‘मोदी-धामी की मजबूती से ही अगला दशक उत्तराखण्ड का होगा’

राजनीति के क्लाउड बर्स्ट में भगत दा ने फैलाये डैने

सीएम धामी के राजनीतिक, प्रशासनिक व निजी गुणों की खोली कुंडली

अविकल थपलियाल/समाचार विश्लेषण

देहरादून। भाजपा में जारी राजनीतिक आपदा के बरसाती मौसम में भगत दा ने आखिरकार अपनी छतरी तान ही दी। भाजपा के महासमर ने अब नयी करवट ले ली।

पूर्व सीएम कोश्यारी ने मौजूदा मुख्यमंत्री धामी की जमकर  तारीफ की। गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम में पूर्व राज्यपाल भगत दा ने सीएम धामी के प्रशासनिक,राजनीतिक व निजी गुणों का तफ्सील से वर्णन कर राजनीति के बन्द पन्ने भी फड़फड़ा दिए।

राज्य गठन से पहले लखनऊ और अब उत्तराखण्ड में कोश्यारी और धामी का लंबा साथ रहा है। सम्भवतः प्रदेश की राजनीति में यह भी पहला वाकया होगा जब कोश्यारी ने सीएम धामी की चौमुखी तारीफ के पुल बांध दिए।

इससे पहले, भगत दा कई मंचों से अपने गुदगुदाने वाले स्टाइल में सीएम धामी पर गाहे बगाहे चुटकियां लेते भी देखे गए हैं। लेकिन गुरुवार को भगत दा बदले बदले नजर आये।

बीते कुछ समय से भाजपा के कुछ नेताओं की अपनी ही सरकार पर तल्ख टिप्पणी के बाद कोश्यारी का यह ताजा स्टैंड एक साथ कई संदेश दे गया।

इन दिनों, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत, तीरथ सिंह रावत, अरविंद पांडे, बिशन सिंह चुफाल,मुन्ना सिंह चौहान  के अलावा भाजपा के कुछ और नेताओं के सार्वजनिक व अंदरूनी सनसनीखेज गतिविधियां सुर्खियां बटोर रही हैं।

इस बीच, भाजपा में जारी ‘महाभारत’ की बरसाती सांझ के बीच कोश्यारी का सीएम धामी पर छाता टांग देना बहुत कुछ कह गया।

गुरुवार को देहरादून में धामी सरकार के चार साल के कार्यकाल पर आहूत गोष्ठी में ‘नायक से जननायक’ पुस्तक का भी विमोचन किया गया। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने ऐलानिया अंदाज में कह दिया कि अगला दशक उत्तराखंड का तब ही होगा, जब हम मोदी-धामी के हाथों को मजबूत करेंगे।

उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में धामी सरकार की उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त है। धामी एक मुख्यमंत्री के तौर पर सफल और लोकप्रिय साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि ये सबसे बड़ी उपलब्धि है कि विपक्षी नेता ही नहीं, बल्कि कार्यकर्ता तक व्यक्तिगत तौर पर सीएम धामी की आलोचना नहीं करते।
संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद की ओर से आयोजित विचार गोष्ठी में कोश्यारी ने कहा कि सीएम धामी के व्यवहार में सरलता है। वह जहां सेे भी अच्छे गुण मिलते हैं, उन्हें अंगीकार कर लेते हैं।

निर्णयों को लागू करने में यदि सख्ती की आवश्यकता होती है, तो वह इसी अनुरूप पेश आते हैं। लोगों से मिलने, जुलने और संवाद स्थापित करने में उनकी विनम्रता की हर कोई तारीफ करता है।

उन्होंने तुलसीदास के एक दोहे का जिक्र करते हुए कहा-तज दे बचन कठोर। राजनीति में मीठा होना बहुत कठिन होता है, लेकिन सीएम धामी को चार वर्षों में कठोर बोलते हुए किसी ने नहीं देखा है।

हालांकि, राज-काज चलाने के लिए जहां जरूरी होता है, वह सख्ती बरतते हैं। उन्होंने योजनाओं के सफल क्रियान्वयन और इनमें जनसहभागिता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि सरकार विकास की राह में तेजी से बढ़ रही है। भगत दा ने खुलकर अपने मन की कहकर जनता व पार्टी को भी काफी कुछ इशारे दे दिए।

