अविकल उत्तराखंड
देहरादून। प्लीजेंट ट्री होटल सभागार में पीसीएस अधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र की पुस्तक गौहन्ना डॉट कॉम का विमोचन वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी ने किया। उन्होंने कहा कि “लोकजीवन के बिना साहित्य अधूरा है” और इस कृति ने लोकजीवन को साहित्यिक संवेदनाओं से जोड़ने का सराहनीय प्रयास किया है।
इस अवसर पर प्रो. डॉ. सुधा रानी पांडे ने संस्मरण साहित्य को प्राचीन परंपरा बताते हुए लेखक के प्रयास को अभिनव प्रयोग कहा। असीम शुक्ल ने इसे “हृदय से निकला उद्गार” बताया, जबकि सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. नितिन उपाध्याय ने कहा कि पुस्तक पढ़ते समय ऐसा लगता है जैसे लेखक बचपन की स्मृतियों की यात्रा करवा रहे हों।

साहित्यकारों की सराहना और सांस्कृतिक विमर्श
अमित श्रीवास्तव ने बदलते समय में नव साहित्य के महत्व को रेखांकित किया। हरिद्वार से आए वरिष्ठ साहित्यकार रमन जी ने पुस्तक के अंश पढ़कर प्रभावित होने की बात कही और काव्यपाठ भी प्रस्तुत किया। डॉ. देवी प्रसाद तिवारी (बीएचयू) ने इसे एक नई विधा में रचा गया ग्रंथ बताया।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. डॉ. राम विनय (अध्यक्ष, हिंदी साहित्य समिति देहरादून) ने किया। उन्होंने इस कृति को अवध और मिथिला की संस्कृति को संवादात्मक रूप से प्रस्तुत करने वाली अद्वितीय रचना बताया। समापन पर प्रो. डॉ. अरविन्द नारायण मिश्र (संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार) ने लेखक को निरंतर सृजनशील रहने की शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम में जितेन ठाकुर, कवि कांत श्री, अम्बर खरबंदा, सतीश बंसल, सुमन पांडे, ऊषा झा, कुलदीप गैरोला, रणधीर अरोड़ा, अनुपम द्विवेदी, केके पांडे, विजय सिंह, सतीश अग्रवाल, तुषार गुप्ता, डॉ. शिव कुमार बरनवाल, अशोक पांडेय, दीपक रौतेला समेत अनेक साहित्यकार और गणमान्य उपस्थित रहे।

