भाजपा संगठन ने कहा, धामी के नेतृत्व में 2027 में बनेगी जीत की हैट्रिक
दो हार के बाद कांग्रेस बाजी पलटने की फिराक में
अविकल थपलियाल
देहरादून। प्राकृतिक आपदा के दौर में पंचायत चुनावों की सरगर्मी ने 2027 के विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया। अंदरूनी झगड़े-टंटे के बावजूद भाजपा-कांग्रेस ने अपने-अपने तीर तरकश से निकाल लिए हैं। भाजपा जीत की हैट्रिक की जुगत में है जबकि कांग्रेस दो विधानसभा हार के बाद उठने की कोशिश में है। दोनों दलों के नेताओं के बीच जुबानी जंग जोरों पर है। हाल ही में दोनों दलों के पार्टी प्रभारी दिल्ली से लेकर दून तक बैठकें कर सांगठनिक मजबूती पर मंथन कर चुके हैं।
दैवीय आपदा के कहर खत्म होने व पटरी से उतरे सिस्टम को ठीक करने के बाद सभी दल तेजी से चुनावी मोड में नजर आएंगे।
इधऱ, भाजपा 12 में से 11 जिला पंचायतों पर पार्टी समर्थित प्रत्याशियों की जीत और क्षेत्र पंचायत प्रमुखों के चुनावों के नतीजों से बेहद उत्साह में दिख रही है। पंचायत चुनाव में भाजपा की सत्ता और संगठन की रणनीति कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों पर भारी पड़ती नजर आयी।
हालांकि, पंचायत चुनाव प्रत्यक्ष रूप से पार्टी चिह्न पर नहीं लड़े जाते, लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि इन चुनावों में भाजपा की रणनीतिक दबाव का असर साफ़ दिखाई दिया।
हालांकि, कांग्रेस भी अपने प्रदर्शन को कम नहीं आंक रही है। साथ ही भाजपा और सत्ता की लाठी भांजने का आरोप भी चस्पा कर रही है।
पंचायत चुनाव के बाद राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज़ हो गई है कि क्या मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भाजपा 2027 में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का इतिहास रच सकती है?
वैसे, पार्टी सूत्रों का कहना है कि अभी भाजपा मंत्रिमंडल की भी ओवरहालिंग होनी है। 2027 के विस चुनाव को ध्यान में रखते ही कैबिनेट का गठन किया जाएगा। साथ ही चुनावों के मद्देनजर संगठन में भी आमूल-चूल बदलाव की संभावना जताई जा रही है।
पार्टी प्रवक्ता सुनीता बौड़ाई का कहना है कि 2022 में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सीएम धामी के नेतृत्व में पार्टी ने दोबारा सत्ता में लौटकर इतिहास बनाया।
इसके बाद चंपावत, बागेश्वर व केदारनाथ उपचुनाव जीता। 2024 का लोकसभा व निकाय चुनाव में भी भाजपा का परचम लहराया।
हालांकि, बदरीनाथ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी लखपत ने भाजपा के राजेन्द्र सिंह भंडारी को पटखनी दी। बदरीनाथ उपचुनाव में भंडारी की हार के पीछे कई अन्य कारण भी गिनाए गए। जबकि इसी दौरान मंगलौर सीट कांग्रेस ने जीती। पूर्व में इस सीट पर भाजपा का कभी कब्जा नहीं रहा था। लेकिन भाजपा के बाहरी प्रत्याशी भड़ाना मामूली अंतर से चुनाव हार गए थे।
बहरहाल, भाजपा के अंदर चल रही तमाम कशमकश के बाद पार्टी संगठन व प्रभारी इन दिनों 2027 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए संगठन व कैबिनेट विस्तार पर मुख्य फ़ोकस किये हुए हैं। दिल्ली से लेकर दून तक बैठकें व मिलने जुलने का सिलसिला जारी है।
इधऱ, कांग्रेस की प्रभारी शैलजा भी लम्बे अंतराल के बाद दून आईं। और विधानसभा चुनाव व सांगठनिक मजबूती पर जोर देकर चली गईं। दून जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट जीतने के बाद कांग्रेस नेता भी भाजपा को घेरने में जुट गए हैं।
भाजपा प्रवक्ता सुरेश जोशी का कहना है कि
पारंपरिक रूप से पंचायत चुनावों में स्थानीय समीकरण, जातीय संतुलन और व्यक्तिगत प्रभाव ज्यादा असर डालते हैं। यह बदलाव भाजपा के लिए रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम है, क्योंकि अब तक उसकी ताक़त को अक्सर शहरी और मध्यवर्गीय समर्थन से जोड़ा जाता रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में पीएम मोदी का काफी असर देखा जा रहा है।

भाजपा प्रवक्ता मनवीर चौहान का कहना है कि कांग्रेस के झगड़े से मतदाता अच्छी तरह वाकिफ है। विपक्ष के पास सिर्फ़ घोषणाएँ या मुद्दों को उठाने से आगे बढ़कर ज़मीनी स्तर पर सक्रिय होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। चौहान का कहना है कि सीएम धामी के नेतृत्व में भाजपा 2027 में जीत की हैट्रिक बनाएगी।
कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत का कहना है कि दस साल में जनता भाजपा शासन से त्रस्त आ चुकी है। कांग्रेस पार्टी 2027 में बेहतर रणनीति के दम पर भाजपा को शिकस्त देगी।
अगर भाजपा 2027 में सत्ता में वापसी करती है तो यह राज्य की राजनीतिक इतिहास में पहली बार होगा कि कोई दल लगातार तीसरी बार सत्ता में आएगा।
मुख्यमंत्री धामी के लिए भी यह उनकी नेतृत्व क्षमता की सबसे बड़ी परीक्षा होगी। लेकिन राजनीति में जीत का कोई स्थायी फॉर्मूला नहीं होता। जनता की उम्मीदों को पूरा करना, सुशासन को बनाए रखना और स्थानीय मुद्दों पर संवेदनशील बने रहना ही भाजपा की असली कसौटी होगी।
भाजपा और कांग्रेस खेमे में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सांगठनिक मजबूती को लेकर हो रही बैठको से सक्रिय कार्यकर्ताओं को भी उम्मीद बंधती दिखाई दे रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट कहते हैं कि सीएम धामी के नेतृत्व में जीत का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।

