कक्षा-1 में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु 6 वर्ष अनिवार्य

नियम तोड़ने वाले विद्यालयों की मान्यता होगी निरस्त

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। शासन ने कक्षा-1 में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु मानक के कड़ाई से पालन के निर्देश दिए हैं। शिक्षा सचिव ने मातहत विभागीय अधिकारियों को भेजे पत्र में आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
पत्र में कहा गया है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत उत्तराखण्ड निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली-2011 की अधिसूचना दिनांक 13 जून 2025 के अनुसार कक्षा-1 में प्रवेश हेतु बच्चे की आयु 6 वर्ष होना अनिवार्य है। यह आयु शैक्षिक सत्र की प्रारंभिक तिथि 1 जुलाई से पूर्व पूर्ण होनी चाहिए।

शासन के संज्ञान में आया है कि कई विद्यालय इस मानक की अनदेखी कर कम आयु के बच्चों का प्रवेश ले रहे हैं। इससे बच्चों पर पढ़ाई का अनावश्यक दबाव पड़ता है और उनके मानसिक विकास पर प्रतिकूल असर पड़ता है।

शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने 29 अगस्त के जारी पत्र में कहा कि अधिसूचना के मानकों का पालन न करने वाले विद्यालयों की पहचान कर उनकी मान्यता निरस्त करने की कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने सभी विद्यालयों को आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

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