पेपर लीक – सरकार ने एसआईटी को सौंपी जांच

हाईकोर्ट के रिटायर जज एक महीने में पूरी करेंगे जांच, देखें आदेश

बेरोजगार संघ ने कहा, सीबीआई जांच से कम मंजूर नहीं

कई शहरों में प्रदर्शन जारी

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामले में सरकार ने एसआईटी के गठन का फैसला किया है।
उत्तराखंड सरकार ने रिटायर्ड हाईकोर्ट जज की अध्यक्षता में एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया है।
एसआईटी एक महीने के भीतर अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंपे। इस दौरान परीक्षा परिणाम की घोषणा स्थगित रहेगी। सीएम धामी ने कहा कि सरकार नकल माफिया को दफन कर देगी ।

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग परीक्षा प्रकरण की जांच एसआईटी करेगी – मुख्य सचिव

हाईकोर्ट के रिटायर जज करेंगे एसआईटी जांच की निगरानी

बीते रविवार को सम्पन्न उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा में सामने आई शिकायतों की जांच एसआईटी करेगी। यह जांच हाईकोर्ट के रिटायर जज के पर्यवेक्षण में सम्पन्न की जाएगी।

मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने बुधवार को मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार के लिए परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और शुचिता के साथ ही अभ्यर्थियों का हित सर्वोपरि है। इसी क्रम में गत रविवार को सम्पन्न परीक्षा में सामने आई शिकायतों की जांच एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी द्वारा कराई जाएगी। उक्त एसआईटी का कार्यक्षेत्र पूरा प्रदेश होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि जांच निष्पक्ष ढंग से हो इसके लिए यह भी एसआईटी जांच की निगरानी हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज के द्वारा की जाएगी। सेवानिवृत्त जज और एसआईटी सभी जिलों में जाएंगे, इस दौरान कोई भी व्यक्ति उन तक परीक्षा से संबंधित तथ्य और सूचना दे सकता है। उन्होंने बताया कि जांच एक माह में सम्पन्न की जाएगी, तब तक के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से परीक्षा के संबंध में आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि एसआईटी जांच में दोषी व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो इसके लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। साथ ही विवादों के केंद्र में स्थित हरिद्वार के परीक्षा केंद्र पर जिस भी व्यक्ति की लापरवाही सामने आती है, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए छात्रों का हित सबसे ऊपर है। साथ ही यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि छात्रों और आमजन का परीक्षा प्रणाली पर भरोसा बना रहे।

विशेष अन्वेषण दल में शामिल अधिकारी—

अध्यक्ष: जया बलूनी, पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण, देहरादून

सदस्य: अंकित कंडारी, क्षेत्राधिकारी, देहरादून

सदस्य: लक्ष्मण सिंह नेगी, निरीक्षक, स्थानीय अभिसूचना इकाई, देहरादून

सदस्य: गिरीश नेगी, उप निरीक्षक/थानाध्यक्ष, रायपुर, देहरादून

सदस्य: राजेश ध्यानी, उप निरीक्षक, साईबर पुलिस स्टेशन, देहरादून।

दल को पूरे प्रदेश में जांच का अधिकार होगा। अध्यक्ष आवश्यकता अनुसार अन्य अधिकारियों व विशेषज्ञों का सहयोग भी ले सकती हैं। शासन ने कहा कि SIT की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

दूसरी ओर, परेड ग्राउंड इलाके में तीसरे दिन भी
बेरोजगारों का धरना प्रदर्शन जारी रहा। बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल ने सचिव शैलेश बगौली से मिलाने लाये गए हरिद्वार के के एक संस्थान के छात्रों का मसला उठाया। वक्ताओं ने कहा कि इस मामले में साफ बौखलाहट दिखाई देती है। धरने में बड़ी संख्या में छात्राएं व महिलाएं भी पहुंची।

इसके अलावा प्रदेश के कई अन्य इलाकों में भी प्रदर्शन की खबरें सामने आ रही हैं।  गौरतलब है किबीते 21 सितंबर को प्रदेश भर के 445 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित इस परीक्षा के दौरान कुछ प्रश्न पत्रों के स्क्रीनशॉट्स वायरल होने की सूचना मिली थी।।

इस पर तत्काल जांच शुरू की गई। पुलिस ने मुख्य आरोपी खालिद को गिरफ्तार किया, जो पहले आईआईपी देहरादून और लोक निर्माण विभाग में संविदा कर्मी रह चुका था।

खालिद के साथ उसकी बहन सबिया और अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है। जांच में सामने आया कि खालिद जिस केंद्र में परीक्षा दे रहा था, वहां जैमर लगे होने के बावजूद कमरा नंबर 9 में जैमर नहीं था। इसी कमरे से खालिद ने परीक्षा के तीन पन्ने अपनी बहन को भेजे। फिलहाल खालिद का मोबाइल गायब है, जिसे बरामद करना पुलिस के लिए सबसे अहम चुनौती बनी हुई है।्रएसआईटी की जांच पूरे मामले की गहन पड़ताल करेगी ताकि परीक्षा में शामिल सभी आरोपियों और नेटवर्क की परतें उजागर की जा सकें।

