एसआरएचयू में उत्तर भारत की पहली एआर-वीआर लैब स्थापित

स्वास्थ्य शिक्षा में जुड़ा नया अध्याय, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पॉल ने किया औपचारिक उद्घाटन

मेडिकल छात्र-छात्राओं सहित चिकित्सकों को मिलेगा व्यावहारिक प्रशिक्षण

हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज जौलीग्रांट में सिम्यूलस-10 का भव्य शुभारंभ, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ कर रहे मंथन

अविकल उत्तराखंड

डोईवाला। हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एचआईएमएस), जौलीग्रांट में सिम्यूलस-10 का भव्य शुभारंभ हुआ। चिकित्सा शिक्षा से जुड़े विशेषज्ञों ने कहा कि यह आयोजन सिमुलेशन-आधारित प्रशिक्षण को नई दिशा देने वाला साबित होगा।
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट के आदि कैलाश सभागार में सम्मेलन का उद्घाटन दीप प्रज्जवलन और गुरु वंदना से हुआ। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. विनोद के. पॉल, सदस्य, नीति आयोग, भारत सरकार ने कहा कि यह सम्मेलन स्वास्थ्य शिक्षा में गुणवत्ता और सुरक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है।

इस अवसर पर सम्मेलन की स्मारिका एवं नवजात देखभाल हेतु सिमुलेशन पुस्तिका (डब्ल्यूएचओ- सीसी, एम्स नई दिल्ली द्वारा विकसित) का विमोचन भी किया गया।

कार्यक्रम का समापन डॉ. राकेश कुमार के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस अवसर पर डॉ. विनय नदकर्णी (अंतरराष्ट्रीय मेंटर, यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया), डॉ. विजयानंद जमालपुरी (अध्यक्ष, पेडीस्टर्स), डॉ.विजेंद्र चौहान, डॉ.रेनू धस्माना सहित देश-विदेश से आए विशेषज्ञों, प्रतिनिधियों और विश्वविद्यालय परिवार के सभी वरिष्ठ सदस्यों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

लाइम लैब का शुभारंभ – चिकित्सा शिक्षा में ऐतिहासिक कदम
इस मौके पर SRHU ने चिकित्सा शिक्षा में एक नया अध्याय जोड़ते हुए लेबोरेटरी फॉर इमर्सिव मेडिकल एजुकेशन (एलआईएमई) का शुभारंभ किया। यह उत्तर भारत की पहली एआर-वीआर लैब है, जिसका उद्घाटन नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल ने किया।

यह अत्याधुनिक उत्कृष्टता केंद्र वर्चुअल रियलिटी (वीआर), ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) और सिमुलेशन तकनीकों पर आधारित है। इसका उद्देश्य मेडिकल छात्रों, डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को वास्तविक परिस्थितियों का अनुभव कराते हुए प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके क्लिनिकल कौशल, निर्णय क्षमता और रोगी सुरक्षा को और सुदृढ़ किया जा सके।

विशेषज्ञों के विचार

डॉ. विनोद के. पॉल, सदस्य, नीति आयोग, भारत सरकार: “भारत स्वास्थ्य शिक्षा में विश्वस्तरीय मानक स्थापित कर रहा है। सिमुलेशन-आधारित प्रशिक्षण इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय की ओर से शुरू की गई एआर-वीआर लैब चिकित्सा प्रशिक्षण को अधिक व्यावहारिक, सुरक्षित और रोगी-केंद्रित बनाएगी।”

डॉ. विजय धस्माना, अध्यक्ष, स्वामी राम हिमायन विश्वविद्याल, जौलीग्रांट: “स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय सदैव तकनीकी नवाचार और मानवीय मूल्यों के संतुलन को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। सिमुलेशन तकनीक चिकित्सकों, पैरामेडिकल व नर्सों को वास्तविक परिस्थितियों के लिए तैयार करती है। यह न केवल उनके क्लिनिकल कौशल को निखारती है बल्कि रोगी सुरक्षा को भी सर्वोपरि बनाती है।”

डॉ.अशोक देवराड़ी, आयोजन समिति के अध्यक्ष- इस वर्ष का थीम है “क्वॉलिटी और सेफ़्टी के लिए हेल्थकेयर सिमुलेशन।” ‘सिम्यूलस 10’ स्वास्थ्य शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल है, जो आने वाले समय में चिकित्सा क्षेत्र की गुणवत्ता और दक्षता को और सशक्त बनाएगी।‘

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