CBI ने पूर्व निदेशक समेत तीन पर दर्ज किया मुकदमा

AIIMS ऋषिकेश में 8 करोड़ का घोटाला

अविकल उत्तराखण्ड

नई दिल्ली/ ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ऋषिकेश में करोड़ों का घोटाला सामने आया है। कार्डियोलॉजी विभाग में 16 बेड की कोरोनरी केयर यूनिट (CCU) बनाने और उपकरण लगाने के नाम पर 8 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए, लेकिन यूनिट एक दिन भी नहीं चल पाई।

जांच में खुलासा हुआ है कि उपकरणों की आपूर्ति अधूरी रही, जो लगे वे घटिया गुणवत्ता के थे और कई सामान तो गायब ही मिले। हैरानी की बात यह भी है कि इस मामले से जुड़ी टेंडर फाइल भी गायब हो गई है।

यह मामला 2017 का है। तब दिल्ली की कंपनी एमएस प्रो मेडिक डिवाइसेस को ठेका दिया गया था। 2019-20 में दो किस्तों में उपकरण भेजे भी गए और एम्स ने 8.08 करोड़ रुपये का भुगतान भी कर दिया, लेकिन सीसीयू कभी शुरू नहीं हो सका।

बीते 26 मार्च को सीबीआई और एम्स अधिकारियों की संयुक्त जांच में अनियमितताओं की पुष्टि हुई। इसके बाद 26 सितंबर को सीबीआई एसीबी देहरादून ने पूर्व निदेशक डॉ. रविकांत, पूर्व खरीद अधिकारी डॉ. राजेश पसरीचा, पूर्व स्टोर कीपर रूपसिंह समेत अज्ञात सरकारी व निजी लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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