मुख्य सूचना आयुक्त ने कहा, विस सचिव जांच करें, एक माह के अंदर दे सूचना
सुप्रीम कोर्ट ने दल बदल पर फैसला नहीं लेने पर जताई थी नाराजगी
स्पीकर के निर्णय नहीं लेने पर सूचना आयोग में दायर की गई थी अपील
मोर्चा बोला- ऋतु खंडूरी के इस्तीफे तक जारी रहेगा संघर्ष
विधानसभा सचिवालय में आरटीआई प्रकरणों के रखरखाव पर उठे सवाल
सूचना आयोग ने प्रथम अपील के निस्तारण और नियमावली बनाने के दिए निर्देश
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। उत्तराखण्ड सूचना आयोग ने विधानसभा सचिवालय में आरटीआई से जुड़े पत्रों के रखरखाव और कार्रवाई में गंभीर लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाया है। मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूड़ी ने निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के दल बदल कानून के उल्लंघन से जुड़ी अपील (संख्या 42977/2025-26) की सुनवाई करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि विभागीय अपीलीय अधिकारी (उप सचिव, विधानसभा सचिवालय) एक माह के भीतर अपीलार्थी को पूर्ण सूचना उपलब्ध कराएं और प्रथम अपील का विधिवत निस्तारण करें।
मामला जन संघर्ष मोर्चा से जुड़े जयपाल सिंह की अपील से जुड़ा था। जिन्होंने निर्दलीय विधायक के दल बदल कानून के उल्लंघन सम्बन्धी याचिका पर विधानसभा सचिवालय से सूचना मांगी थी।

अपीलार्थी ने बताया कि उनका पत्र पंजीकृत डाक से भेजा गया था, लेकिन सचिवालय की ओर से दावा किया गया कि पत्र प्राप्त ही नहीं हुआ। आयोग ने इसे गंभीर व आपत्तिजनक मानते हुए कहा कि सचिवालय में आरटीआई आवेदनों और प्रथम अपीलों का समुचित रखरखाव नहीं हो रहा है।
मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूडी ने सचिव, विधानसभा सचिवालय को निर्देशित किया है कि प्रकरण की जांच करें और भविष्य में आरटीआई से संबंधित आवेदनों एवं प्रथम अपीलों के निस्तारण के लिए सुदृढ़ नियमावली तैयार कर संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दें। साथ ही की गई कार्रवाई की सूचना आयोग को भी भेजी जाए।
स्पीकर की रहस्यमय चुप्पी- मोर्चा
जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने आरोप लगाया कि खानपुर विधायक उमेश कुमार के दल-बदल मामले में विधानसभाध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने बचाव की भूमिका निभाई। इस प्रकरण का खुलासा मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूड़ी ने जन संघर्ष मोर्चा के जयपाल सिंह की अपील पर हुई सुनवाई के दौरान भी हुआ।
नेगी ने बताया कि ढाई से तीन वर्ष तक याचिका पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने पंजीकृत डाक से विधानसभा अध्यक्ष एवं सचिव को कार्रवाई हेतु पत्र भेजे, लेकिन विधानसभा सचिवालय ने मौखिक निर्देशों और दबाव में आकर पत्रों के सचिवालय तक न पहुंचने का हवाला दिया। यह दर्शाता है कि पूरा मामला दबाने की कोशिश की गई।
मुख्य सूचना आयुक्त ने सुनवाई में विधानसभा सचिवालय की लापरवाही को गंभीर मानते हुए उपसचिव और सचिव को समुचित जांच तथा अनुरोध पत्रों/अपीलों के निस्तारण के निर्देश दिए।
नेगी ने कहा कि हैरानी की बात है कि जिस विधायक पर ब्लैकमेलिंग, जालसाजी, यौन शोषण और संपत्ति हड़पने जैसे गंभीर आरोप हों, ऐसे विधायक का बचाव विधानसभाध्यक्ष क्यों कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले ने विधानसभाध्यक्ष की मिलीभगत की पोल खोल दी है।
