उपकरणों के प्रयोग पर दलों से मांगे अनुभव
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने मंगलवार को धराली और थराली में चलाए गए राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की।
एनडीएमए के संयुक्त सलाहकार (ऑपरेशंस) लेफ्टिनेंट कर्नल संजय कुमार शाही ने उत्तराखंड सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि आपदा से निपटने में विभागों के बीच बेहतर समन्वय देखने को मिला है।
उन्होंने धराली में उपयोग किए गए उपकरणों—जीपीआर, मेटल डिटेक्टर, थर्मल इमेजर, ड्रोन, लिडार, वीएलएस कैमरा, लाइव डिटेक्टर आदि—के प्रयोग पर दलों से अनुभव साझा करने को कहा, ताकि भविष्य की आपदाओं में इनका और प्रभावी इस्तेमाल हो सके।

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने कहा कि आपदा प्रबंधन तंत्र पूरी क्षमता के साथ कार्य कर रहा है और एनडीएमए से मिले सहयोग के लिए राज्य आभारी है। उन्होंने बताया कि मानसून से हुए नुकसान की समग्र रिपोर्ट जल्द भारत सरकार को सौंपी जाएगी।
यूएसडीएमए के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डीआईजी राजकुमार नेगी ने धराली-थराली में चल रहे अभियानों की जानकारी दी। बैठक में ऑनलाइन सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, आईजी एसडीआरएफ अरुण मोहन जोशी और कमांडेंट अर्पण यदुवंशी भी जुड़े।
आपदा क्षेत्र से एसडीआरएफ ने एकत्र किए मिट्टी-पत्थर के नमूने
देहरादून। एसडीआरएफ कमांडेंट अर्पण यदुवंशी ने बताया कि एसडीआरएफ और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की संयुक्त टीम ने श्रीकंठ पर्वत बेस कैंप से मिट्टी और पत्थरों के नमूने एकत्र किए हैं। इन्हें वाडिया भूविज्ञान संस्थान और एनआरएससी को अध्ययन हेतु भेजा गया है।
टीम ने ड्रोन से पूरे क्षेत्र का सर्वेक्षण भी किया है। ड्रोन फुटेज संबंधित संस्थानों को उपलब्ध करा दी गई हैं।

