बेरोजगारों के आंदोलन में फूट डालने की कोशिश नाकाम-भाकपा माले

बेरोजगारों के आंदोलन में कूदी भाकपा माले

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। भाकपा (माले) के राज्य सचिव इन्द्रेश मैखुरी ने कहा कि सरकार स्कूल के बच्चों को आगे कर आंदोलन में फूट डालना चाहती है। बेरोजगारों के धरना स्थल पर बोलते हुए मैखुरी ने कहा कि पूर्व में भी सरकारी कर्मियों को आगे कर वार्ता की कहानी रची गयी यजी।

और इस बार भो हरिद्वार से छात्रों को गुमराह कर लाया गया। और सचिव से मिलवा कर परीक्षा निरस्त नहीं करने की बात कहलवाई।

उन्होंने कहा कि इस साजिश से पर्दा उठ चुका है। और फूट डालने की कोशिश नाकाम हो गयी है।

उन्होंने कहा कि आयोग के अध्यक्ष जी.एस. मर्तोलिया अपनी नाकामी स्वीकार करने के बजाय पेपर आउट की तकनीकी परिभाषा देकर युवाओं को गुमराह कर रहे हैं। आयोग के अध्यक्ष और सचिव को तत्काल पद से हटाया जाना चाहिए।

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय परीक्षा का प्रश्नपत्र परीक्षा शुरू होने के आधे घंटे के भीतर ही बाहर आ जाना आयोग और राज्य सरकार के “साफ-सुथरी परीक्षा” कराने के दावे को कटघरे में खड़ा करता है। यह घटना सरकार के नकल विरोधी कानून की पोल खोलती है।

मैखुरी ने आरोप लगाया कि यह घटना बताती है कि पूर्व में नकल कांड में गिरफ्तार हाकम सिंह की कार्रवाई महज एक छोटा स्टंट थी। उन्होंने सवाल उठाया कि सख्त कानून के बावजूद हाकम सिंह जेल से बाहर आकर फिर सक्रिय कैसे हो गया। सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए और हाकम सिंह के हाकिमों का खुलासा होना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों में आयोग से लेकर विधानसभा तक हुई तमाम भर्तियों की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में सीबीआई से कराई जानी चाहिए। विधानसभा में बैकडोर से नियुक्तियों के मामले में केवल कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई, लेकिन उन अध्यक्षों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया जिन्होंने नियुक्तियां की थीं। उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।

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