गौरतलब है कि अप्रैल 2022 में खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने नई पार्टी बनाने का ऐलान किया था। मई में विधानसभा में दल बदल कानून के उल्लंघन सम्बन्धी याचिका दाखिल की गई थी। लेकिन विधानसभा भर्ती घोटाले में तुरत फुरत 200 से अधिक तदर्थ कर्मियों को नौकरी से हटाने वालीं स्पीकर ऋतु खण्डूडी उमेश कुमार के मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं ले पायीं।
तीन साल से अधिक समय बीतने के बाद भी विधायक उमेश कुमार की सदस्यता पर फैसला नहीं होने पर कई सवाल उठ रहे हैं।

पूर्व के सालों में भी विधानसभा स्पीकर दल बदल कानून के उल्लंघन के मामले में कई विधायकों से इस्तीफा के चुके हैं। लेकिन स्पीकर ऋतु खंडूड़ी किस दबाव में उमेश कुमार की विधायकी पर निर्णय नहीं ले पा रही है। यह भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
यहां यह भी अहम बात है कि बीते मई महीने में विस सचिवालय ने याचिकाकर्ता और विधायक को नोटिस जारी किया था। लेकिन उसके बाद क्या फैसला लिया गया। यह किसी को पता नहीं।
इधऱ, मोर्चा सदस्य जयपाल की आरटीआई पर मांगी गई सूचना पर भी विधानसभा सचिवालय ने कह दिया कि उन्हें यह पत्र मिला ही नहीं। जबकि पंजीकृत डाक से पत्र भेजा गया था।
इधऱ, जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ नेगी ने कहा कि दल बदल कानून के उल्लंघन पर चुप्पी ओढ़ने वालीं स्पीकर ऋतु खंडूरी के इस्तीफे तक मोर्चा चुप बैठने वाला नहीं है।
स्पीकर नहीं लें समय पर फैसला तो लोकतंत्र को होगा नुकसान” – सुप्रीम कोर्ट
देश की सर्वोच्च अदालत ने विधायकों और सांसदों की अयोग्यता याचिकाओं में समय-बद्धता न बरतने वाले स्पीकरों की प्रक्रिया पर कड़ी नाराज़गी जताई है। जुलाई 2025 के इस आदेश से हलचल मच गई ।

चीफ जस्टिस बी.आर. गवई एवं जस्टिस ए.जी. मसीह की बेंच की तल्ख टिप्पणी और स्पीकर को तीन महीने में निर्णय लेने के आदेश के बाद हलचल मच गई
सुप्रीम कोर्ट ने ये तीखी टिप्पणी गुरुवार 31 जुलाई 2025 को की। सर्वोच्च न्यायालय ने तेलंगाना विधानसभा के स्पीकर को दस BRS विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं का निर्णय तीन महीने के भीतर लेने का निर्देश देते हुए, गम्भीर विलंब और लोकतंत्र पर संभावित खतरों को लेकर स्पष्ट टिप्पणी कर सिस्टम को कठघरे में खड़ा कर दिया।
दक-बदल कानून के उल्लंघन का एक चर्चित मसला उत्तराखण्ड से भी जुड़ा है। इस मुद्दे पर स्पीकर ने तीन महीने ही नहीं बल्कि तीन साल से ज्यादा निकाल दिए। लेकिन कोई फैसला नहीं दिया।



उत्तराखण्ड सूचना आयोग देहरादून, उत्तराखण्ड
अपील संख्या: 42977/2025-26
अपील अंतर्गत धारा 19 (3) सू.का अधि. अधिनियम, 2005
समक्ष : श्रीमती राधा रतूड़ी, मुख्य सूचना आयुक्त, उत्तराखण्ड
अपीलार्थी :
श्री जयपाल सिंह, पुत्र श्री रघुवीर सिंह, जन संर्ध मोर्चा मेहुवाला खालसा, अम्बाडी, देहरादून।
बनाम
प्रत्युत्तरदाता :
- लोक सूचना अधिकारी/ अनुभाग अधिकारी, उत्तराखण्ड विधान सभा सचिवालय, देहरादून।
- विभागीय अपीलीय अधिकारी / उप सचिव, उत्तराखण्ड विधान सभा सचिवालय, देहरादून।
- सचिव, उत्तराखण्ड विधान सभा सचिवालय, देहरादून।
आदेश
आज सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से मी० असम उपस्थित हैं। उनके द्वारा अपना अधिकार पत्र दिनांकित 11/09/2025 प्रस्तुत किया गया, जिसे पत्रावली का भाग बनाया गया। लोक सूचना अधिकारी/अनुभाग अधिकारी, उत्तराखण्ड विधान सभा सचिवालय, देहरादून, श्री नीरज चौधरी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हैं। उनकी आख्या पत्र दिनांकित 03/09/2025 संलग्नकों सहित प्रस्तुत की गई. जिसे पत्रावली का भाग बनाया गया।
