ.शिवानी, एनिस्थिसिया से डॉ. कनिका सचदेवा व टीम और नर्सिंग स्टाफ परमिंदर शामिल रही।

कम चीरे वाली तकनीक
डॉ.वंदना राजपूत ने बताया कि अस्पताल में अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य मानकों के तहत स्वास्थ्य सुविधाएं मौजूद हैं। उसी के बलबूते इतने विशालकय ट्यूमर की सर्जरी मुमकिन हो पाई। इसके लिए हमने कम चीरे वाले तकनीक अपनाई। महज डेढ़ घंटे में 26.2 किलोग्राम का ट्यमर निकाला। सर्जरी में न केवल आसपास के अंगों को कोई नुकसान नहीं हुआ, बल्कि युवती के शरीर की संरचना व भविष्य की स्वास्थ्य संभावनाएं भी सुरक्षित रखी गईं।

उत्तराखंड में पहला मामला
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.वंदना राजपूत ने बताया कि युवती के पेट से 26.2 किलोग्राम का ट्यूमर सफलतापूर्वक निकाला गया, यह उत्तराखंड में अब तक का सबसे बड़ा दर्ज किया गया ट्यूमर है।

“यह असाधारण सर्जरी हमारे चिकित्सा संस्थान की उच्चतम गुणवत्ता और मानवीय संवेदनाओं का प्रतीक है। यह उपलब्धि न केवल स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय की चिकित्सा क्षमताओं को दर्शाती है, बल्कि जटिल स्त्री रोग संबंधी समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के लिए आशा की एक किरण भी है।”- डॉ. विजय धस्माना, अध्यक्ष, स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय

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