हिमालयन अस्पताल में लेजर तकनीक से बवासीर का इलाज

अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने किया यूनिट का उद्घाटन

लेजर हैमरॉइडोप्लास्टी तकनीक से मरीजों को दर्द व रक्तस्राव से मिलेगा छुटकार

अविकल उत्तराखंड

डोईवाला- हिमालयन हॉस्पिटल, जौलीग्रांट के शल्य चिकित्सा विभाग में आज बवासीर (हैमरॉइड्स) के न्यूनतम इनवेसिव उपचार हेतु अत्याधुनिक लेजर सर्जरी यूनिट का शुभारंभ किया गया।

इस आधुनिक सुविधा का उद्घाटन स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना द्वारा किया गया। इस अवसर पर विभाग के वरिष्ठ संकाय सदस्य, सर्जन, रेजिडेंट्स एवं स्टाफ मौजूद रहे।

विभागाध्यक्ष डॉ. हेमंत नौटियाल ने बताया कि लेजर हैमरॉइडोप्लास्टी (एलएचपी) तकनीक पारंपरिक शल्य चिकित्सा की तुलना में मरीजों को दर्द रहित और रक्त रहित विकल्प प्रदान करती है। इसके माध्यम से मरीज शीघ्र स्वस्थ होकर जल्द ही अपने कार्य पर लौट सकते हैं।

उन्होंने कहा कि इस अत्याधुनिक लेजर सिस्टम की स्थापना से अस्पताल में रोगियों को विश्व स्तर पर स्वीकार्य आधुनिक और उन्नत उपचार उपलब्ध हो सकेगा।

इस आधुनिक सुविधा का उद्घाटन स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के अध्यक्ष डॉ.विजय धस्माना द्वारा किया गया। इस अवसर पर विभाग के इस दौरान निदेशक (अस्पताल सेवाएं) डॉ.हेमचंद्र पांडेय, प्रिसिंपल डॉ.रेनू धस्माना, वरिष्ठ संकाय सदस्य, सर्जन, रेजिडेंट्स एवं स्टाफ मौजूद रहे।

“हिमालयन अस्पताल, जौलीग्रांट सदैव मरीज-केंद्रित स्वास्थ्य सेवाओं और आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। लेजर उपचार जैसी नवीनतम सुविधाएं हमारे अस्पताल को क्षेत्र का अग्रणी स्वास्थ्य केंद्र बनाती हैं और मरीजों के लिए सुरक्षित, सहज व गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुनिश्चित करती हैं।“ – डॉ.विजय धस्माना, अध्यक्ष, स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय, जौलीग्रांट”

शुभारंभ के साथ पहली सर्जरी सफलतापूर्वक
डॉ. हेमंत नौटियाल ने बताया कि अस्पताल में शुभारंभ के साथ इस लेजर तकनीक की मदद से पहली सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। सर्जरी के दौरान मरीज को न्यूनतम दर्द हुआ और रक्तस्राव भी नहीं हुआ। सर्जरी के बाद मरीज पूरी तरह स्वस्थ है और जल्द ही सामान्य जीवन तथा कामकाज में लौटने में सक्षम है। यह सफलता इस तकनीक की सुरक्षा और प्रभावशीलता को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।

लेजर हैमरॉइडोप्लास्टी (एलएचपी) क्या है ?
-यह बवासीर (हैमरॉइड्स) का एक आधुनिक, मिनिमली इनवेसिव (कम चीरा लगाने वाला) उपचार है।
-इसमें लेजर तकनीक से बवासीर की सूजी हुई नसों को सिकोड़कर सामान्य किया जाता है।
-यह प्रक्रिया रक्त रहित, दर्द रहित और टांकों से मुक्त होती है।
-मरीज को सामान्य जीवन में लौटने में बहुत कम समय लगता है।

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