गौरतलब है कि नवरात्र में कैबिनेट में फेरबदल की चर्चा भी जोरों पर है। नतीजतन, दून से लेकर दिल्ली तक भाजपा का तापमान भी उछाल मार रहा है। ऐसे में भगत दा का सीएम धामी पर लुटाया गया दुलार दून से लेकर दिल्ली तक हलचल तो मचा ही गया।

गोष्ठी में अन्य वक्ताओं ने भी की तारीफ


गोष्ठी में बोलते हुए दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो ़सुरेखा डंगवाल ने कहा कि यूसीसी पर सीएम धामी ने जो कदम उठाया, वह बेहद साहसिक था। इससे जुड़ी चुनौतियों और आशंकाओं का पूर्व अनुमान था, लेकिन उत्तराखंड ने इसे कर दिखाया। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो ़नवीन चंद्र लोहनी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को उत्तराखंड में बेहतर ढंग से लागू करने के लिए धामी सरकार बढ़िया ढंग से काम रही है।

उन्होंने कहा कि चाहे स्कूली शिक्षा हो, उच्च शिक्षा हो या फिर दूरस्थ शिक्षा ही क्यों न हो, उत्तराखंड ने पिछले चार वर्षों में बहुत अच्छी स्थिति प्राप्त की है।
यूकाॅस्ट के महानिदेशक प्रो ़दुर्गेश पंत ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार में सरकार बेहद दिलचस्पी लेकर काम कर रही है। खुद सीएम धामी समय-समय पर इस संबंध में योजनाओं की माॅनीटरिंग कर रहे हैं। यही वजह है कि देश की पांचवीं साइंस सिटी उत्तराखंड में अगले साल तक अस्तित्व में आ जाएगी।

मीडिया सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रो ़गोविंद सिंह ने कहा कि नकल पर सख्त कानून लाकर धामी सरकार ने नियुक्तियों में पारदर्शी के लिए ठोस कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य में इतना सख्त नकल विरोधी कानून नहीं है।
दून विश्वविद्यालय के डीन प्रो ़ हरीश चंद्र पुरोहित ने धर्मांतरण विरोधी कानून पर अपने विचार रखे। उच्च शिक्षा के पूर्व उप निदेशक प्रो ़गोविंद सिंह रजवार ने कहा कि चार वर्षों में उच्च शिक्षा का प्रदेश में स्तर बढ़ा है।

हिंदी अकादमी दिल्ली के पूर्व सचिव डा हरिसुमन बिष्ट ने कहा कि यह पहला राज्य है, जहां पर सरकार कलाकारों और साहित्यकारों को पुरस्कार में एक से पांच लाख रूपये तक का इनाम दे रही है।


वरिष्ठ पत्रकार विजेंद्र रावत, वैज्ञानिक आईएस नेगी, विधायक सुरेश गड़िया, विधायक सविता कपूर ने कहा कि राष्ट्रीय खेल जैसे कई बडे़ आयोजनों को धामी सरकार ने सफलतापूर्वक आयोजित किया है। प्रवासी परिषद के उपाध्यक्ष पूरण चंद्र नैलवाल ने कहा कि प्रवासियों के बीच जाकर सरकार ने बेहतरीन कार्य किया है।

राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में प्रवासियों का फिर से सम्मेलन कराया जा रहा है।
संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद की उपाध्यक्ष मधु भट्ट ने आभार प्रकट करते हुए सीएम धामी को संवेदनशील और विकासशील सीएम बताया। दर्जाधारी राज्य मंत्री विनोद उनियाल ने कहा कि राज्य हित में सरकार ने बेहतरीन कार्य किया है।

कार्यक्रम के संयोजक मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक मदन मोहन सती ने उत्तराखंड के विकास में अहम साबित हो रहीं योजनाओं का विस्तार से जिक्र किया। संचालन नीरज बवाड़ी ने किया। इस मौके पर मदन मोहन सती की लिखित पुस्तक नायक से जननायक पुष्कर सिंह धामी का विमोचन भी किया गया।

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