सिविकसेतु – छात्राओं के नवाचार ने दिलाया अंतरराष्ट्रीय मंच पर सम्मान

आरना दयाल और बानी सत्संगी को SciHi Virtual Hackathon 2025 में मिला पुरस्कार

अविकल उत्तराखंड

आगरा। कभी छात्रवृत्ति से वंचित लक्ष्मी और ज़मीन गंवाने वाले किसान रमेश जैसी कहानियाँ व्यवस्था की खामियों को उजागर करती हैं। इन्हीं वास्तविक समस्याओं से प्रेरणा लेकर डीईआई प्रेम विद्यालय की कक्षा 12 की छात्रा आरना दयाल और कक्षा 11 की छात्रा बानी सत्संगी ने समन्वयक और गाइड हार्दिक चड्ढा के नेतृत्व में “सिविकसेतु” नामक डिजिटल मंच तैयार किया। इस अभिनव प्रयास को डीईआइ में 15 से 17 सितंबर तक आयोजित तीन दिवसीय SciHi Virtual Hackathon 2025 में तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

क्या है सिविकसेतु?

सिविकसेतु एक ऐसा मंच है जो नागरिकों को न्याय, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़मर्रा की सहायता से जोड़ने का काम करेगा है। किसी ऐप इंस्टॉल की ज़रूरत नहीं पड़ती और 22 से अधिक भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगा। पढ़ने-लिखने में कठिनाई झेलने वालों के लिए इसमें वॉयस-फर्स्ट सुविधा है।

यह सात प्रमुख मॉड्यूल्स पर आधारित है—

न्यायसेतु : त्वरित न्याय

अर्थसेतु : आर्थिक सहयोग

स्वास्थ्यसेतु : स्वास्थ्य और प्राथमिक उपचार

विद्यासेतु : विद्यार्थियों की मदद

रक्षा सेतु : आपातकालीन सहायता

सहायसेतु : दस्तावेज़ सहयोग

अधिकारसेतु : अधिकार जागरूकता

हैकाथॉन का मंच

SciHi Virtual Hackathon 2025 एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता है जिसे Dayalbagh Educational Institute (DEI) और Systems Society of India (SSI) ने मिलकर आयोजित किया। इसका विषय था—“Sustainable Systems for the Future”। इसमें कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों ने भाग लेकर कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों की चुनौतियों के समाधान प्रस्तुत किए।

प्रतियोगिता में छात्रों को AI, IoT, Robotics और App Development जैसे विषयों पर वेबिनार और विशेषज्ञों से मेंटरशिप मिली। विभिन्न टीमों ने मिलकर अपने विचार प्रस्तुत किए और अंत में डीईआई प्रेम विद्यालय की आरना और बानी ने सिविकसेतु के ज़रिए समाज के अंतिम व्यक्ति तक मदद पहुँचाने का संकल्प पेश किया।

भविष्य की उम्मीद

नीति विशेषज्ञों का मानना है कि भारत जैसे देश में जहाँ ग्रामीण क्षेत्रों के लगभग 60% परिवारों की नियमित डिजिटल पहुँच नहीं है, वहां इस तरह की पहलें डिजिटल खाई को पाटने में मददगार साबित होंगी।

पुरस्कार पाकर उत्साहित आरना और बानी का कहना है कि उनका लक्ष्य सरल है—
“एक क्लिक। एक आवाज़। एक सिविकसेतु।”

दो छात्राओं का सपना

विद्यालय : डीईआई प्रेम विद्यालय, आगरा

प्रतिभागी : आरना दयाल (कक्षा 12), बानी सत्संगी (कक्षा 11)

परियोजना : सिविकसेतु – नागरिकों के लिए डिजिटल पुल

मंच : SciHi Virtual Hackathon 2025

सम्मान : तृतीय पुरस्कार (इंटरनेशनल स्तर पर)

लक्ष्य : हर नागरिक तक त्वरित मदद और सशक्तिकरण पहुंचाना‌

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