यूकेएसएसएससी पेपर लीक के खिलाफ युवाओं का गुस्सा फूटा, कई शहरों में हुआ विरोध-प्रदर्शन

देहरादून। यूकेएसएसएससी के पेपर लीक मामले को लेकर प्रदेशभर में युवाओं का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बीते रविवार को परीक्षा के दौरान सामने आए पेपर लीक के आरोपों के बाद सरकार ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन युवाओं और राजनीतिक संगठनों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है। बुधवार को विकासनगर, उत्तरकाशी और अल्मोड़ा में बेरोजगार संघ और अन्य संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन और रैलियां निकाली।

उत्तरकाशी में जोरदार प्रदर्शन


उत्तरकाशी में काली कमली धर्मशाला से शुरू होकर मुख्य बाजार, विश्वनाथ चौक और कलक्ट्रेट परिसर तक युवाओं ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान उत्तराखंड क्रांति दल और बेरोजगार संघ के नेताओं ने आंदोलन की अगुवाई की। युवाओं ने आरोप लगाया कि सरकार कह रही है कि पेपर लीक नहीं हुआ, लेकिन छात्रों को बसों में बिठाकर झूठ बोलवाया जा रहा है। उन्होंने उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच की मांग की।

अल्मोड़ा में रैली


अल्मोड़ा में उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के नेतृत्व में युवाओं ने सरकार के खिलाफ रैली निकाली और पेपर को रद्द कर दोबारा परीक्षा कराने की मांग की। स्वाभिमान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेंद्र कोरंगा ने कहा कि परीक्षा तिथि पूर्व में आपदा के कारण स्थगित नहीं की गई, जिसके चलते छात्र टूटी सड़कों के बीच परीक्षा केंद्र पहुंचे। हाकम सिंह की गिरफ्तारी के बाद परीक्षा कराए जाने से संदेह पैदा हुआ। उन्होंने आयोग में बदलाव और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

असली दोषियों को बचा रही सरकार


विकासनगर, उत्तरकाशी और अल्मोड़ा में युवाओं ने पेपर लीक के विरोध में प्रदर्शन और रैलियां निकालीं। युवाओं का आरोप है कि सरकार और आयोग द्वारा वास्तविक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही और आंदोलन को कमजोर करने के लिए रणनीति बनाई जा रही है।

15-15 लाख रुपये मांगे थे


यूकेएसएसएससी परीक्षा से ठीक पहले नकल माफिया हाकम सिंह और उसके साथी को गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि उन्होंने कुछ अभ्यर्थियों को परीक्षा में पास कराने का झांसा देकर 15-15 लाख रुपये की मांग की थी।

खालिद का मोबाइल खुलासे की अहम कड़ी
पुलिस का मानना है कि खालिद का मोबाइल ही इस पूरे गिरोह की अहम कड़ी है। मोबाइल बरामद होने पर इसमें मौजूद चैट, कॉल रिकॉर्ड और तस्वीरों से पेपर लीक की पूरी साजिश का पता चल सकता है।

पेपर लीक मामले में अब तक छह गिरफ्तारी, जांच जारी

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में पुलिस ने अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है। लगभग एक दर्जन संदिग्ध रडार पर हैं। मुख्य आरोपी खालिद मलिक को मंगलवार को हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था।


इसके साथ ही उसकी बहन सबिया को भी हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने खालिद के फरार होने के बाद उसकी तलाश में कई स्थानों पर छापेमारी की थी। खालिद ने स्वीकार किया कि उसने परीक्षा केंद्र में जाकर वॉशरूम में प्रश्नपत्र की तस्वीरें खींची और उन्हें अपनी बहन को भेजा, जिन्होंने उन्हें एक सहायक प्रोफेसर को भेजा।


इसके अलावा, हाल ही में दो अन्य आरोपियों, पंकज गौर और हकम सिंह, को गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों ने अभ्यर्थियों से 12 से 15 लाख रुपये की मांग की थी, ताकि वे परीक्षा में सफल हो सकें। हाकम सिंह पहले भी 2021 में पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हो चुका है। पुलिस की विशेष जांच दल मामले की गहनता से जांच कर रही है और आरोपियों के खिलाफ नकल विरोधी अधिनियम 2023 के तहत कार्रवाई की जा रही है।

अभी तक गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं

  1. खालिद मलिक – मुख्य आरोपी
  2. सबिया – खालिद की बहन
  3. पंकज गौर – आरोपी
  4. हाकम सिंह – आरोपी
    ५. सुमन – आरोपी
    6-हिना

एसआईटी अध्यक्ष : रिटायर्ड हाईकोर्ट जज
जांच अवधि : एक महीना
मुख्य आरोपी : खालिद
मोबाइल : अभी तक बरामद नहीं
रिजल्ट : जांच पूरी होने तक स्थगित
कानूनी आधार : उत्तराखंड नकल विरोधी अधिनियम 2023

Pls clik-पेपर लीक से जुड़ी खबरें

पेपर लीक- सरकार की चौखट पर अलग-अलग गुटों की दस्तक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *