…पेशाब पिलाई…सिर पर मूता.. थूक चटवाया
जांच के आदेश
देखें, पीड़ित युवक का वीडियो
अविकल उत्तराखण्ड
टिहरी। जिले की पुलिस पर एक युवक को प्रताड़ित करने व अमानवीय कृत्य के गम्भीर आरोप चस्पा हुए हैं। चार महीने जेल में बंद रहने के बाद लम्बगांव निवासी युवक ने वीडियो बयान जारी कर टिहरी पुलिस के कृत्यों का खुलासा कर सनसनी मचा दी। वीडियो वायरल होते ही मामले के तूल पकड़ते ही जांच के आदेश कर दिए गए।
आईजी गढ़वाल ने इस प्रकरण पर टिहरी एसएसपी से रिपोर्ट तलब की है। एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि मामले की जांच सीओ को सौंपी गई है और उन्हें 15 दिन में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। साथ ही पुलिसकर्मियों का तबादला भी किया जाएगा।
आयुष अग्रवाल ने कहा कि अगर किसी के पास मामले से जुड़े तथ्य हैं तो वह जांच अधिकारी को बताएं। उन्होंने कहा कि केशव थलवाल पर पांच मुकदमे दर्ज हैं।
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स्थानीय निवासी केशव थलवाल ने पुलिस पर सनसनीखेज और बर्बरता भरे आरोप लगाए हैं। थलवाल का कहना है कि उन्होंने अंकिता भंडारी हत्याकांड और केदार सिंह हत्याकांड से जुड़ी पुलिस की कथित नाकामियों को उजागर किया था। जिसके चलते उन्हें 9 मई को थाने में कैद कर अमानवीय यातनाएं दी गईं।
पीड़ित के अनुसार पुलिस ने उन्हें निर्वस्त्र कर पीटा, पेशाब पिलाई, थूक और जूता चटवाया।
केशव थलवाल ने आरोप लगाया कि लंबगांव थानाध्यक्ष और एक उपनिरीक्षक ने एसएसपी के बुलावे का बहाना बनाकर उन्हें कार में बैठाया और सीधे कोटी कॉलोनी चौकी ले जाकर चार महीने तक जेल में रखा।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने उन्हें डंडों और बेल्ट से पीटा, दर्द से चीखने पर थूका हुआ पानी पीने और जूता चाटने पर मजबूर किया। पुलिस ने पेशाब भी पिलाई और उन पर हमला करने की कहानी गढ़कर फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया।
एसएसपी टिहरी का बयान
https://x.com/uttarakhandcops/status/1969010525972414691?t=ySzbAS0JMt5_bE9f-KXYrA&s=08
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर पुलिस की कथित नाकामियों को उजागर करने के कारण ही उनके साथ यह ज्यादती हुई।
पीड़ित- केशव थलवाल, निवासी लंबगांव
– आरोप : निर्वस्त्र कर पीटना, पेशाब पिलाना, थूक व जूता चाटवाना
– घटना तिथि : 9 मई 2025
– जेल में समय : लगभग 4 महीने
– जांच : सीओ नरेंद्रनगर को सौंपा गया, 15 दिन में रिपोर्ट
– आरोप पौड़ी में अंकिता भंडारी हत्याकांड की तीसरी बरसी पर सार्वजनिक मंच पर लगाए गए।
– पीडि़त का कहना है कि सोशल मीडिया पर पुलिस की कथित नाकामियों को उजागर करने के कारण यह घटना हुई।
– जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई तय होगी।