- अपीलार्थी द्वारा मूल अनुरोध पत्र दिनांकित 16/11/2024 के द्वारा लोक सूचना अधिकारी / सचिव कार्यालय विधान सभा सचिवालय, उत्तराखण्ड, देहरादून से जन संघर्ष मार्चा अध्यक्ष श्री रघुनाथ सिंह नेगी द्वारा दिनांक 29/11/2024 के संबंध में 02 बिंदुओं की सूचनायें मांगी।
. लोक सूचना अधिकारी/अनु राचिव, विधान रामा राचिवालय, देहरादून द्वारा अपीलार्थी को पत्र दिनांक 13/01/2025 के माध्यम से सूचनायें उपलब्ध करायी गयी।
- प्राप्त सूचना से संतुष्ट न होकर अपीलार्थी द्वारा दिनांक 04/02/2025 को विभागीय अपीलीय अधिकारी / उप सचिव, विधान सभा सचिवालय, देहरादून के समक्ष दिनांक 04/02/2025 को प्रथम अपील दायर की गई, जिसके निस्तारण की कोई सूचना पत्रावली में मौजूद नहीं है।
- अपने द्वित्तीय अपीलीय प्रार्थना पत्र दिनांकि 26/05/2025 में अपीलार्थी ने उल्लेख किया है कि उन्हें पूर्ण सूचनायें उपलब्ध नहीं करायी गयी है तथा प्रथम अपील का निस्तारण भी नहीं किया गया है। अपीलार्थी ने पूर्ण सूचनायें उपलब्ध कराये जाने का निवेदन किया है।
- आज सुनवाई के समय उपस्थित लोक सूचना अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि अपीलार्थी द्वारा अपने मूल अनुरोध पत्र में श्री रघुनाथ सिंह नेगी के पत्र दिनांक 29/11/2024 का उल्लेख किया गया है, उक्त पत्र कार्यालय में प्राप्त नहीं हुआ है। इस संबंध में अपीलार्थी द्वारा अवगत कराया गया कि उनके द्वारा पंजीकृत डाक के माध्यम से विधानसभा सचिवालय में प्रेषित किया गया था। यह अत्यंत गंभीर तथा आपत्तिजनक है कि विधान सभा सचिवालय उत्तराखण्ड में सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत आनेवाले अनुरोध पत्रों/पत्रों का समुचित रूप से न ही रखरखाव किया जा रहा है और न ही उन पर नियमानुसार कार्यवाही ही की जा रही है। उक्त अनुरोध पत्र में अपीलार्थी द्वारा जिस पत्र का उल्लेख किया गया है वह विधान सभा सचिवालय में प्राप्त होने अथवा न होने के संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। विभागीय अपीलीय अधिकारी/उप सचिव, उत्तराखण्ड विधान सभा सचिवालय, देहरादून को निर्देशित किया जाता है कि वे एक माह के भीतर उभय पक्ष को नोटिस निर्गत करते हुए गुण-दोष के आधार पर प्रथम अपील का निस्तारण कर अपीलार्थी को नियमानुसार समस्त धारित सूचनायें उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें तथा अनुपालन आख्या आयोग में प्रेषित करना सुनिश्चित करें।
- उपरोक्त दिये गये निर्देश के क्रम में प्रस्तुत अपील प्रथम विभागीय अपीलीय अधिकारी / उप सचिव, उत्तराखण्ड विधान सभा सचिवालय, देहरादून को प्रेषित की जा रही है। साथ ही इस आदेश की प्रति सचिव, उत्तराखण्ड विधान सभा सचिवालय, देहरादून को इस अपेक्षा के साथ प्रेषित की जा रही है कि वे प्रस्तुत प्रकरण की समुचित जांच करें तथा भविष्य में सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत प्राप्त होने वाले अनुरोध पत्रों तथा प्रथम विभागीय अपीलों केबप्राप्ति व निस्तारण हेतु सुदृढ़ नियम उत्तराखण्ड विधानसभा सचिवालय हेतु बनाते हुए संबंधित कर्मचारियों / अधिकारियों को निर्देशित करना सुनिश्चित करें तथा कृत कार्यवाही से आयोग को भी अवगत करायें।
- उपरोक्त्तानुसार प्रस्तुत द्वितीय अपील का निस्तारण किया जाता है।
पत्रावली दाखिल दफ्तर की जाये।
आज खुले में घोषित, हस्ताक्षरित एवं दिनांकित ।
दिनांक : 11/09/2025
( राधा रतूड़ी) मुख्य सूचना आयुक्त

